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पौनः
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पौषी
पौनः (पुन पुन ष्यत्र) बार-बार आवृत्ति।
पौरुषेयः (पुं०) मनुष्य वधा पौनरुक्तं (नपुं०) [पुनरुक्त+अण] आवृत्ति, दुहराना, बार-बार मानव समूह। कहना, शब्दार्थ पुनर्वचन।
पौरुषोऽर्थ (वि०) पुरुष सम्बंधी अर्थ। (जयो० २/२२) आधिक्य, अनावश्यकता, निरर्थकता।
पौरुष्यं (नपुं०) [पुरुष+ष्यञ्] साहस, शौर्य। पौनः पुण्येन (अव्य०) पुनः पुनः मुहुर्मुहु। (जयो० १२/१४६) पौरोगवः (पुं०) [पुरोऽग्रगौः नेत्रं यस्य पुरोगु+अण] पौनर्भव (वि०) [पुनर्भू+अञ्] विधवा से सम्बन्ध रखने राजभवन का अधीक्षक। वाला। दुहराया।
राजा का सचिव, नृप अधीक्षक। पौनर्भवः (पुं०) पुनः उत्पत्ति।
पौरोभाग्यं (नपुं०) [पुरोभागिन् ष्यञ्छिद्रान्वेषण, दोषदर्शन। पौर (वि०) [पुर+अण] किसी नगर से सम्बन्ध रखने वाला। ०दुर्भावना, ईर्ष्या। पौरः (पुं०) शहरी नागरिक।
पौरोहित्यं (नपुं०) [पुरोहित ष्यञ्] कुल पौरोहित। पौरकं (नपुं०) [पौर+कै+क्] निकटवर्ती उद्यान, गृह के पौर्णमास (वि०) [पूर्णमासी अण] पूर्णिमा से सम्बन्धित। समीवर्ती उपवन।
पौर्णमासः (पुं०) अनुष्ठित संस्कार। पौरगणः (पुं०) पुरवासी समूह। (जयो० २१/७५)
पौर्णमासी (स्त्री०) [पौर्णमास+ङीप्] पूर्णिमा। पूर्णो मासो पौरजानपद (वि०) शहर से सम्बन्ध रखने वाला।
यस्यां सा पूर्णो मा चन्द्रमा अस्यामिति। पौरंदर (वि०) [पुरंदर+अण] इन्द्र से प्राप्त।
पौर्णिमा (स्त्री०) [पूर्णिमा+अल्+टाप्] पूर्णिमा का दिन। पौरंदरं (नपुं०) ज्येष्ठा नक्षत्र।।
पौर्तिक (वि०) [पूर्त+ठक्] पुण्य से सम्बन्धित पवित्र भाव से पौरनारी (नपुं०) पुरन्ध्रीजनी। (जयो० ३/१०७)
सम्बन्ध रखने वाला। पौरव (वि०) [पुरु+अण्] पुरु के वंश में उत्पन्न।
पौर्व (वि०) [पूर्व+अण] ० भूतकाल सम्बन्धी। पौरवर्गः (पुं०) प्रजा। (समु० ६/८५)
पूर्व दिशा से सम्बन्ध रखने वाला। पौरवीय (वि०) पौरव का भक्त।
पौर्वदेहिक (वि०) [पूर्वदेह+ठक्] पूर्व जन्म से सम्बन्धित। पौरवृद्धः (पुं०) नगर का ज्येष्ठ व्यक्ति।
पौर्वपदिक (वि०) [पूर्वपद+ठञ्] पूर्व पद से सम्बन्धित रखने ___०उपनगरपाल, प्रमुख नागरिक।
वाला। पौरवस्तुक् (पुं०) ऋषभ पुत्र भरत। (वीरो० १८/२४६) पौर्वापर्य (नपुं०) [पूर्वापर व्यञ्] पूर्ववर्ती-पश्चिमवर्ती से पौरस्त्य (वि०) [पुरस्+त्यक्] पूर्वी, पूर्ववर्ती, प्रथम।
युक्त पूर्वापर से सम्बन्ध रखने वाला। पौराण (वि०) [पुराण+अण] प्राचीन, पुरा, प्राक्कालीन।
अनुक्रम, क्रम, उचित। पौराणिक (वि०) [पुराण ठक्] प्राचीन, पुराण सम्बंधी (हित० पोर्वाहिक (वि०) [पूर्वाह्न ठञ्] मध्याह्न से पूर्व का सम्बन्ध। ३१) अतीतकाल के उपाख्यान का ज्ञाता।
पौर्विक (वि०) [पूर्व+ठञ्] पूर्वकालीन, पैतृक। पौराणिकः (पुं०) पुराण विज्ञ, पुराण विद।
०पुराना, प्राचीन। पौरुष (वि०) [पुरुष+अण] पुरुष सम्बंधी, पुरुषोचित, मानवी, | पौलस्त्यः (पुं०) [पुलस्ते अपत्यम्-पुलस्ति यञ्] रावण। पुरुषार्थ। (जयो० २/१०)
___०कुबेर, विभीषण। पौरुषः (पुं०) मनुष्य द्वारा ढोया जाने वाला बोझ। पौरुषणि पौलिः (पुं०) [पोल इब] पूडी, पुरी। पुरुषार्थादि। (जयो० ६/९७)
प्रान्तभाग। (वीरो० ३/१) पौरुषं (नपुं०) काम, चेष्टा, प्रयत्न, पौरुष, पुनरिह, चेष्टितं पौलोमी (स्त्री०) [पुलोमन्+अण+ङीप] शची, इन्द्राणी। ___दृष्टम्। (दयो० १२) उद्यम, परिश्रम।
पौलोमीशः (पुं०) इन्द्र. देव। (सुद० ४/४७) पौरुषथः (पुं०) संयोग। (दयो० ५७)
पौलोमीसंभवः (पुं०) जयन्त। पौरुषा (स्त्री०) स्त्री, नारी।
पौषः (पुं०) [पौषी+अण्] युद्ध (जयो० ८/३४) पुष्य नक्षत्र पोरुषेय (वि०) [पुरुष ढञ्] मनुष्यकृत, मानवीय कृत।
में रहने वाला नक्षत्र। पौषमुत्सवयुद्ध योरिति विश्वलोचन:आध्यात्मिक, पुरुषोचित।
| पौषी (स्त्री०) पौष महिने को पूर्णिमा।
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