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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४२४ झोषः झः (पुं०) [झट+ड] झंझावात, झन झन, खन खन। झग-झगायति-चमकना, दमकना, चमचमाना। झगति (अव्य०) झटिति, शीघ्र, तुरन्त। (जयो० ६/७२, समु०७/१५) झगिति देखो ऊपर। झङ्कारः (पुं०) झन-झनाहट, भिन भिनाना। झङ्कतं (नपुं०) झन-झनाहट, खन खनाहट। कलकृतामितिझंकृत नपुरं क्वणित-किङ्किणी-कङ्कृत-कङ्गणम्। (वीरो०६/२९) झङ्कारिणी [झङ्कार+इनि+ङीप्] भागीरथ, गंगानदी। भकृतिः (स्त्री०) [झम्+कृ+क्तिन्] खन-खनाहट, झन-झनाहट। झञ्झनं (नपु०) [झञ्झ्+ल्युट्] झनझनाना, खनखनाना, आभूषणों का शब्द विशेष। झज्झा (स्त्री०) [झमिति अव्यक्तशब्दं कृत्वा झटिति वेगेन वहति-झम्+झट्+ड+टाप्] तूफान, आंधी, हवा और पानी। झञ्झानिलः (पुं०) तूफान, आंधी, अन्धड़, तेज हवा, गतिवान् चक्रावात। झञ्झानिलोऽपि किं तावत्कम्पेयेन्मेका (वीरो० १०/३६) झञ्झावात: (पुं०) तूफान, आंधी, अन्धड़, तीव्रगामी हवावेग। (वीरो० १०/१३) (जयो० वृ० १५/२१) झञ्झावायु (स्त्री०) तीव्रवेग युक्त हवा, तूफान, आंधी, अन्धड़। झटिति (अव्य०) शीघ्र, तुरन्त, जल्दी से। झणझणं (नपुं०) [झणत+डाच्] झनझनाहट। झणझायित (वि०) झन-झन करता हुआ, खन-खनाहट युक्त। झणिका (स्त्री०) शोषिका। (जयो० २/१३३) झणत्कारः (पुं०) झनझलाहट। झप्पनं (नपुं०) झोंखा। (जयो० वृ० २४/११) हवा का प्रहार। झम्पः (पुं०) छलांग, उछल कूद। झम्या (स्त्री०) [झम्+पत्+टाप्] छलांग, कूद, गिरना, उछलना। झम्पाकः (पुं०) बन्दर, लंगूर। झरः (पुं०) झरना, प्रपात, निर्झर, जलप्रपात, प्रवाह। (जयो० १४/९३) झरदुत्तरल (वि०) झरती हुई चंचल, झज्ञमनुकुर्वती उत्तरले (जयो० २६/६९) झरा (स्त्री०) निर्झर, झरना। झर्झरः (पुं०) [झर्झ+अरन्] झांझ, मञ्जीरा, (जयो० १२/७९, १०/१९) झर्झरिन् (पुं०) शिव। झलझला (स्त्री०) [झलझल इत्यव्यक्तः शब्दः] झड़ी, फड़फड़ाहट। झलझलावशी (स्त्री०) झंझावात के आधीन। झलंझलावशीभूता समेति व्येति या ध्वजा। (वीरो० १०/१३) झला (स्त्री०) लड़की, धूया, पुत्री, कन्या। झल्लः (पुं०) मल्ययोद्धा। झल्लकं (नपुं०) [झल्ल-कन्] झांझ मीरा। झल्लरी (स्त्री०) [झर्ड्स+अरन् ङीष्] झांझ, मंजीरा, एक वाद्य विशेष चर्म से मढा हुआ गोल आकार वाला वाद्य। झल्लरी चर्मावनद्ध-विस्तीर्ण-वलयाकारा आतोद्यविशेषरूपा। झल्लरीसंस्थानं (नपुं०) झालर के आकार वाला लोक, मध्यलोक। झल्लिका (स्त्री०) १. उबटन, २. प्रभा, कान्ति, चमक। झषः [झष्+अच्] मछली, मत्स्य। (दयो० २/२) (जयो० २१/६१) मगरमच्छ, मीन (वीरो० ७/११) २. गर्मी, ताप, सन्ताप। झषकेतनः (पुं०) कामदेव, मदन। झषकेतुः (पुं०) कामदेव। झषता (वि०) मछलीपन। झषस्य च शफरता, रलयोरभेदात् सफलता झषता वा मुत:? (जयो० वृ० ९/१४) झषयुग्मः (पुं०) मीन युगल, स्वप्न में दृश्य मछली का जोड़ा। 'विनोदपूर्णो झषयुग्मसम्मितिः' (वीरो० ४/५९) झषावर्तः (पुं०) मत्स्योवृत्त, आचार्य वन्दनादि के लिए घूमकर जाना। झषाशनः (पुं०) सूंस झाङ्कृतं (नपुं०) [झङ्कृत्+अण] १. पायजेब, झांझन। २. छपधप शब्द। झाटः (पुं०) [झट्+घञ्] १. पर्णशाला, लतामण्डप। २. कान्तार। झिटिः (स्त्री०) [झिम्+रट्+अच्+ङीष्] झाड़ी विशेष। झिरिका (स्त्री०) झींगुर। झिल्लिः (स्त्री०) १. झींगुर, २. वाद्य यन्त्र। झिल्लिका (स्त्री०) [झिल्लि+कन्+टाप्] १. झींगुर, २. दीप्ति, प्रभा, चमक। झिल्ली (स्त्री०) झींगुर, दीपवर्तिका। झीसका (स्त्री०) झींगुर। झुण्डः (पुं०) वृक्ष, झाड़ी। (सुद० १०१) झुषिरः (पुं०) तृण शय्या। झोषः (पुं०) एक गणित, जिस राशि के मिलाने पर भागहार सम होता है। For Private and Personal Use Only
SR No.020129
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages438
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size14 MB
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