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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चित्रं ३८९ चित्रोल्लिखित चित्रं (अव्य०) अहो! कैसा विश्मय। क्या अद्भुत बात। चित्रफलकं (नपुं०) चित्रपटल, चित्र रखने का काष्ठफलक। चित्रकः (पुं०) तिलक। (जयो०६/३०) चित्रबहः (पुं०) मयूर। चित्रकरुचिः (स्त्री०) तिलक शोभा। 'चित्रक नाम तिलकं । चित्रभानु (पुं०) १. सूर्य, बह्नि। चित्रभानुरिनेऽनले इति विश्वतस्य रुचिं शोभा व्रजति। (जयो० वृ० ६/३०) लोचनः' इन सूर्य इत्यर्थः (जयो० २४/९९) (जयो० १५/२५) चित्रकष्ठ: (पुं०) कबूतर। चित्स्थिति (स्त्री०) १. परमात्मस्थिति (जयो० २/१२२) २. चित्रकथालापः (पुं०) रोचक कथा श्रवण, मनोरंजन कथा मदार पादप, ३. भैरव। सुनना। चित्रभित्तिः (स्त्री०) चित्र युक्त भित्तियां, विविध चित्रों से चित्रकम्बलः (पुं०) नाना प्रकार के वर्णों वाली झूल, हाथी की खचित दीवाल। चित्र भित्तिषु समर्पितदृष्टौ तत्र शश्वदपि झूल, रंगों से परिपूर्ण कालीन, गलीचा। मानवसृष्टौ। (जयो० ५/१९) चित्रकरः (पुं०) चित्रकार, अभिनेता। चित्रमण्डलः (पुं०) सर्प विशेष। चित्तकर्मन् (नपुं०) सजाना, अलंकृत करना, चित्र बनाना, चित्रमाला (स्त्री०) एक राजपुत्री, चक्रपुर के राजा अपराजित प्रदर्शन करना, जादूगरी दिखलाना। की पुत्री। (समु० ६/१८) चित्रकायः (पुं०) चीता, चित्तल। चित्रमृगः (पुं०) चितकबरा हिरण। चित्रकारः (पु०) रंगकर्मी। चित्रमेखलः (पुं०) मयूर, मोर, चित्रवर्ह, चित्रपिच्छक। चित्रकूटः (पुं०) पर्वत विशेष। चित्रयोधिन् (पुं०) अर्जुन का एक नाम। चित्रकृत् (पुं०) चित्रकार, चित्रकर्मी, रंगकर्मी। चित्ररथः (पुं०) सूर्य, रवि। १. नाम विशेष। चित्रक्रिया (स्त्री०) चित्रकारी, कलाकृति। चित्रल (वि०) चितकबरा। चित्रखचित (वि०) चित्र से युक्त, चित्रित, चित्र में बने हुए। चित्रलेख (वि०) सुन्दर रूप रेखा वाला, अत्यन्त सुंदर रेखा। 'चित्रेषु खचितानि लिखितानि' (जयो० वृ० ५/१०) चित्रलेखकः (पुं०) चित्रकार। चित्रग (वि०) विचित्र, उल्लिखित, चित्रांकित। चित्रलेखा (स्त्री०) नाम विशेष, प्रसिद्ध राजकन्या। चित्रगत (वि०) चित्र में अंकित, उल्लिखित। चित्रविचित्रं (स्त्री०) नाना प्रकार के वर्ण वाला। चित्रगुप्तः (पुं०) यमराज का लेखाधिकारी। चित्रविद्या (स्त्री०) चित्रकला। चित्रगृहं (नपुं०) १. रंगशाला, नाट्यशाला। २. विचित्र गृह। चित्रसंस्थ (वि०) चित्रित। चित्रचेष्टा (स्त्री०) मूर्त चेष्टा, चित्र रचना। प्रसरन्मृदुपल्लवेष्टया चित्रहस्तः (पुं०) हाथ की विचित्र स्थिति। सुलताङ्गीकृतचित्रचेष्टा। (जयो० १०/१४) 'चित्रस्य युवति चित्रा (स्त्री०) [चित्र+अच्+टाप्] १. नक्षत्र विशेष, २. चित्रा प्रतिमूर्तश्चेष्टा' (जयो० वृ० १०/१४) नामक स्वर्ग अप्सरा। (जयो० वृ० १८/७४) चित्रजल्पः (पु०) विविध वार्तालाप, नाना प्रकार से कथन। चित्रामः (स्त्री०) मैना, सारिका। चित्रता (वि०) शबलता (जयो० ६/३८) चित्राख्यात् (पुं०) विचित्र शोभा। चित्रो विचित्र इति ख्यातो या चित्रत्वच् (पुं०) भूर्जतरु। भा किरणः। (जयो० वृ० २२/१६) चित्रदण्डकः (पुं०) कास पादप, कपास का पौधा। चित्रानं (नपुं०) पीत, लाल वर्णादि युक्त अन्न, पीले चावल। चित्रन्यस्त (वि०) चित्रित, रेखांकित। चित्रानुरूपः (नपुं०) नानावर्ण। (जयो० २५/१२५) चित्रपक्षः (पुं०) तीतर। चित्रापूपः (पुं०) विविध व्यञ्जनों से परिपूर्ण पुएं, पुड़ी। चित्रपटः (पुं०) आलेख, तस्वीर, छायाकृति, छायांकन। चित्रार्पित (वि०) चित्रित। चित्रपद (वि०) विविध रूप में विभक्त, ललित पदावली, चित्रारंभः (वि०) चित्रित। सुन्दर पदावली चित्रोक्तिः (स्त्री०) सुष्ठुवचन युक्त कथन/उपदेश। चित्रपादा (स्त्री०) मैना, सारिका। चित्रोदतः (पुं०) पीत-चावल, पीले अक्षत। चित्रपिच्छकः (पुं०) मयूर, मोर। चित्रोल्लिखित (वि०) चित्रयुक्त। 'बभूव चित्रोल्लिखितेव गोचरा' चित्रपृष्ठः (पुं०) चटिका, चिड़िया। (जयो० २३/३३) For Private and Personal Use Only
SR No.020129
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages438
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size14 MB
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