________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कर्कन्दुगण:
२६०
कर्णरोगोपहार
कर्कन्दुगण: (पुं०) १. बन्धुवर्ग, २. पद्मसमूह। १. कर्कन्दूनां
साक्षराणं गणे, २. कर्कन्दूनां कमलानां गणः। कुमुदाशयः
कैरववर्गो विकसति। (जयो० वृ० ६/९६) कर्कन्धुः (पु०) [कर्क-कण्टकं दधाति-ध+कू] उन्नाव वृक्षा कर्कर (वि०) [कर्क रा+क] १. कठोर, दृढ़, शक्तिशाली, २. ____ हथौड़ा, ३. दर्पण, ४. हड्डी, ५. खप्पर। ६. चमड़े का पट्टा। कर्कराक्षः (वि०) हिलती पूंछ वाला पक्षी, खंजन पक्षी। कर्करांगः (पुं०) खंजन पक्षी। कर्करांधुकः (पुं०) अन्धक्कूप। कर्कराटुः (पुं०) कटाक्ष, तिरछी दृष्टि। [कर्क हास रटति |
प्रकाशयति कर्क+रट्+कुञ्] कर्करालः (पुं०) [कर्कर+अल्+अच्] चूर्ण कुंतल, धुंघराले
केश। कर्कराशि: (स्त्री०) कर्कराशिः। (जयो० वृ० १७/५६) कर्करी (स्त्री०) छिद्रयुक्त पात्र। कर्कशा (वि०) [कर्क+श] कठोर, दृढ़, शक्तिशाली। (जयो०
१२/५४) १. निष्ठुर, क्रूर, क्रोधी, निर्दय, दया रहित, २.
प्रचण्ड, प्रबल (जयो० १३/८) 'रोमांच भरेण कर्कशौ'। कर्कशा (वि०) कठोरपरिणामी, निर्दय स्वभावी। (जयो० वृ० ।
१७/३३) कर्कशिवा (स्त्री०) [कर्कश कन्+टाप्] अरण्य बेर, जंगलीबेर,
झडबेर. ०चनबेर। कर्किः (स्त्री०) [कर्क इन्] कर्क राशि। कर्कोटः (पुं०) [क+ओट] कर्कोट सर्प। कर्नूरः (पुं०) [कर्ज+ऊर] सुगन्धित तरु। कर्ण ( अक०) १. छेद करना, सुराख करना, भेदना। २. सुनना। कर्णः (पुं०) कान, [कर्ण्यते आकर्ण्यते अनेन-कर्ण+अप्]
श्रवण, श्रवणेन्द्रिय, कर्णेन्द्रिय, पांच इन्द्रियों में अन्तिम इन्द्रिय/करण। शरीर की पहचान का एक अवयव। 'कर्णी सवर्णी प्रतिदेशमेष' (जयो० १/६२) कुत्सित ऋण, कुत्सित ऋण को दूर करने के लिए (जयो० वृ० २०/७४) एक योद्धा विशेष। (कर्णरज, वीरो० ९/१९) 'स कर्ण
वत्कम्पकरं च योगिन्' कर्णकर्ज (नपुं०) कर्णपुष्प, कर्णभूषण। कमल रूपी कर्णाभूषण। |
(जयो० १७/६६) कर्ण-कण्डति (स्त्री०) कर्णखर्जन, कान की खुजली। 'कर्णस्य
कण्डूति खर्जनम्' (जयो० ६/८९)
कर्णक्ष्वेडः (पुं०) कर्ण में गूंजना, निरंतर कान में आवाज होना। कर्णगोचर (वि०) कर्ण में सुनाई पड़ना, कर्ण श्रवण। कर्णग्राहः (पुं०) कर्णाधार, कर्णधार। कर्णजप (वि०) पिशुन, चुगलखोर। कर्णजपः (पुं०) निन्दा करना, झूठी बात कहना। कर्णजापः (पुं०) कलंक लगाना, निन्दा करना। कर्णजित् (वि०) श्रवण विजेता, अर्जुन, पाण्डुपुत्र अर्जुन। कर्णत्वर (वि०) दुत्क्षित ऋण। (जयो० २००४) कर्णदेशः (पुं०) कर्णप्रान्त, कर्णभाग। 'स्वामि-कर्णदेशेऽप्यपूरयद्'
(जयो० ९/९४) कर्णधारः (पुं०) कर्णप्रान्त, कर्णभाग, कर्णदेश. २. कर्णतक
खिंचे हुए। 'तरल-तरीषविशिष्टोऽनुकर्णधाराशुगेन सन्तरति।' (जयो० ६/६६) ३. नौकासञ्चालक (जयो० वृ० ६/६६)
चालक, मल्लाह। कर्णधारिणी (स्त्री०) १. हथिनी, २. सञ्चालिका। कर्णपथः (पुं०) कर्णमार्ग, कर्णप्रान्त, कर्णदेश, कर्णभाग,
श्रवणगत श्रवणपरास। (जयो० ४/५३) 'येन कर्णपथतो
हृदुदारमेत्य' (जयो० ४/५३) कर्णपरम्परा (स्त्री०) जनश्रुति, श्रवणश्रुति, लोक परम्परा। कर्णपालिः (स्त्री०) कर्णफूल, कान की लौंग। कर्णपाशः (पुं०) मनोरम कर्ण। कर्णपुटः (पुं०) कर्णमार्ग, श्रवण पथा 'स्तवीमि या कर्णपुटेन
गत्वा' (जयो० ११/७६) कर्णपूरः (पुं०) १. शिरीषवृक्ष, अशोक वृक्ष। (जयो० २१/३०) कर्णपूर-परिणामः (पुं०) १. शिरीष वृक्ष के प्रकार। (जयो० - वृ० २१/३०) २. कर्णपूराणां-शिरीषाणां 'कर्णपूराणां
कर्णभूषणानां (जयो० वृ० २१/३०) कर्णपूरकः (पुं०) कर्णाभूषण, कर्ण के गोलाकार भूषण,
बाली। २. अशोक वृक्ष, शिरीषवृक्ष। ३. नीलकमल। कर्णप्रान्तः (पुं०) कर्णदेश, कर्णभाग, श्रवणपथ। कर्णभूषणं (नपुं०) श्रवणशृंगार, कर्णालंकरण, अवतंसोत्पल।
(जयो० वृ० १०/६५) कर्णभूषा (स्त्री०) कर्णाभूषण। कर्णमूलं (नपुं०) कर्ण प्रान्त, कान का मूल हिस्सा। कर्णराज (पुं०) कर्ण राजा (वीरो० ९/१९) कर्णरोगोपहार (वि०) कर्ण/श्रवण रोग का नाशक। 'ओं ह्री
अर्ह अणंतोहि जिणाणं इत्यादिना मन्त्रेण कर्णरोगोपहारो भवति। (जयो० वृ० १९/६१)
For Private and Personal Use Only