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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra आधमनं www.kobatirth.org आधमनं (नपुं०) [आ+घा+कमनम् ] धरोहर, निक्षेप राशि। आधमर्यं (वि० ) [ अधमर्ण+ ष्यञ् ] कर्जदारी, ऋणता । आधर्मिक (वि०) [ अधर्म+ठञ् ] अन्यायी वचनविरुद्ध, बेइमानी। धर्म विरुद्ध होने वाला । + आधर्षः (पुं०) [आ+ पृष्+घञ्] घृणा निन्दा, दोष आघर्षण (नपुं०) (आ+धृष्+ ल्युट्] " दोष, अपराध, घृणा, निराकरण अपमान । आधर्षित (भू० कृ० ) [ आ + धृष्+क्त] तिरस्कृत, अपमानित, निंदित, घृणित, दोषासक्त। आधाकर्मन् (नपुं०) प्राणियों को बाधा पहुंचाना। आहा अहे य कम्मे आहाकम्मे आधा अर्थ य कर्म आधाकमे आधानं आधा साधुनिमित्तं चेतसः प्राणिधानम् । या षट्जीवनिकायानां विराधनोद्रापनादि आधाकर्यं नाम । आधाकर्मिक (वि०) साधुओं के निमित्त बनाया गया आहार । आधाकर्मिका (वि० ) अधः कर्म वाला | आधारः (पुं०) [आघञ्] आश्रय, स्तंभ, टेक, सहारा। आधारि (वि०) आश्रयजन्य (सुद० २ / ३० ) आधि (स्त्री०) [आधा कि] मानसिक खेद, मानसिक व्याधि, ० पीड़ा. ० वेदना, ०दुःख, ०सन्ताप, ०विपत्ति, ० अभिशाप, रुज (जयो० ६/३१) (जयो० २४/८९) पुंस्याधिर्मानसी व्यथा 'इत्यमरः । ' आधिकरणिकः (पुं०) न्यायधीश। आधिकरिणिकी (स्त्री०) अधिकरण क्रिया, हिंसा जन्य क्रिया । आधिकारिक (वि०) अधिकारी, सर्वोच्च, सर्वश्रेष्ठ प्रधान आधिक्य (वि०) [ अधिक+ध्यञ्] बहुलता, बहुतायत, भारी, अधिकता। आधिदैनिक ( वि० ) [ अधिदेव+ठञ् ] दैवकृत, भाग्याधीन । आधिपत्यं (नपुं० ) [ अधिपति+ यक्] सर्वोच्चता शक्ति, प्रभुता, अधिकार। आधिभौतिक (वि० ) [ अधिभूतञ्] प्रारंभिक, भौतिक, सांसारिक पीड़ा। आधिराज्यं (नपुं० ) [ अधिराज्+ष्यज्] अधिकार, प्रभुता, शक्ति । आधिवेदनिकं (नपुं० ) [ अधिवेदनाय हितं] संतोष युक्त, ०संतोष प्रदान, ०प्रारम्भिक संतोष आधीनं (वि०) आश्रय आधार । 'तदङ्गजाप्यन्वयनीत्यधीना' (जयो० १/४०) आधीनता (वि.) दासता (जयो० वृ० २/२०) (सुद० १००) आधुनिक (वि०) [ अधुना ज्]]] [[अचेतन, नूतन नवीन, १५२ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आनद्ध ० नया, ० आज का । सुखैकसिद्धयै सुदृशोऽत्र हेतुः श्रद्धामहो, नाधुनिक : स्विदेतु। (जयो० २ / ६६ ) आधोरण ( पं० ) ( आधोरल्यूट महावत, हरित आरोहका आध्यात्म (वि०) आत्म सम्बन्धी । आध्यात्मनिष्ठ (वि०) आत्म सम्बन्धी विचार से परिपूर्ण 'शुक्ल ध्यानपरायणोऽऽध्यात्मनिष्ठ' (दयो० २२) ० शुक्लध्यान परायण । ० विशुद्ध स्वभाव वाला। आध्यात्मिक ( वि० ) [ अध्यात्म + ठञ् ] आत्मा से सम्बन्ध रखने वाला, परमात्म दृष्टि वाला। आध्यानं (नपुं० ) [ आ+ध्या+ ल्युट्] संसार, शरीर, भोगादि का बार-बार चिन्तन, मनन, चिन्ता | आध्यापकः (पुं०) १. उपदेष्टा, उपाध्याय, जो स्वयं अध्ययन करता या कराता हो। (अध्यापक + अण्) २. शिक्षक, गुरु, दीक्षा गुरु । आध्यासिक (वि० ) [ अध्यास ठक्] वस्तु आरोपण, एक दूसरे पर आक्षेप आधृ (सक० ) [ आ + धृ] धारण करना, आधार बनाना, उपाय करना सारवन् पथि निजं परानऽऽ धारयेन्नृपतिरीतिहत्कथाः। (जयो० २ / ११८) आध्वनिक (वि०) [ अध्यन्+ठक्] यात्री, प्रवासी। आन (पुं० ) [ आ+अन् विव] १. श्वांस लेना, फूंक मारना। २. उच्छवास जो संख्यात आवली प्रमाण है। संख्येया आवलिका आन: एक उच्छवास इत्यर्थः । आनकः (पुं० ) [ आनयति उत्साहवतः करोति अल्ि ०ढक्का, ०पटह, ०दुन्दुभी, ढोल, ०नगाड़ा. ० भेरी 'आनकः पटो ढक्का' इत्यमरः । आनकोऽप्येष पुनः प्रवीणः (सुद० २/ २१) अहो यदीयानकतानकेन रवेः सवेगं गमनं च तेन । (जयो० १/१९) आनकतानं (नपुं०) प्रयाण की आवाज, 'आनको जयकुमारस्य प्रयाणवादित्रं तस्य तानकेन शब्देन भयभीतः' (जयां० वृ० १ / १९ ) आनणीय (वि०) हितकारी (वीरो० २२/२६ ) आनत (वि० ) [ आ + नम्+क्त] नम्रीभृत, नमित, झुका हुआ। (जयो० ६/३) आनतिः (स्त्री०) [आ+नम्+क्तिन्] पञ्चाङ्गप्रणामकरणम्। For Private and Personal Use Only ० प्रणाम, नमन, नमस्कार, ०झुकाव, झुकना, ०नम्रता, ० अभिवादन, ०सत्कार ० श्रद्धा । आनद्ध (वि० ) [ आ + नह्+क्त] बांधा गया, मढ़ा हुआ, अवरुद्ध |
SR No.020129
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages438
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size14 MB
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