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असदृश
१३०
असहन
असदृश (वि०) ०असमान, अयोग्य, ० अनुपयुक्त, प्रतिकूल, | असमानगुणः (पुं०) असदृश गुण, विलक्षण गुण, विषम गुण। असंबद्ध।
असमानगुणोऽन्येषां। (समु० ९/२१) असदृश-अनुभागः (पुं०) अनेक वर्गणाओं की उदीरणा। असम्पत्ति (वि०) १. सम्पत्ति रहित, निर्धनता युक्त, दरिद्र। २. असदृशवेष (वि०) अनार्यवेष धारक, ०अभद्र परिधान, दुर्भाग्य, सौभाग्यहीन। अशोभनीय परिवेश।
असम्पूर्ण (वि०) अधूरा, अपूर्ण, कम, हीन, ०आंशिक। असद्ध्यानं (नपुं०) वस्तु स्वरूप का जानना, दुर्ध्यान असम्बद्ध (वि०) ०असंगत, निरर्थक, ०व्यर्थ, ०बेकार, आर्त-रौद्रध्यान।
०अनुपयोगी, ०अनुचित, ०अर्थविहीन। असद्पः (पुं०) मिथ्यारूप, असत् प्रदर्शित। (वीरो० २९/६) असम्बन्ध (वि०) सम्बन्ध विहीन, अनुपकारी, विच्छेद युक्त। असद्भावः (पु०) दुर्भाव, मिथ्या परिणाम।
असम्बाध (वि०) १. विस्तृत, व्यापक, विस्तार युक्त। २. बाधा असद्भूत-व्यवहारः (पुं०) अन्य अर्थ में प्रसिद्ध धर्म के अन्य रहित, एकान्त, निर्जन, सुगम। अर्थ में समारोप, अविद्यमानता का समारोप।
असम्भव (वि०) सम्भव नहीं, उत्पत्ति रहित, अस्तित्व विहीन, असद्यस् (अव्य०) शीघ्रता न करके, बहुत समय व्यतीतकर। सम्भावना मुक्त! असन् (नपुं०) रुधिर।
असम्भव्य (वि०) अशक्य, अबोध्य, असमर्थ। असनं (नपुं०) [अस्+ ल्युट्] फेंकना, दूर करना, हटाना। असम्भावना (वि०) अशक्यता, असमर्थता। असन्दिग्ध (वि०) स्पष्ट, स्वच्छ, निरापद, ०सार्थक, असम्भृत (वि०) प्राकृतिक, स्वाभाविक, अप्रकाशमान, उपायों ०संदेह रहित, सभ्यक्, उचित, मंगलकारी।
से रहित। असन्धि (वि०) १. सन्धि रहित, मेल रहित। २. बन्धनमुक्त, असम्मत (वि०) १. तर्क विहीन, पक्ष रहित, स्वपक्ष अबद्ध, स्वतन्त्र।
बाधक, २. अनुमोदन रहित, अस्वीकृत। ३. अरुचिकर, असन्नद्ध (वि०) १. असम्बद्ध, सम्बन्ध रहित। २. धूर्त, अहंकारी। घृणास्पद। ४. असहमत, भिन्न-भिन्न मत वाले। असन्निकर्षः (पुं०) मन से वस्तुओं का गोचर न होना, पदार्थों असम्मतिः (स्त्री०) असहमति, अस्वीकृति। का आभास न होना।
असम्मोहः (पुं०) ०मोह का अभाव, शान्तचित्त, प्रशान्त, असन्निवृत्तिः (स्त्री०) मुड़ना नहीं, लौटना नहीं, परावर्तन नहीं करना। धीर, ०शुद्धहृदय। असफलता (वि०) सफलता रहित। (सुद०७२)
असम्यक् (वि०) अशोभन्, ठीक नहीं। साम्प्रत सुमतिराह असभ्य (वि०) ०अशिक्षित, ०अनपढ़, शिक्षा विहीन, असदृश, निशम्य स्वामिभाषितमिवेदसम्यक। (जयो०४/१२)
असमान, ०अयोग्य, अशिष्ट, अनघट, ०अभद्र। असम्यक्त्व (वि०) ०सर्व पापों से विरत, ०अदर्शन, ज्ञानातिशय असम (वि०) विलक्षण, विषम, विसदृश, समानता न होना, ऋद्धि प्राप्त नहीं होना, सभ्यग्दर्शन का रहित। 'बहिरमीष्वसमेषु विकारतः।' (जयो० २६/६२)
अभाव। असमञ्जस (वि०) विसंवाद, वितर्क, अस्पष्ट, अयुक्त, असलं (नपुं०) (अस्+कलच्) अयस्क, लोह। ०अनुचित, निरर्थक (जयो० १२)
असवर्ण (वि०) भिन्न जाति वाला. भिन्न वर्ण वाला। असमवायिन् (वि०) ०आनुषंगिक, विच्छेद्य, ०अन्तर्हित रहित, 'असवर्णविवाहश्च प्रभवत्यार्षसम्मत:।' (हितसंपादक पृ०
०प्रगाढ़ता विहीन। असमस्त (वि०) अपूर्ण, अधूरा, वियुक्त, असम्बद्ध। असवर्ण विवाहः (पुं०) सज्जाति के अभाव वाला विवाह, असमर्थ (वि०) अनीश्वर, सामर्थ्य रहित। (जयो० वृ०८/१६) विजाति विवाह। 'असवर्णविवाहोऽस्तु, काऽस्माकं
अर्थ/रहस्य को नहीं जानने वाला। कलङ्कमेत्वङ्कदलं तदर्थ क्षतिरित्यतः।' (हि०सं० पृ० २१) विभावनायामिह योऽसमर्थः। (जयो० १/१४)
असह (वि०) ०अधीर, ०अशान्त, असहिष्णु, असहा, सहन असमाप्त (वि०) अपूर्ण, अधूरा, पूर्णतारहित।
करने में असमर्थ। (वीरो० ११/३८) असमान (वि०) ०अतुल्य, समानता रहित, सदृश्यता विहीन। असहन (वि०) ०अधीर, ०अशान्त, असहिष्णु, ०असा, (जयो० वृ० १/५३)
०ईष्यालु, ०द्रोहजन्य, ०दूसरे की उन्नति न सहने वाला।
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