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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८५ अनार्यकर्मा अनिच्छुक अनार्यकर्मा-वि० यौ० (सं० ) आर्यों से अनास्था-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) आस्था का विरुद्ध कर्म करने वाला, निन्दिताचारी, अभाव, अश्रद्धा, अनादर, अप्रतिष्ठा । गर्हित । अनाह-संज्ञा, पु० (सं० ) अफ़रा, पेट अनायजुष्ट - वि० (सं० ) अनार्य सेवित, । फूलना, वि० दे० (ब्र० + नाह-नाथ) अनार्य कर्म । “ अनार्य जुष्टमस्वयं सकीर्ति अनाथ। करमर्जन गीता।" अनाहक* -- कि० वि० ( दे० ) नाहक, अनार्यदश-संज्ञा, पु० (सं० यौ० ) अनार्यो बे नाहक । का स्थान । अनाहत-वि० (सं० ) आघात-रहित, जो अनायोचार-संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) अाहत न हुआ हो, संज्ञा, पु० (सं० ) अनार्यो का व्यवहार । दोनों हाथों के अँगूठों से दोनों कानों के अनार्याचारी - वि० ( सं० यौ० ) नीच कर्म बंद करने पर सुनाई पड़ने वाला एक प्रकार या श्राचार वाला। का शब्द, (योग) शरीर के भीतर के छः अनार्या-वि० स्त्री. ( सं० ) पतिता, ___ चक्रों में से एक (योग)। अधमा। अनाहार -- संज्ञा, पु० (सं० ) भोजनाभाव, अनावश्यक-वि० (सं०) जिसकी आवश्य- भोजन-त्याग । वि०-निराहार, जिसने कुछ न कता न हो, अप्रयोजनीय, अनुपयोगी, गैर | खाया हो, वह व्रत 'जसमें कुछ न खाया ज़रूरी। जाय, उपवास, लंघन । अनावश्यकता-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) | अनाहारी-वि० (सं० ) अभुक्त, उपवासी, आवश्यकता का अभाव । अभोजन, लंघन करने वाला। अनाधिल-वि० ( स० ) निर्मल, परिष्कृत | अनाहूत वि० (सं० ) बिना बुलाया हुश्रा, स्वच्छ, साफ़-सुथरा, मैल-रहित । श्राना- | अनिमंत्रित, अकृताह्वान, “अनाहूत पावत विलता संज्ञा, स्त्री. (सं० ) निर्मलता, | अपमाना"। स्वच्छता। अनिभाई--वि० दे० ( सं० अन्यायो ) अनावृत-वि० (सं० ) जो ढंका न हो, | -अनियारी-- दे०–शैतान, अनाचारी, खुला, जो घिरा हुआ न हो। बदमाश, अन्यायी, "अरे मधुप लंपट अनावृष्टि--- संज्ञा, स्त्री. (सं० ) वर्षा का अनिआई"-सूबे० । प्रभाव, अवर्षण, जल-कष्ट, सूखा, झूरा अनिकेत-( अनिकेता) वि० ( सं० ) (दे०) अवर्षा, एक प्रकार की ईति-वाधा। निरालय, गृहशून्य, निर्वास, बिना घर का, प्रनाश्रमी-वि० (सं० ) गार्हस्थ्य आदि अनिकेतन । आश्रमों से रहित, आश्रमभ्रष्ट, पतित, अनिगीर्ण-वि० संज्ञा, पु० (सं० ) अनुक्त, नष्ट । __ अकथित, न निगला हुश्रा, न कहा हुश्रा । अनाश्रय-वि० (सं०) निराश्रय, निरवलंब, | अनिच्छा-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) इच्छा क दीन, अनाथ । अभाव, अरुचि, वि० अनिच्छित, अनिच्छुक अनाश्रित-वि० ( सं० ) श्राश्रय-हीन, जिसकी इच्छा न हो, जिसे इच्छा न हो। बे सहारे, असहाय, निरवलंब । स्त्री० | अनिच्छिन्न-वि० (सं० ) जिसकी इच्छा अनाश्रिता। न हो, अनचाहा (दे० ) अरुचिकर । अनाश्रयी-वि० (सं० ) श्राश्रय न रखने | अनिच्छक-वि० (सं० ) इच्छा न रखने वाला, जो किसी का सहारा न ले। वाला, अनभिलाषी, निराकांक्षी। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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