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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir देव-वधू, देव-बधूटी देवसर देव-बधू, देव-बधटी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) । देवरा-संज्ञा, पु० दे० (सं० देवर ) छोटा देवता की स्त्री, सीता । " देववधू जवहीं देवता । स्त्री० देवरी । हरि ल्यायो"-राम । देवगज-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) इन्द्र, विष्णु, देवब्राह्मण - संज्ञा, पु० या० (सं० ) नारद, शिव । देव-पूजित या देव-पूजक ब्राह्मण । देवराज्य-संज्ञा, स्त्री० पु० यौ० (सं०) स्वर्ग, देवभवन-संज्ञा, पु० या० (सं० ) देव मंदिर, देवतों का राज्य ।। स्वर्ग, पीपल पेड़। देवरात -- संज्ञा, पु० (सं०) राजा परीक्षित । देवभाषा-संज्ञा, स्त्री० यो० (सं० ) संस्कृत-देवरानी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० देवर ) देवर भाषा, देववाणी।। की स्त्री देउरानी ( ग्रा.)। देवभमि--- संज्ञा, स्त्री० यो० (सं०) स्वर्ग देवराय - संज्ञा पु. ( सं० देवराज ) इन्द्र, देवमंदिर-संज्ञा, पु० यो० (सं०) देवालय, विष्णु, शिव । देवभवन, देवस्थान । देवर्षि-संज्ञ', पु० (सं०) नारद मुनि, अत्रि, देवमणि-संज्ञा, स्त्री० या० (सं० ) कौस्तुभ मरीचि, भरद्वाज, पुलस्त्य, भृगुआदि देवऋषि मणि, घोड़े के शरीर की खास भौंरी माने जाते हैं। (शालि०)। देवल-संज्ञा, पु. ( सं०) पुजारी, पंडा । देवमाता-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) देवतों का धार्मिक, एक चावल, नारद । संज्ञा, पु. माँ, अदिति। (दे०) देवालय। देवमातृक-संज्ञा, पु. यो० (सं०) वृष्टि के यो संपनिदेवारि-नास्तिक, असुर, दानव, दैत्य, राक्षस, जल से पालित देश। धर्मात्मा पुरुष, नारद मुनि, चावल भेद । संज्ञा, पु. (सं० देवालय) देव मंदिर, देवालय देवमाया--संज्ञा, स्त्री०या० (सं.) अविद्या जो जीवों को बंधन में डालती है। " देवल जाऊँ तो मूरति पूजा तीरथ जाँउ तो पानी".-क० । देवमास-संज्ञा, पु० या० (सं० ) मनुष्यों के तीन वर्ष का समय, देवतों का महीना । देवलोक - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) स्वर्ग । देववधू-देववधूटी -- संज्ञा, स्त्री० (सं०) देवता देषमुनि- संज्ञा, पु. यौ० (सं०) नारद जी। की स्त्री, देवी, अप्सरा। " देववधू नाचहिं देवयज्ञ-संज्ञा, पु. या० (सं०) हवन, यज्ञ। करि गाना" - रामा० । देवयान-संज्ञा, पु. यो० (सं० ) विमान, , देववाणी--संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) देवता की मुक्तिमार्ग, पारमा के ब्रह्मलोक जाने का __ वाणी, संस्कृत भाषा, आकाशवाणी। मार्ग ( उप०)। देववृक्ष-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) कल्पवृक्ष, देवयानी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं.) शुक्रा- मंदार आदि। चार्य की कन्या, राजा ययाति की स्त्री। aan संजा. पु. (सं.) भीष्म पितामह । देवयोनि- संज्ञा, स्त्री० यो० (सं० ) स्वर्ग देवशुनी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) देवलोक वासी यक्ष, अप्सरा आदि । "भूतोऽमी देव- की कुतिया, सरमा । योनय " - अम। देवश्रीणि-संज्ञा, स्त्री० (सं०) देवसभा। देवर-संज्ञा, पु० (सं०) पति का छोटा देवसभा-संज्ञा, स्त्री. (सं०) देवतों का भाई । स्त्री० देवरानी। समाज, राजसभा, सुधा सभा, जिसे मय देवरथ-संज्ञा, पु. यो० (सं० ) देवतों का ने पांडवों के लिये बनाया था, देवसमाज । विमान। दंवसर--संज्ञा, पु० यौ० (सं०) मानसरोवर । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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