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दिसा
दिसा - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दिशा ) दिशा, तरफ़, मलत्याग, पाखाना । दिसा - दाह* +- संज्ञा, पु० (सं० दिग्दाह) दिग्दाह, दिशाओं की भाग । दिसावर, देसावर - संज्ञा, पु० दे० (सं० देशांतर) परदेश, विदेश | वि० दिसावरी । दिसावरी, देसावरी - वि० दे० ( हि० दिसावर + ई - प्रत्य० ) विदेश से आया, बाहरी, परदेशी माल ।
दिसि - संज्ञा, खो० दे० (सं० दिशा) दिशा,
" जेहि दिसि बैठे नारद फूली"- - रामा० । दिसिटिक) - संज्ञा स्त्री० दे० (सं० दृष्टि ) निगाह, नजर | दिसिदरद संज्ञा, पु० यौ० दे० ( सं० दिग् द्विरद) दिग्गज | दिसिनायक दिग् + नायक ) दिग्पाल | दिसिप-संज्ञा, पु० दे० (सं० दिग्पाल ) दिग्पाल, दिसिराज |
संज्ञा, पु० यौ० दे० (सं०
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दिसैया*f-- वि० दे० ( हि० दिसना + ऐयाप्रत्य० ) देखने या दिखाने वाला | दिस्टी* -- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दृष्टि) निगाह, दृष्टि, नज़र ।
दिस्-बंध - संज्ञा, पु० यौ० दे० (सं० - दृष्टि बंध ) दिठबंध, नजरबंद, जादू, इन्द्रजाल । दिस्ता - संज्ञा, पु० (दे० ) दस्ता | दिहन्दा, देहेन्द - वि० ( फ़ा० ) देने वाला, दाता | ( विलो० - नादेहेन्दा ) | दिहरा, देहरा - संज्ञा, पु० दे० (सं० देवालय ) मंदिर, देहली, संज्ञा, स्त्री० (दे०) दिल्ली, देहरी ( द्वा० ) । ' देहसों न देहरा " - देव० । विहाड़ा- संज्ञा, पु० दे० ( हि० दिन +- हाड़ाप्रत्य० ) दुर्गति, कुदशा, बुरी दशा । दिहात, देहात - संज्ञा, स्त्रो० दे० (हि० देहात) देहात, गवई. गाँव । दिहाती - वि० दे० ( हि० देहाती ) देहाती गँवार, ग्रामीण, देहात- सम्बंधी ।
दीठ-दीठि
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दीट - संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० दीया ) दीपक रखने की चीज़, दियर ( ग्रा० ) दीवट | दीया - संज्ञा, पु० दे० ( हि० दीया ) दीपक, दिया, दीवा दिया ( ग्रा० ) । दीक्षक - संज्ञा, पु० (सं०) शिक्षक, गुरु, पढ़ाने वाला, दीक्षा या शिक्षा देने वाला । दीक्षण -- सज्ञा, पु० (सं०) पढ़ना या शिक्षा देना ! वि० संज्ञा, पु० (सं०) दीक्षित । दीक्षांत - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) अंतिम शांति की यज्ञ, शिक्षा समाप्ति । यौ० - दीक्षान्त
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भाषण ।
दीक्षा - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) गुरु-मंत्र, शिक्षा, यजन, पूजन, उपदेश 1 दीक्षागुरु- संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) मंत्र का उपदेशक गुरु ।
दीक्षित - वि० सं०) नियम पूर्वक यज्ञ का अनुष्ठान करने या चाचार्य या गुरु से शिक्षा या दीक्षा लेने या उपदेश या मंत्र ग्रहण करने वाला | संज्ञा, पु० (सं० ) ब्राह्मणों की एक उपाधि या जाति ।
दीखना - भ० क्रि० दे० ( हि० देखना ) दृष्टि - गोचर होना, दिखाई देना, देखने में
थाना ।
दीघी - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दीर्घिक, बावली, ताल, तलैया, तालाब ।
दीच्छा दीवा* - संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० दीक्षा ) शिक्षा, दीक्षा, उपदेश, सिखावन । दीठ-दीठि - संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० दृष्टि ) दृष्टि, निगाह, किसी सुन्दर वस्तु पर बुरा असर डालने वाली नज़र । " लगी है दीठ काहू की " - स्फु० । मुहा० - दीठ उतारना या झाड़ना -मंत्र से बुरी नजर लगने का प्रभाव मिटाना । दीठ ग्वाजाना बुरी नज़र के सन्मुख पढ़ जाना | दीठ लगना -- नज़र लगना । दीठ जलाना - नज़र का प्रभाव मिटाने को राई - नमक या कपड़ा श्राग में जलाना,
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