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अधिरथ
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अधुना अधिरथ-संज्ञा, पु. (सं०) रथ हाँकने अधिष्ठिन-वि० (सं० ) ठहरा हुआ, वाला, सारथी, रथवान, गाड़ीवान, बड़ा स्थापित, निर्वाचित, नियुक्त ।। रथ, कर्ण का पिता, सूत अधिरथ-सुत- अधोत -वि० (सं० ) पढ़ा हुआ, पठित, संज्ञा, यौ० पु० (सं० ) कर्ण ।
शिक्षित। अधिराज-संज्ञा, पु० (सं० ) राजा, बाद- | अधोति-संज्ञा, स्त्री० (सं०) अध्ययन, शाह, महाराज।
पठन ।
अधीती-वि० (सं० ) कृताध्ययन अध्ययन अधिराज्य---- संज्ञा, पु० (सं० ) राज्य,
विशिष्ठ, संज्ञा, पु० - छात्र, विद्यार्थी । साम्राज्य । अधिरोहण----संज्ञा, पु० (सं०) चढ़ना,
अधीन- वि० (सं० ) आश्रित, मातहत,
वशीभूत, सेवक, आज्ञाकारी, ताबेदार, सवार होना, ऊपर उठना।
वशतापन्न, लाचार, विवश. अवलंवित, अधिवास-संज्ञा, पु. (सं० ) रहने का
मुनहसर, संज्ञा पु० दान, सेवक । स्थान, निवास-स्थल शुभ की प्रथम क्रिया,
प्रधानता-संज्ञा, भा० स्त्री० (सं०) परवनित्यता, सुगंधि, खुशबू, विवाह से पूर्व तेल.
शता परतंत्रता, मातहती लाचारी, बेबसी, हलदी चढ़ाने की रस्म उबटन, प्रतिवासी,
दीनता, ग़रीबी, दासत्व। विलम्ब तक ठहरना।
अधीनत्ता-- अ. क्रि० (हि. अधीन+ अधिवामी- संज्ञा, पु० (सं० अधिवासिन ) | ता-प्रत्यय ) अधीन होना, बश में होना । निवासी, रहने वाला, बसने वाला अधीर-वि. पु. (सं० ) धैर्य-रहित, प्रतिवासी, परोसी।
घबराया हुश्रा, उद्विग्न, बेचैन, व्याकुल, अधिवेदन- संज्ञा, पु० (सं० ) संस्कार चंचल, विह्वल, उतावला, बिकल, आतुर, विशेष, विवाह ।
कातर, असंतोषी । संज्ञा, पु. अपंडित, अधिवेशन-संज्ञा, पु० (सं० ) बैठक सन्ध, | उतावला, मोह को प्राप्त ।
जलसा, विचारार्थ कहीं पर सभा या जमाव । अधीग-संज्ञा, स्त्री० (सं०) नायक में अन्य अधिष्ठाता- संज्ञा पु० (सं०) अध्यक्ष, नारी-विलास सूचक चिन्ह देख कर अधीर मुखिया, प्रधान, जिसके हाथ में कार्य-भार हो प्रत्यक्ष कोप करने वाली नायिका, धैर्यहो, ईश्वर, रक्षक, पालने वाला, स्त्री. ... रहित स्त्री, चंचला, विद्युत । अधिष्ठात्री।
अधीरता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) धैर्य-विहीअधिष्ठान-संज्ञा, पु० (सं० अधि+स्था--
नता, घबराहट, उतावली, आतुरता, बेकली। अनट ) वासस्थान, नगर, शहर, स्थिति,
| अधीरज-संज्ञा, पु० दे० (सं० अधैर्य ) क़याम, पड़ाव, आधार, सहारा, प्रभाव
अधीरता, घबराहट, अधैर्य । चक्र, व्यवहार चक्र, अध्यशन, अवस्थान,
अधीश-संज्ञा, पु० (सं० ) अधीस ( दे० ) स्थायी वह वस्तु जिसमें भ्रम का आरोप
स्वामी, मालिक, अध्यक्ष, भूपति, राजा, हो जैसे रज्जु में सर्प का, भोक्ता और भोग
अधीश्वर- चक्रवर्ती, मंडलेश्वर । का संयोग ( सांख्य) अधिकार. शासन,
अधीश्वर-संज्ञा, पु. (सं०) अधिपति, राज-सत्ता।
राजा, स्वामी, पति, अध्यक्ष, ईश्वर, अधीसुर अधिष्ठान शरीर-संज्ञा, पु० (सं० यो०) अधना-कि० वि० (सं० ) अब, संप्रति, मरणोपरान्त पितृ लोक में आत्मा के निवास आज कल. इदानीम्, अभी, (वि.का सूक्ष्म शरीर।
माधुनिक )।
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