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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अड़सठ अडा अड़सठ-वि० दे० (सं० अष्ट षष्टि) साठ कर बैठते हैं, सूत की पिंड्डी जो लम्बी हो, और पाठ, ६८ संख्या। कुकुरी, फेंटी। अड़हुल-संज्ञा, पु० (सं० प्रोण +फुल्ल ) | अड़ी-संज्ञा, स्त्री० (हि० अड़ना ) ज़िद्द, देवीपुष्प, जया या जपा कुसुम । हठ, अाग्रह, टेक, रोक, ज़रूरत का वक्त, अशा-संजा. प. दे. (हिं. ग्राडपशों | मौका । वि०-हठी। के रहने का अड्डा, हाता, खरिक, (दे० ) | अडूलना-स० क्रि० (सं० उत् --- इलअड़ार। फेंकना ) उड़ेलना, जल आदि का डालना, प्रडाडा-- संज्ञा, पु० (दे० ) ढोंग, पाखंड। गिराना। अडान-संज्ञा, स्त्री० (हि. अड़ना ) पड़ाव, । अडूसा -संज्ञा, पु० (सं० अष्टरुष ) कासरुकने का स्थान । श्वास नाशक एक जंगली पौधा, बासा, रूसा। अडाना-स० क्रि० (हि. अड़ना) टिकाना, अड़ाना- अ. क्रि० (दे० )-बाधक रोकना, टहराना, अटकाना, डाट लगाना, होना, मार्ग रोकना। टेकना, उलझाना, ठूसना, भरना, ढरकाना, गिरना, संज्ञा, पु०-एक राग, गिरती हुई अड़ेयाना-स० कि० ( हि० ) आश्रय देना, दीवाल या छत को गिरने से रोकने वाली रक्षा करना। लकड़ी, डाट, थूनी, चाड़, भाड़। अडैच-संज्ञा, स्त्री० (दे०) शत्रुता, बैरभाव, अडानी-संज्ञा, स्त्री० (हि० अड़ाना ) छाता, बड़ा पंखा, अडंगा, रोकने वाला। अडोल-वि० (सं० अ.+हिं. डोलना) जो हिले नहीं, अटल, स्थिर, स्तब्ध, अचल, अडायता- वि० (हि. आड़ ) आड़ या दृढ़। श्रोट करने वाला, स्त्री० अड़ायती। अड़ार-संज्ञा, पु. (सं० अट्टाल, बुर्ज) अडोस-पड़ोस-संज्ञा, पु० (हिं० पड़ोस ) समूह, राशि, ढेर, लकड़ी का ढेर, लकड़ी का आस-पास, क़रीब, परोस, प्रतिवेश । टाल, ( दे० ) अड्डा, पशुओं के रहने का अड़ोसी-पड़ामी-संज्ञा, पु० ( हिं० पड़ोसी) स्थान । वि० (सं० अटाल ) टेढ़ा, तिरछा, आस-पास का रहने वाला, हमसाया, पाड़ा, नुकीला " जगा डोलै डोलत नैनाहाँ, परोसी ( स्त्री० परोसिन )-- प्यारी पदमाउलटि अड़ार जाँहि पल माहाँ'-५०।। कर परोसिन हमारी तुम"-पद्माकर । अडारनाई-स० क्रि० (हि० डालना) अड़ा-संज्ञा पु० (सं० अट्टा-ऊँचा स्थान ) डालना, देना, उड़ेलना। टिकने या ठहरने का स्थान, मिलने या अडाह--वि० (हि० अ-+-डाह ) डाह या एकत्रित होने की जगह, प्रधान या केन्द्र ईर्षा-रहित । स्थान, चिड़ियों के बैठने की छड़ ( लकड़ी अडिग--वि० (अ+डिगना ) न डिगने या लोहे की ) कबूतरों के बैठने की छतरी, वाला, अचल, अटल । करघा, बैठक का विशेष स्थान, प्रिय अड़ियल-वि. (हि. अड़ना) अड़ कर स्थल, डेरा। चलने वाला, चलते चलते रुक जाने वाला | मु०-अडे पर पाना-अपने स्थान पर सुस्त, मट्टर, हठी, ज़िद्दी।। पहुँचना, अड्डेपर बोलना-स्थान विशेष अडिया- संज्ञा, स्त्री० (दे०) अंडे के पर ही कार्य करना, अड्डे पर चेहकना आकार की लकड़ी जिस पर साधु टेक लगा अपने स्थान पर रोब दिखाना। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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