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अठासी
अडर अठासी-वि० (सं० अष्टाशीति ) अस्सी वाला लकड़ी का टुकड़ा जो पैरों में अड़कर
और पाठ, ८८ संख्या, अठासी ( दे०) उन्हें भागने से रोकता है। अठिलाना- अ० कि० देखो 'अठलाना'। अड़चन-संज्ञा, स्त्री० (दे०) कठिनाई, " बात कहत अठिलात जाति सब हँसत | बाधा, रुकावट ।। देति करतारी"-सूबे०।
अड़चल-संज्ञा, स्त्री० (हिं. अड़ना+ ठेल-वि० (हि० अ०+ ठेलना ) जो चलना ) अंडस, दिक्कत, कठिनाई, बाधा, ठेला न जा सके, अविचलनीय, अपरिहार्य, रुकावट, विन्न । दृढ़, यथेष्ट, प्रचुर, स्थिर, बलवान । अड़तल-संज्ञा, पु० (हिं० आड़+सं०-तल ) अठोठ-संज्ञा, पु० (हि० ठाठ) ठाठ, श्राडंबर, प्रोट, अोझल, भाड़, शरण, बहाना, हीलापाखंड, खोज ।
हवाला। अठोठनाई-स० क्रि० (दे०) खोजना, | अड़तला-संज्ञा, पु० (दे० ) बचाने वाला, ढंदना।
रक्षक, प्राश्रय । अठोतरी-संज्ञा, स्त्री० (सं० अष्टोत्तरी ) एक अड़तालीस-वि० (सं० अष्टचत्वारिंशत ) सौ पाठ दानों का माला, ग्रहों की दशा | चालीस और पाठ, ४८ संख्या, अड़ता( ज्यो०)।
लिस (दे०)। अठोतरसौ-संज्ञा, पु० (सं० अष्टोत्तर+ अड़तीस-वि० (सं० अष्टत्रिंशत) तीस
शत) १०८, एक सौ पाठ।। । और आठ, ३८- अतिस (दे०)। अडंगा-संज्ञा, पु० (हि. अड़ाना ) टांग | अड़दार-वि० (हिं. अड़ना+फा०-दार
अड़ाना, रुकावट बाधा, विघ्न, अड़चन ।। (प्रत्य० ) अड़ियल, रुकने वाला, ऐंडदार, अडंग-संज्ञा, पु० (दे० ) मंडी, हाट, मस्त, मतवाला, “ज्यों पतंग अड़दार को, बाज़ार, उत्तार, विन, रुकावट।
लिये जात गड़दार"--रस०, अड़दार बड़े अडंड-वि० (दे० सं० अदंड्य ) जो | गड़दारन के हाँके सुनि-भूष। दंडनीय न हो, (सं० श्र+दंड ) दंडे से | अड़ना-अ० क्रि० (सं० अल्-वारण रहित-निर्भय, बिना दंड या सज़ा के। । करना) रुकना, ठहरना, हठ करना, " पापिन की मंडली अडंड छुटि जायगी" अटकना। - रत्नाकर ।
अडबंग-वि० पु. ( हिं० अड़ना+सं० अड-संज्ञा, पु० (सं० हठ ) हठ ज़िद वक्र ) टेढ़ा-मेढ़ा, अड़बड़, विचित्र, विकट, झगड़ा, विरोध, चेष्टा ।
कठिन, दुर्गम, अनोखा ऊँचा-नीचा, विलअडकाना-स० क्रि० अड़ना, अड़ाना। क्षण । अडबंगा-वि० बेढंगा, असमान । अडग-वि० (हिं० डग, डगना ) न डिगने | अलबड़-वि० (हिं० दे० ) कठिन, अटपट, वाला, अचल ।
दुर्गम, कठिन ( अंड बंड ) संज्ञा, पु०-प्रलाप, अड़गड़ा-संज्ञा पु. ( अनु० ) बैल गाड़ियों | निरर्थक, ऊँचा-नीचा। के ठहरने की जगह, घोड़ों बैलों की विक्री अडबंध-संज्ञा, पु० दे० (हिं. अड़ना+सं० का स्थान । अड़गड़-वि० (दे०) बंध ) कटिबंध, कोपीन । अटपट, कठिन, दुस्तर, दुष्कर, संज्ञा पु०- अडबल-वि० (हिं० ) रुकने या अड़ने कठिनाई।
| वाला, हठी, ज़िद्दी, अडियल । अडगोड़ा-संज्ञा, पु. ( हिं० अड़+ गोड़ ) | अडर - वि० (सं० अ.+ हिं –डर ) बदमाश जानवरों के गले में बाँधा जाने ) निडर, निर्भय, बेखौफ़ ।
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