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क्षीरिणी
५१४
क्षेत्रफल
तीरिणी-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) काकोली, | तुभित-वि० (सं० ) क्षुब्ध । खीरनी (दे०)।
| तुर-संज्ञा, पु. (सं०) छुरा, उस्तरा, तीरोद-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) क्षीर- पशुओं के खुर, पूँज। सागर। यौ० क्षीरोदतनया-लक्ष्मी। तुरक-संज्ञा, पु० (सं० ) गोखरू । तुरागा-वि० (सं०) अभ्यस्त, दलित, तुरधार-संज्ञा, पु. (सं०) एक नरक, खंडित, संतापित।
एक वाण । नुत् - संज्ञा, स्रो० (सं० ) भूख, क्षुधा, । तुरप्र-संज्ञा, पु. ( सं० ) एक प्रकार "तुत्पिपासा न ते राम"---वा० । यो ।
का वाण, खुरपा। क्षुत्पिपासा-भूख-प्यास ।
तुरिका-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) छुरी, चाकू, तुद्र-वि० ( सं० ) कृपण, अधम, एक यजुर्वेदीय उपनिषद, पालकी का शाक । अल्प, क्रूर, खोटा, दरिद्र । संज्ञा, पु० (सं०) तुरी-संज्ञा, पु० (सं० चुरिन् ) नाई, खुर चावल के कण ।
वाले पशु । संज्ञा, स्त्री. (सं०) चाकू, तुद्रघंटिका-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( सं० ) छूरी । स्त्री० चरिनी। घुघरूदार करधनी, पूँघरू।
तुल्लक-संज्ञा, पु० (सं० ) कौड़ी, नीच, तुद्रता संज्ञा, स्त्री० (सं० ) नीचता, अोछा- क्षुद्र, तुच्छ । पन, टुच्चा।
क्षेत्र-संज्ञा, पु. (सं०) खेत, समतल तुद्रप्रकृति--वि० यौ० (सं० ) नीच प्रकृति __ भूमि, स्थान, उत्पत्ति-स्थान, प्रदेश, तीर्थ । या स्वभाव का।
स्त्री, शरीर, अंतःकरण, रेखाओं से घिरा तुद्रबुद्धि-वि० यौ० (सं० ) नीच बुद्धि- हुश्रा स्थान, द्रव्य, प्रकृति, गृह, नगर । वाला, मूर्ख ।
क्षेत्र-गणित-संज्ञा, स्त्री. यो० (सं०) तुद्रा-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) वेश्या, अमलोनी, __ क्षेत्रों के नापने, क्षेत्रफलादि निकालने की लोनी, मधुमक्खी, जटामांसी, बालछड़, विधि बताने वाला गणित । कौडियाला, हिचकी, " तुद्रायवानी-सहितो | क्षेत्रज-वि० ( सं० ) खेत से उत्पन्न । संज्ञा, कषायः "-वै० जी०।
पु. (सं० ) निस्सन्तान विधवा ( या तुद्रावली-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( सं० ) क्षुद्र- असमर्थ पति-युक्ता ) के गर्भ से अन्य पुरुषघंटिका, घुघरूदार करधनी।
द्वारा उत्पन्न सन्तान । तुद्राशय-वि• यो० (सं० ) नीच प्रकृति, क्षेत्रज्ञ--संज्ञा, पु. (सं० ) जीवात्मा, परकमीना, महाशय का विलोम ।
मात्मा, किसान । वि० (सं०) जानकार, तुधा : संज्ञा, स्त्री. (सं० ) भोजन करने | ज्ञाता।
की इच्छा, भूख । वि० तुधालु-भुक्खड़ । क्षेत्र-देव- संज्ञा, पु० यो० ( सं० ) खेत के तुधातुर-वि० यौ० ( सं० ) भूखा, देवता ।
तुधित, सुधावन्त, तुधावान । क्षेत्रपाल---संज्ञा, पु० (सं० ) खेत का क्षुधित-वि० (सं०) भूखा, बुभुक्षित । रखवाला, एक प्रकार के भैरव, द्वारपाल, नुधालु-वि० (सं०)।
प्रधान-प्रबन्ध-कर्ता। तुप-संज्ञा, पु. (सं० ) छोटी डालियों क्षेत्र-पति—संज्ञा, पु० यौ० (सं०) खेतिहर, वाला वृक्ष, पौधा रतिबंध, श्रीकृष्ण-सुत । । जीव, ईश्वर । तुब्ध-वि० (सं० ) चञ्चल, अधीर, व्याकुल, क्षेत्रफल-संज्ञा, पु. यो० (सं० ) किसी भयभीत, कुपित, क्रुद्ध ।
| खेत का वर्गात्मक परिमाण, रकबा ।
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