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उष्णीष
उष्णीष-संज्ञा, पु० (सं० ) पगड़ी, साफ़ा, मुकुट, ताज ।
उष्म ( उष्मा ) – संज्ञा, पु० (स्त्री० ) (सं० ) गरमी, ताप, धूप, क्रोध, उमस (दे० ) गुस्सा, रोष ।
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उपज - संज्ञा, पु० (सं० ) पसीने और मैल से पैदा होने वाले कीड़े, खटमल, चीलर । उस - सर्व०, उभ० (हि० वह) विभक्ति लगने
से पूर्व का रूप, यथा- उसने, उसका । उसकन – संज्ञा, पु० दे० (सं० उत्कर्षण ) उकसन, बरतन माँजने का घास-पात का पोटा ।
उसकना - प्र० क्रि० ( दे० ) उकसना, उभड़ना । स० क्रि० उसकाना - उभाड़ना, चढाना, चलाना, उस्काना (दे० ) । उसकारना - स० क्रि० (दे० ) उकसाना । उसता-संज्ञा, पु० (दे० ) नाई । वि०
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पकता हुआ ।
उसनना - स० क्रि० दे० (सं० उष्ण ) उबालना, पकाना, उसेना (दे० ) । प्रे० क्रि० उसनाना -- पकवाना, उसवाना, उसिना (दे० ) । उसनीस - संज्ञा, पु० दे० ( सं० उष्णोष ) पगड़ी, मुकुट ।
उसमा - संज्ञा, पु० ( ० बसना ) उबटन | उसरना - अ० क्रि० दे० (सं० उद् + सरण) हटना, टलना, बीतना, गुज़रना, भूलना, पूरा होना, बन कर खड़ा होना, बिसरना, उसलना, पानी में उतरना ।
भा० श० को ०.
"
उससना --- स० क्रि० दे० (सं० उत् + सरण) खिसकना, टलना । स० क्रि० (हिं० उसास ) उसांस लेना । उसांस - संज्ञा, पु० दे० ( सं० उच्छ्वास ) दुःख की लम्बी सांस । 1... ऊरव उसांस सो कार पुरवा की हैं ". उसारना* – स० क्रि० (दे० ) उखाड़ना, हटाना, छिन्न-भिन्न करना, भगाना दूर करना, (दे० ) उसालना ।
-ऊ० श० ।
०–४५
उहार
उसारा - संज्ञा, पु० ( दे० ) श्रोसारा, दालान । स्त्री० उसारी (दे० ) । उसास - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० उत् + श्वास ) सांस, श्वास, उसाँस, शोक-सूचक ठंठी या लम्बी ऊपर को खींची हुई सांस ।
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उसासी (उसांसी ) - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० उसास ) अवकाश, दम लेने की फुरसत, ".. मैं सेस के सीसन दोन्हीं उसाँसी " - - के० ।
उसीर -- संज्ञा, पु० (दे० ) उशीर (सं० ) खस । उसीला - संज्ञा, पु० ( फा०
) वसीला,
सहायक ।
उसीसा - संज्ञा, पु० दे० (सं० उत् + शीर्ष ) सिरहना, तकिया ।
उसूल - संज्ञा, पु० दे० ( ० ) सिद्धान्त,
उगाहना ।
उस्तरा - संज्ञा. पु० ( दे० ) उस्तुरा, छूरा । उस्ताद -संज्ञा, पु० ( फा० ) गुरु, शिक्षक, अध्यापक | वि० (दे० ) चालाक, धूर्त, निपुण, दक्ष, चाई । उस्तादी संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) गुरुधाई, चतुराई, चालाकी, धूर्तता, विज्ञता, निपुणता । स्त्री० उस्तानी । वि० उस्तादाना - उस्ताद
का सा । उस्ताना-स० जलाना ।
क्रि० (दे० ) सुलगाना,
उस्त्र - संज्ञा, पु० (सं० ) वृष, साँड, किरण । स्त्री० उस्र-धेनु । यौ० उत्र धन्वा - इंद्र | उहदाई - संज्ञा, पु० (दे० ) श्रोहदा, पद, स्थान । उहा (दे० ) । यौ० उहदादार- -- अफ़सर उहवां, उहां - क्रि० वि०
( हिं० ) उतै ( ० )
।
उहार – संज्ञा, पु० परदा, खाल, पट उधारी " - रामा०
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पदाधिकारी । (दे० ) वहाँ
(दे० ) आहार (दे० )
सिविका सुभग उहार
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