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उरुजना
उरुजना — प्र० क्रि० (दे० ) उरझना, फँसना |
उलझाना
उरुषा – संज्ञा, पु० दे० (सं० उलूक, प्रा० उलूम ) रूरूया, उल्लू ।
उर्वरा - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) उपजाऊ भूमि, पृथ्वी, एक अप्सरा । वि० स्त्री० ( उर्वर ) उपजाऊ जरखेज ( भूमि ) । उर्वशी - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) एक अप्सरा जो नारायण की जंघा से उत्पन्न हुई थी । इसे देख नर-नारायण का तपोभंग करने वाली इंद्र की अप्सरायें लौट गई थीं ।
उरुज - संज्ञा, पु० ( ० ) बढ़ती वृद्धि । उरे क्रि० वि० दे० (सं० श्रवर) परे, आगे दूर ।
उरेखना – स० क्रि० (दे० ) अवरेखना उर्वी— संश, स्त्री० (सं० उरु + ई ) पृथ्वी, ( सं० ) । उरेव - संज्ञा, पु० (दे० ) उलझन, अरेह संज्ञा, पु० दे० (सं० उल्लेख ) चित्रकारी ।
वंचना |
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उरेहना - स० क्रि० दे० ( सं० उल्लेखन ) खींचन, लिखना, रचना, रँगना, लगाना, ( चित्र ) ।
उरोज - संज्ञा, पु० दे० (सं० उरस् + जन + ड ) स्तन, कुच । उज्जित - वि० (सं० उर्ज + क्त ) वर्धित,
उन्नत, उत्सृष्ट ।
उर्गा - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) ऊन (भेड़ श्रादिका) उर्द - संज्ञा, पु० (दे० ) उरद, माष । उदपर्णी-संज्ञा स्त्री० ( हि० उर्द + पर्णीसं० ) बनउरदी | उदगिनी - चौ० रनिवास की रक्षिका । उर्दू - संज्ञा, स्त्री० (तु० ) फ़ारसी लिपि में लिखी जाने वाली अरबी फ़ारसी के शब्दों से भरी हुई हिन्दी |
उर्दू बाज़ार - संज्ञा, पु० ( हि० उर्दू + बाजार) लश्कर का बाज़ार, बड़ा बाज़ार । उर्ध* - वि० (दे० ) ऊर्ध्व (सं०) ऊरध (ब्र०)
ऊपर ।
उर्फ संज्ञा, पु० (०) उपनाम, चलतू नाम । उर्मि -संज्ञा, स्त्री० (दे० ) ऊर्मि (सं० )
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लहर ।
उर्मिला - संज्ञा, स्त्री० (सं० ऊर्मिला ) सीता जी की छोटी बहिन जो लक्ष्मण को व्याही थीं, सीरध्वज जनक की पुत्री । (दे० )
रमिला ।
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धरती । उवजा – संज्ञा, स्त्री० (सं०) सीता, उर्विजा, जानकी ।
उवीधर - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) पर्वत, शेषनाग |
उलंग - वि० दे० (सं० उन्नग्न ) नग्न, नंगा, विवस्त्र, दिगंबर |
उलंघना * - (उलाँघना ) - स० क्रि० दे० (सं० उल्लंघन ) लाँघना, डाँकना, फाँदना, न मानना, अवज्ञा करना, उल्लंघन करना । उलंघन - संज्ञा, पु० (दे० ) उल्लंघन | दे० उलंगना, उलंघना |
उलका* – संज्ञा स्त्री० (दे०) उल्का (सं० ) श्रग्निपिंड, मसाल |
उलचना ( उलछना ) स० क्रि० (दे० ) छितराना, फैलाना, फेंकना, बिखारना, छानना, पसाना, उलीचना । उलकारना - स० क्रि० ( दे० ) उछालना ( हिं० ) प्रगट करना, ऊपर फेंकना । उलझन - संज्ञा स्त्री० दे० (सं० प्रवन्धन ) अटकाव, फँसान, गिरह, गाँठ, बाधा, पेंच, फेर, चक्कर, समस्या, व्यग्रता, चिंता, तरद्दुद | वि० उलझा । स्त्री० उलझी । उलझना - अ० क्रि० दे० (सं० प्रवन्धन ) फँसना, अटकना, लपेट में पड़ना, घुमावों में फँस जाना, लिपटना, काम में लीन होना, तकरार करना, लड़ना, कठिनाई में पड़ना, अटकना, रुकना, बल खाना, टेढ़ा होना, (विलोम, सुलझना) उरझना (दे० ) | उलझाना - स० क्रि० (हि० उलझना) फँसाना,
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