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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इंगलिस्तान २७ इंदिरालय की एक नाड़ी विशेष जो शरीर के वाम | इंजीनियर-संज्ञा, पु. ( अं० एंजीनियर ) भाग में रहती है ( हठ योग)। यंत्र की विद्या जानने वाला, कलों का इंगलिस्तान-संज्ञा, पु० ( अं० इंगलिश+ बनाने, सुधारने और चलाने वाला, स्तान-फा, (सं० स्थान) अंगरेजों का देश, शिल्प विद्या में दक्ष, विश्वकर्मा, सड़कों, इंगलैंड। इमारतों, और पुलों श्रादि का बनवाने, इंगलिश-संज्ञा, स्त्री. ( अं० ) अंग्रेज़ी सुधरने और देख-भाल करने वाला एक भाषा। सरकारी अफसर, संज्ञा, स्त्री० इंजीनियरी । वि० इंगलैंड का, अंग्रेजों की, इंगलैंड- इंजील-संज्ञा, स्त्री० ( पू० ) ईसाइयों की सम्बन्धी। धर्म-पुस्तक। इंगलैंड-संज्ञा, पु. (अ.) अंग्रेजों का इँडहर-संज्ञा, पु. ( दे० ) उर्द की दाल से देश, फ्रांस के उत्तर में एक टापू या द्वीप बनाया हुआ एक प्रकार का भोजन या खाना। का दक्षिणी भाग । इँडुरी*-संज्ञा, स्त्री० (दे०) गेंडुरी, इँडुवा । वि० इंगलैंडीय-इंगलैंड देश-सम्बन्धी। इँडुवा--संज्ञा, पु० दे० (सं० कुंडल ) कपड़े इंगित-संज्ञा, पु० (सं० ) मन के अभिप्राय की बनी हुई छोटी गोल गद्दी जिसे बोझ को किसी चेष्टा या इशारे के द्वारा प्रगट उठाते समय सिर पर रक्खा जाता है, करना, इशारा, चेष्टा, सङ्केत। गेंडुरी, विड़ई (प्रान्ती० )। वि० हिलता हुमा, चलित, इशारा या इंतकाल- संज्ञा, पु० ( अ० ) मृत्यु, मौत, सङ्केत किया हुआ। एक के अधिकार से दूसरे के अधिकार में इंगुदा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) हिंगोट का किसी माल या वस्तु का जाना। वृक्ष, ज्योतिष्मती वृक्ष, इसके फल तेल-मय | इंतज़ाम- संज्ञा, पु० ( अ० ) प्रबंध, बंदो. होते हैं और घाव या व्रण के लिये अति बस्त, व्यवस्था। लाभकारी है, मालकँगनी। " ऐसो इंतजाम चेते हैं ".---द्विजेश । संज्ञा, पु० इंगुद-हिंगोट वृक्ष।। इंतजार-संज्ञा, पु० ( अ० ) प्रतीक्षा, रास्ता इंगुर*-संज्ञा, पु० (दे० ) इंगुर, सिंदूर देखना, बाट जोहना, परखना । का एक भेद। संज्ञा, स्त्री० इंन जारी। इँगुरौटी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. ईंगुर +- इंद-संज्ञा, पु० दे० (सं० इंद्र ) सुरपति, प्रोटी-प्रत्य० ) सौभाग्यवती स्त्रियों की इंद्र, देवराज । ईगुर या सिंदूर रखने की डिबिया, सिंधोरा इंदध-संज्ञा, पु० दे० (सं० एंद्रव ) एक प्रकार का छंद, मत्तगयंद । इंच-संज्ञा, स्त्री० (अं०) एक फुट का बारहवाँ इंदर-संज्ञा, पु० दे० (सं० इंद्र) इन्द्र, सुरेश । हिस्सा, तस्सू । इंदारुन-संज्ञा, पु० दे० (सं० इन्द्रायन ) इँचना - अ० कि० दे० ( हि० खींचना) __एक प्रकार की औषधि । खिंचना, इचना। इंदिरा-- संज्ञा, स्त्री० (सं० ) लक्ष्मी, शोभा, इंजन-संज्ञा, पु. ( अं० एंजिन ) कल, पेंच, छवि, रमा। भाप या बिजली से चलने वाला एक यंत्र, | इंदिरा-मंदिर-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) रेलवे ट्रेन का वह डिब्बा या अगली गाड़ी नीलोत्पल, नीलकमल। जो भाप के ज़ोर से और सब गाड़ियों को | इंदिरालय-संज्ञा, पु. यौ० (सं) नील खींचता और चलाता है (दे०) अंजन। पद्म, पंकज । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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