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श्रासामन
श्रासाइश श्रासमान डूट पड़ना-आकस्मिक विपत्ति प्रासमुद्र---क्रि० वि० (सं० ) समुद्र- पर्यंत का प्रा पड़ना, अचानक अनिष्ट होना। समुद्र के तट या किनारे तक । आसमान ताकना-गर्व से तनना, | "पासमुद्र क्षितीशानाम् "-रघु० । इतराना, भुलना, विस्मित हो कर ऊपर श्रासय-संज्ञा, पु० दे० (सं० प्राशय ) देखना।
श्राशय, इच्छा, मतलब, प्रयोजन, अर्थ, प्रासमान पर चढ़ना-ग़रूर या घमंड तात्पर्य, अाधार । करना, अति उच्च सङ्कल्प बाँधना, असम्भव आसर-संज्ञा, पु० दे० (सं० असुर ) कार्य करना । चाहत बारिद बंद गहि, राक्षस, असुर । तुलसी चढ़न अकास"।
"काहू कहूँ सर श्रासर मा म्यौ -- राम"। प्रासमान में (पर) उड़ना-इतराना,
प्रासरना-स० कि० दे० (हि. आसरा) घमंड करना, ऊँचे ऊँचे संकल्प बांधना, आश्रय लेना, सहारा लेना, शरण लेना। असम्भव कार्य करने का विचार करना। प्रासरा-संज्ञा, पु० दे० (सं० आश्रय) प्रासमान पर चढ़ाना-अत्यन्त प्रशंसा सहारा, आधार, आश्रय, अवलंब, भरण करना, बढ़ावा देना, अति श्लाघा करके पोषण की श्राशा, भरोसा, ग्राम, किसी से मिजाज बिगाड़ देना।
सहायता पाने का निश्चय, जीवन या कार्यआसमान में थिगरी लगाना-विकट निर्वाह का हेतु, पाश्रयदाता, सहायक, कार्य करना, घमंड करना, असम्भव बात शरण, पनाह, प्रतीक्षा. प्रत्याशा, इंतज़ार, करना।
आशा, उम्मीद। श्रासमान सिर पर उठाना-ऊधम आसव-संज्ञा, पु० ( सं० पान सू --- अल् ) मचाना, उपद्रव करना, हलचल मचाना, भभके से चुवाया गया मद्य, केवल फलों अति प्रबल आन्दोलन करना, उत्पात
के ख़मीर को निचोड़ कर बनाया गया, मचाना।
औषधियों के खमीर को छान कर बनाई प्रासमान गिराना-- अत्यन्त उच्च स्वर । गई औषधि, मद्य, मदिरा मधु, मद, अर्क से चिल्लाना, उत्पात मचाना।
जैसे द्राक्षासव। प्रासमान पर दिमाग़ होना- अत्यन्त |
यौ० पासपवृक्ष - संज्ञा, पु. ( सं० ) अधिक अभिमान होना, अति उच्च विचार तालवृक्ष । या घमंड होना।
प्रासी -वि० (सं० ) मद्यपी, शराबी, प्रासमान से बातें करना-अति उच्च ! अासव-सम्बन्धी। होना, (किसी मकान या इमारत पर्वत श्रासा-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० प्राशा) श्राशा। या अन्य किसी ऊँची चीज़ का)। संज्ञा, पु० ( अ० असा) सोने या चाँदी का
आसमान का चूमना- बहुत ऊँचा डंडा, जिसे केवल शोभा या शान-शौकत होना, (किसी मकान या पर्वत का)। के लिये राजा-महाराजाओं अथवा बारात प्रासमानी--- वि० (फा० ) शाकाश-सम्बंधी या जलूस के आगे चोबदार लेकर चलते आकाशीय, आसमान का, अाकाश के रंग हैं, राजदंड। का, हल्का नीला रंग, देवी, ईश्वरीय । यो०-श्रासा-चल्लग, पासा-साटा। संज्ञा, स्त्री० ताड़ के पेड़ से निकला हुआ आसाइश-- संज्ञा, सर. (फा०) आराम, मद्य, ताड़ी।
| सुख, चैन ।
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