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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir माफू २५१ श्रावनूसी यौ०-ग्राफताबी गुलकंद-धूप में तैयार | प्राबजोश-संज्ञा, पु० (फा० ) गरम पानी किया हुआ गुलकंद। में उबाला हुमा मुनक्का। श्राफू-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० अफीम, मि० श्राबदस्त-संज्ञा, पु० ( फा० ) मल-त्याग भरा. अफू ) अफ़यून, अफीम, अमल, के पश्चात् गुदेंद्रिय को जल से धोना, अहिफेन । सौंचना, पानी छूना, सींचा, जलस्पर्श श्राब-संज्ञा, स्त्री० ( फा) चमक, तड़क- करना। भड़क, प्राभा, कांति, पानी, शोभा, रौनक, प्राब-ताब-संज्ञा, स्त्री. (फा० ) तड़क लावण्य, छवि, प्रतिष्ठा. उत्कर्ष। भड़क, चमक-दमक, द्युति, कांति । , संज्ञा, पु० पानी, जल, श्रावदाना-संज्ञा, पु. (फा० ) अन्न-पानी, लो०-ग्राब प्राब कर मर गये दाना-पानी, अन्न-जल, जीविका, रहने का सिरहने रक्खा पानी। संयोग। मु०-श्राब आना-रौनक या छवि मु०-याबदाना उठना-जीविका न श्रा जाना। रहना, रहने का संयोग न रहना । प्राब, जाना-शोभा या ( कान्ति पानी) श्रावदाना रूठना-जीविका न रह जाना, का नष्ट होना, प्रतिष्टा न रहना। रहने का संयोग टल जाना। श्राब चढ़ाना-कलई करना, पानी चढ़ाना, श्रावदाना बदा होना-जहाँ के रहने या उत्साह देना, उत्तेजित करना, रंग चढ़ाना, पहुँचने का संयोग होता है, जहाँ जाना मुलम्मा करना। ही पड़े। श्राब उतरना-पानी या कान्ति का | श्रावदाने के हाथ होना-जीविका के फीका पड़ना, शोभा या छवि का न | वश में होना, रहने के संयोग के वश में रहना, रौनक या चमक का मलीन | हो जाना। प्राबदार-वि० ( फ़ा० ) चमकीला, कांति. श्राब उतारना-प्रतिष्ठा या उत्कर्ष का मान, द्युतिमान । नष्ट करना, अनाहत करना। संज्ञा, पु० पुरानी तोपों में सुंबा और पानी श्राव रखना-शोभा या कांति रखना, का पुचारा देने वाला आदमी। पानी रखना, लज्जा रखना, प्रतिष्ठा या श्राबदारो--संज्ञा, स्त्री० (फा० ) चमक, मर्यादा रखना, प्रारम-सम्मान बनाये रखना, | काति, शोभा, छवि। शील रखना। प्राबद्ध-वि० (सं० ) बँधा हुआ, कैद, श्राब लाना-रौनक या शोभा बढ़ाना, बंदी, सीमित ।। छबि-छटा पैदा करना, कांति आना, यौ० श्रावद्धांजलि-वद्धांजलि, हाथ युवावस्था को प्राप्त होना। जोड़ कर। प्रावकारी-संज्ञा, स्त्री. (फ़ा० ) जहाँ प्रावनूस-संज्ञा, पु० (फा०) एक जंगली शराब चुभाई या बेची जाती है, हौली, वृक्ष जिसके भीतर की लकड़ी बहुत काली शराबखाना, मयखाना, कलवरिया, भट्ठी, होती है। मादक वस्तुओं से सम्बन्ध रखने वाला मु०-भाबनूस का कुंदा-अति कृष्णएक सरकारी विभाग या मुहकमा । वर्ण का मनुष्य । प्राबखोरा-संज्ञा, पु० (फा० ) पानी पीने | पाबनूसी-वि० (फा० ) आबनूस का सा का बरतन, गिलास, कटोरा, प्याला। । रंग, गहरा काला, आबनूस का बना हुआ। होना । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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