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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २५० मालवव्रती श्राफताबी प्राप्लवव्रती-संज्ञा, पु० (सं०) स्नातक | श्राफ़त मचाना-ऊधम मचाना, दंगा ब्राह्मण, प्रामुतव्रती, स्नान का व्रत करना, गुल-गपाड़ा करना, जल्दी मचाना, रखने वाला। उतावली करना, हलचल मचाना । प्राप्लाधन-संज्ञा, पु. ( सं० ) हुबाना, श्राफ़त मचना-दंगा या झगड़ा होना, बोरना, उतावली होना, गुलशोर होना, ऊधम प्राप्लावित-वि० (सं०) डुबोया हुश्रा, होना। अल-मन। श्राफ़त मोल लेना (अपने सिर)-अपने पालत-संज्ञा, पु० (सं० ) स्नान, नहाना, ऊपर या अपने मत्थे व्यर्थ के लिये बखेड़ा स्नातक। उठाना, झंझट करना, विपत्ति का उपस्थित वि० कृतस्नान, विहितावगाहन, सिक्त, करना, झमेला बढ़ाना, उपद्रव पैदा करना, भीगा, डूबा, जलमग्न, गीला । कठिनाई उठाना। पालतवती-संज्ञा, पु. (सं० ) ब्रह्मचर्य श्राफ़त लाना-विपत्ति का उपस्थित करना, पूर्ण कर गृहस्थ आश्रम में प्रविष्ट होने बखेड़ा खड़ा करना, झंझट पैदा करना। वाला, समाप्त वेदाध्ययन, स्नातक, स्नान श्राफ़त पड़ना-उतावली या जल्दी होना शील । विपत्ति पड़ना। आफ़त-संज्ञा, स्त्री. ( आ. ) आपत्ति, अाफ़त डालना-जल्दी करना, उतावली विपत्ति, ऊधम, कष्ट, दुख, मुसीबत, बला, करना, जल्दियाना ( दे० ) घबड़ाना। कान। श्राफ़त का परकाला-वि० यौ० (फा) मु०-श्राफ़त उठाना-दुःख सहना, किसी काम को तेज़ी या फुर्ती से करने विपत्ति भोगना, ऊधम मचाना, हलचल वाला, पटु, कुशल, दक्ष, घोर उद्योगी, मचाना। श्राकाश-पाताल एक करनेवाला, हलचल श्राफत उठना-गड़बड़ी मचना, विपत्ति मचानेवाला, उपद्रवी, ऊधमी। का पैदा हो जाना, मुसीबत आ जाना।। श्राफताब-संज्ञा, पु० ( फ़ा ) सूर्य, सूरज प्राफ़त करना-शरारत या ऊधम करना, . हलचल मचाना। " श्रावै दिव्य दाम अभिराम आफताब श्राफ़त खड़ी करना-विपत्ति उपस्थित श्राब"-श्र० ब० 'सरस' । करना, मुसीबत का पैदा करना, कठिनाई | अाफताबा-संज्ञा, पु० (फ०) हाथ-मुंह उत्पन्न करना। धुलाने का एक प्रकार का गडुश्रा । श्राफत खड़ी होना-मुसीबत भाना, श्राफताबी-संज्ञा, स्त्री. (फा ) पान के कठिनाई का सामने उपस्थित होना। श्राकार का पंखा जिस पर सूर्य का चिन्ह प्राफ़त गिरना-अकस्मात् विपत्ति का बना रहता है और जो राजाओं या बरात श्रा पड़ना। के साथ चलता है, एक प्रकार की प्रातिसग्राफ़त झेलना-मुसीबत उठाना और बाज़ी, दरवाजे या खिड़की के सामने का दुख सहना, कठिनाई को पार करना। छोटा सायबान, या पोसारी। श्राफ़त ढाना-ऊधम, उपद्रव या हलचल | वि० आफताब के समान चमकीला, कांतिमचाना, गड़बड़ी करना, दुख देना, कष्ट या | मान, पीत वर्ण का, गोलाकार, सूर्यतकलीफ पहुँचाना, अनहोनी बात कहना।। सम्बन्धी। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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