________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्राग्व २१३
प्रख श्रग्नि निकलना-पीड़ित होना, कृश या करना, देखते हुए भी न देखना और दुर्बल होना, विस्मय को प्राप्त होना, ग़लती करना। लज्जित होना।
अाँखें फटों पीर गई-किमी दुखद वस्तु प्राव निकालना-सकोप देखना, नाराज़ के मूल कारण के नष्ट होने पर प्रयुक्त होता होना, आँख के ढेले को काट कर अलग है, एक अनिष्ट ( अधिक दुखद ) के द्वारा करना।
तदाधारित दूपरे अनिष्ट का तूर होना, अग्वि नीची होना (करना ) लज्जित | विवाद ग्रस्त पदार्थ का नष्ट होना, समूल होना, शर्मा जाना, सिर नीचा होना।। किसी चीज़ का नष्ट होना। प्रोख नचाना-मटकाना, चारो ओर अग्वि फेरना पूर्ववत प्रेम या कृपा-दृष्टि देखना, इशारा करना।
न रखना, प्रीति तोड़ना, उदापीन होना, श्रोग्य पथराना-पलकों का नियमित विमुख होना, विरुद्ध या प्रतिकूल होना, रूप से न लगना और पुतलियों की गति मर जाना। का मारा जाना, ( मरने का पर्व रूप )। अग्वि फैलाना-दूर तक देखना। प्राग्वों का पलटना--आँखों का उलट | आँख फे'डना-अाँखों की ज्योति का जाना, ( मृत्यु का पूर्व रूप )।
नष्ट करना, आँखों पर जोर डालने वाला अाँखों पर परदा पड़ना-अज्ञान का कोई काम करना, बड़े गौर से किसी अंधकार छा जाना, भ्रम होना, धोखा अनुपयोगी वस्तु को देखना, व्यर्थ आँखों होना या खाना मूर्खता था जाना। को श्रमित करना। अग्विों पर परदा डालना-धोखा देना, आँख बंद करना (मूंदना)-किसी बात भ्रम में डालना।
पर दृष्टि न डालना, उसकी उपेक्षा करना, प्राव फडकना-आँख की पलक का ध्यान न देना. मर जाना। बार-बार हिलना ( शुभ या अशुभ सूचक अग्वि बंद हाना ाँ व लगना, निद्रा लक्षण, मनुष्य की दाहिनी आँख फड़कना पाना पलक गिरना, मृत्यु होना । शुभ. किन्तु बांई का फड़कना अशुभ है, श्राव बंद कर या मुंकर बिना सब स्त्रियों के सम्बन्ध में इपका उलटा ठीक है।।। बात देखे-सुने, या विचार किये, बिना अव पाड़ना- खूब ध्यान से (गौर सोचे बिचारे । से ) देवना, विस्मय करना, ( अाँख फाड प्राग्व बचाना -सामना न करना. कतकर देखना ) खूब आँग्व खोनकर ध्यान | राना, बिना देख-रेख में करना, लज्जित या बारीकी से देखना, श्राश्चर्य करना।। हना छिपना। प्राग्व फिरना-(फिर जाना । पहिले अाँख बदल जाना-पूर्ववत व्यवहार या की मी कृपा या प्रीति का भाव न रहना. भाव का न रह जाना। बे मुरौप्रती आ जाना, मन में बुराई श्रा | आँख-बिछाना- सप्रेम स्वागत करना, जाना, नाराज़गी या उदारीनता पा जाना । प्रेमपूर्वक प्रतीक्षा करना, बाट जोहना । विमुख हो जाना अप्रपन्नता आ जाना, आँख भर पाना- आँखों में आँसू प्रा आँख उलट जाना (बेहोशी में ) मर
जाना । (प्रेम करुणा, दुख से।। जाना प्रेम तोड़ना।
आँख भर देखना-खूब अच्छी तरह प्राव फूटना - आँख की ज्योति का नष्ट मन भर कर देखना, श्रातृप्ति देखना, इच्छा हो जाना, बुरा लगना कुढ़न होना, भूल भर कर देखना ।
For Private and Personal Use Only