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अस्वीकृत २०६
अहमक अस्वीकृत- वि० (सं०) अस्वीकार या | अहटना ( अहटाना ) अ० कि० दे० (हि. नामंजूर किया हुआ, इन्कार किया हुआ, ! अाहट) श्राहट सुनना, खटकना, पता नामंज़र।
चलना। संज्ञा, स्त्री० अस्वीकृति ।
स० कि० प्राइट लगाना, टोह लेना। अस्सी -वि० दे० (सं० अशीति ) सत्सर श्र० कि० -(सं० आहट ) दुखना, चोट
और दस की संख्या, दस का पाठ गुना, पहुँचाना “ भरम गये उर फारि पिछौहैं ८०, संख्या विशेष । ( दे० ) असी। पाछे पै अहटाने "भ्र० । अहं (अहम् ) सर्व० (सं० ) मैं। " चलत न पग पैजनियां मग अहटात"प्रकार-संज्ञा, पु० (सं०) अभिमान, गर्व, रंच किरकिरी के परे, पल पल मैं अहटाय" घमंड, मैं हूँ, या मैं करता हूँ, ऐसी भावना, --रतन०। दम्भ, अहंकृति, हृदय चतुष्टय में से एक। अहथिर -वि० दे० (सं० स्थिर ) स्थिर, ग्राहकारी वि० (सं० अहंकारिन् ) अहंकार “जो पै नाहीं अहथिर दसा" --प० । करने वाला, घमंडी, गुमानी, गर्वीला। अहद-संज्ञा, पु. (अ.) प्रतिज्ञा, वादा, स्त्री० अहंकारिणी।
संकल्प। प्राकृति-संज्ञा, स्त्री. (सं.) अहंकार, | अहदनामा- संज्ञा, पु० (फा०) एकरारमद, गर्व ।
नामा, प्रतिज्ञापत्र, सुलहनामा । वि० न मारने वाला।
अहदी-वि० पु० (अ.) श्रालसी, आसअहंता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) अहंकार, |
कती, अकर्मण्य, निठल्ला। घमंड, मद।
वि० प्रतिज्ञा का दृढ़। अहंपद-संज्ञा, पु० (सं०) घमंड, गर्व,
संज्ञा, पु. ( म०) सब दिन बैठे खाने " जिय मांझ अहंपद जो दमिये "- के।
किन्तु बड़ी श्रावश्यकता पर काम देने वाले अहंवाद-संज्ञा, पु. ( सं० ) डींग, शेख़ी,
एक प्रकार के सैनिक या सिपाही (अकलम्बी लम्बी बात करना, डींग मारना।
बर-काल)। अहंभाव-संज्ञा, पु. (सं०) अहंकार,
अहन् - संज्ञा, पु० (सं० ) दिन, दिवस। घमंड, गर्व । अहंमन्य-वि० (सं० ) अपने को बड़ा अहना-अ० कि० (सं० अस = होना ) मानने वाला, अस्मानी।
( इसका प्रयोग अब केवल वर्तमान काल स्त्री० अहंमन्या ।
के ही रूप में होता है यथा अहै,) तुलसीअहंमन्यना-संज्ञा, स्त्री. ( सं० ) अहंकार, दास ने इसके कई रूपों का प्रयोग किया अपने को बड़ा मानना, गर्व, मद, घमंड ।
है-ग्रहहूँ, अहे, अहई, अहऊ, अहों। अह-संज्ञा, पु. ( सं० अहन् ) दिन, विष्णु, | अहनिसि-प्रव्य० दे० (सं० अहर्निशि ) सूर्य, दिन का देवता, दिनेश।
रात-दिन, या दिन-रात । अव्यः (सं० अहह ) आश्चर्य, खेद, या अहनिशि- अव्य० (सं० ) दिन-रात, सदा, क्लेशादि को सूचित करने वाला शब्द। नित्य, सब काल । अहक-संज्ञा, पु० दे० (सं० ईहा ) अहमक-वि० (प्र.) बेवकूफ, मूर्ख, इच्छा, लालसा, गर्व।
मूद, उजड्ड। प्रहकना अ. क्रि० दे० (हि. अहक) संज्ञा, पु० अहमकपन, हिमाकत लालसा करना, प्रबल इच्छा करना। (अ.)।
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