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अस्त्रविद्या
शस्त्र-वैद्य, त्रों के द्वारा चिकित्सा करने वाला वैद्य, जर्राह ।
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अस्त्रविद्या - संज्ञा स्त्री० ० ( सं० ) अस्त्रचलाने की विद्या, धनुर्वेद । अस्त्र वेद - संज्ञा
पु० ० (सं० ) धनुर्वेद,
विद्या | अस्त्रशाला - संज्ञा स्त्री० यौ० (सं० ) श्रस्त्रशस्त्र रखने का स्थान, हथियारों के रखने की जगह, नागार ।
अस्त्रागार - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) अस्त्रशाला, अस्त्रालय 1
अत्रालय - संज्ञा, पु०या० (सं० ) श्रस्त्रशस्त्र रखने की जगह |
अस्त्रधारी - वि० ० (सं० ) अस्त्र धारण करने वाला, सैनिक, योधा ।
संज्ञा, भा० पु० (सं० ) स्थायित्व | (दे० ) स्थायी, स्थिर, अस्थाई ( दे० ) । प्रस्थान - संज्ञा, पु० (सं० अ + स्थान ) बुरा स्थान, स्थानाभाव, (दे० ) स्थान, जगह ।
प्रस्थापन -संज्ञा, पु० (सं० अ + स्थापन ) न स्थापित करना, न बिठाना, (दे० ) स्थापन, स्थापना ।
प्रस्थापित -- वि० (सं० अ + स्थापित ) जो स्थापित न किया गया हो, (दे० ) स्थापित ।
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वि० [प्रस्थापनीय | वि० [स्थापक |
अस्थि- संज्ञा, स्त्री० (सं० ) हड्डी, शरीरस्थ धातु विशेष ।
यौ० अस्थिपंजर - हड्डियों का ढाँचा, कंकाल |
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अस्पृश्य
कुलिस स्थि तें उपल तें " - रामा० । अस्थिर - वि० (सं०) चञ्चल, चलायमान, डाँवाडोल, जिसका कुछ ठीक न हो, अस्थायी, निश्चित |
(दे० ) स्थिर, निश्चित ।
" श्रसथिर रहै न कतहूँ जाई ” – कबीर० । संज्ञा, भा० स्त्री० (सं० ) अस्थिरता - चंचलता, अनिश्चिता ।
यौ०
स्थिरचित्त - चंचलचित्त - स्थिरमति - अधीर ।
स्त्री-संज्ञा, पु० (सं० अत्रिन्) अस्त्रधारी, हथियार बन्द, योधा, सैनिक I
वि० (सं० प्र + स्त्री) स्त्री-रहित, जो स्त्री न हो ।
स्थिरमना - संज्ञा पु० यौ० (सं० ) चंचल चित्त या मति वाला, अधीर, जिसका अंतःकरण चलायमान हो ।
प्रस्त्रज्ञ - वि० ( सं० ) अस्त्र - प्रयोग जानने । अस्थिसंचय - संज्ञा, पु० यौ० (सं० )
वाला ।
अस्थल - संज्ञा, पु० (सं० प्र + स्थल ) स्थानाभाव, बुरा स्थान बुरी जगह । (दे० ) स्थल, जगह | अस्थायी - वि० (सं० ) स्थिति-रहित, जो स्थायी या ठहरने वाला न हो, अस्थिर, श्रगाध, तलस्पर्श ।
त्येष्टि संस्कार के अनन्तर जलने से बची हुई हड्डियों के एकत्रित करने की क्रिया । अस्थूल - वि० (सं० ) जो स्थूल या मोटा न हो, सूक्ष्म, कृश, दुर्बल, दुबला-पतला । वि० (दे० ) स्थूल |
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संज्ञा, स्त्री० प्रस्थूलता ।
यौ० प्रस्थूलधी - सूक्ष्म बुद्धि वाला । अस्थैर्य - संज्ञा, पु० (सं० ) अस्थिरता, चंचलता ।
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(दे० ) संज्ञा, पु० स्थैर्य, स्थिरता । अस्नान - संज्ञा, पु० दे० (सं० स्नान ) स्नान, नहाना, धसनान ( दे० ) । अस्पताल --- संज्ञा, पु० दे० ( ० हास्पिटल ) श्रौषधालय, चिकित्सालय, दवाखाना । अस्पृश्य - वि० (सं० ) जो छूने योग्य न हो, नीच या स्थन ।
यौ० अस्पृश्यजाति - नीच जाति, अछूत ।