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असंबाधा
संज्ञा, भा० स्त्री० (सं० ) असंबद्धता | असंबाधा -संज्ञा स्त्री० (सं० ) सम्बाधा - भाव, एक प्रकार का वर्णिक वृत्ति । वि० असंबाधित - अबाधित, बाधारहित ।
असकत
संयत - वि० (सं० ) संयम-रहित, जो नियम व न हो, असङ्गत, अनियंत्रित I प्रसंयुक्त- वि० (सं० + सं + युज + क्त ) असंलग्न, अमिलित, पृथक, अलग, न मिला हुआ ।
संविधान-संज्ञा, पु० (सं० ) श्रविधान, प्रसंयोग- संज्ञा, पु० (सं० ) अनमेल, भिन्नता, पृथकत्व, बेमौक़ा, अनावसर । संयोजन - संज्ञा, पु० (सं० ) न मिलाना, संयुक्त करना ।
वि० [प्रसंयोजित न मिलाया या एकत्रित किया हुआ । असंलग्न - वि० (सं० ) न लगा हुआ, न मिला हुआ, असङ्गत, जो लीन न हो । संज्ञा, स्त्री० संलग्नता ।
संशय - वि० (सं० ) निश्चय, निस्सन्देह, संशय-रहित, संसय (दे० ) | " असंशयं क्षत्र - परिग्रहक्षमा "" - शकु० । प्रसंस्कृत - वि० (सं० ) बिना सुधारा हुआ, अपरिमार्जित, संशोधित, जिसका उपनयन संस्कार न हुआ हो, व्रात्य, जो संस्कृत भाषा का न हो ।
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अव्यवस्था |
संबोधित - वि० (सं० अ + संबोधन + इत ) जिसे सम्बोधित न किया गया हो,
न
बुलाया गया।
वि० संबोधनीय । असंभव - वि० सं०) जो सम्भव न हो, जो न हो सके, नामुमकिन, असाध्य । संज्ञा, पु० एक प्रकार का अलंकार जिस में किसी हो गई हुई बात का होना असम्भव कहा जाता है ।
वि० संभाव्य | प्रसंभूत - वि० (सं० ) जो पैदा न हो, अभूत, अनुत्पन्न, उत्पत्ति-रहित, श्रज,
अजन्मा ।
संभार - वि० (सं० अ + संभार ) जो सँभालने योग्य न हो, अपार बहुत । असंभावना संज्ञा, स्त्री० (सं० ) सम्भा - aar का अभाव, अनहोनापन, एक प्रकार का अलंकार ।
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वि० संभावनीय । असंभाषित-वि० ( सं० ) जिसके होने का अनुमान न किया गया हो, अनुमानविरुद्ध, असम्भव किया हुआ । संभाव्य - वि० सं०) जिसकी सम्भावना ( न हो, अनहोना ।
असंभाष्य - वि० ( सं० ) न कहे जाने के योग्य, जिससे वार्तालाप करना उचित न हो, बुरा, न बोलने के लायक़ | संज्ञा, पु० (सं० ) असंभाषण, चुप, मौनता ।
वि० संभाषित - जिससे बात-चीत न की गई हो ।
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असंस्कार - वि० (सं० ) जिसका संस्कार या सुधार न किया गया हो ।
संज्ञा, पु० (सं० ) संस्काराभाव, बुरा संस्कार, भाग्य, सम्पर्क सम्बन्धाभाव |
असंहार -- संज्ञा, पु० (सं० ) संहार या नाश का अभाव, अविनाश, विनाश-रहित । वि० संहारक, जो विनाशक न हो । संज्ञा - वि० (सं० ) संज्ञा या चेतना - शून्य, बेहोश ।
प्रस - वि० दे० (सं० ईदृश ) ऐसा, इस प्रकार का, तुल्य, समान, इस तरह, इस भाँति ।
"कस न राम तुम कहहु अस " - रामा० । असकत - वि० दे० (सं० अशक्त ) अशक्त, अक्षम, असमर्थ, अयोग्य, निर्बल, श्रबल । संज्ञा, पु० श्रालस्य, उवाँस ।
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