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न हो।
अविप्लव
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अधिवादी तारित धोखा न खाया हुआ, न ठगा हुआ। अविरल-वि० (सं० ) मिला हुआ, अपृथक, अविप्लव - संज्ञा, पु० (सं० ) अनुपद्रव, अभिन्न, घना, सघन, निविड, निरंतर, विप्लव शून्य । वि० अविप्लवी।
लगातार। अधिपुल-वि० ( सं० ) अविस्तृत, अप्रचुर, संज्ञा, स्त्री० अविरलता। संज्ञा, स्त्रो० (सं० ) अविपुलता।
" अबिरल भगति मांगि वर"..-रामा० । अविफल-वि० (सं० ) जो विफल या अविगग-संज्ञा, पु० (सं० ) विराग-विहीन, निष्फल न हो।
अनुराग। संज्ञा, स्त्री. अविफलता।
वि० अधिरागी-जो विरागी न हो। अविभक्त-वि० (सं० ) मिला हुआ,
अधिगम-वि० (सं० ) बिना विश्राम के, अपृथक, अखंड, अभंग, अभिन्न, एक,
बिना ठहराव के, लगातार, निरंतर। शामिलाती, जो बाँटा न गया हो, जिसका प्रारुद्ध-वि० (
प्रशिरुद्ध-वि० (सं० ) जो विरुद्ध या विभाग न किया गया हो।
खिलाफ न हो। अविभाज्य-वि० (सं० ) जो विभाग के प्रावगध- संज्ञा, पु. ( सं० ) समानता, योग्य न हो -अविभाग वि० भाग रहित । .
साम्प, सादृश्य, मैत्री, विरोधाभाव, अनुअधिभाजनीय वि० (सं० )।
कूलता, मेल, संगति, एकता प्रीति । अविभु-वि० (सं० ) जो सर्वत्र व्यापक : अविरोधो-वि० (सं० अविरोधिन् ) जो
विरोधी या शत्रु न हो. मित्र, अनुकूल, अधिभूषित-वि० पु० (सं० ) अनलंकृत, शान्त । . न सजा हुआ।
स्त्री० अविरोधिनी। अधिमुक्त-संज्ञा, पु. ( सं० ) जो मुक्त अविलम्ब - संज्ञा, पु० ( सं० ) शीघ्र, न हो, न छोड़ा हुया, बद्ध, अव्यक्त, मुमुक्षु ।। तुरन्त, बिना देर के। संज्ञा, पु० (सं० ) कनपटी।
अघिलोल-वि० (सं० ) जो विलोल या अविमुक्त क्षेत्र--संज्ञा, पु. ( सं० यौ०) चंचल न हो, अचंचल । काशी, बनारस।
| अविलोकन-संज्ञा, पु० (सं० ) अवलोकन अविरक्त-वि० (सं० ) जो विरक्त या का अभाव. न देखना। अलग न हो, अनुरक्त ।
अविलोकनीय-वि० (सं० ) न देखने अविरत-वि० (सं० ) विराम-विहीन, लायक । निरंतर, लगा हुआ, बिना ठहराव के, लीन अविलोकित- वि० ( सं० ) न देखा हुआ. अनुरत ।
न पढ़ा हुआ। क्रि० वि० ( सं ) निरन्तर, लगातार, नित्य, अविलोचन-वि० ( सं० ) नेत्र-हीन, सर्वदा, हमेशा, बराबर, विराम-शून्य । अंधा, मूर्ख, अज्ञानी। अधिरति-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) निवृत्ति अनिलोम-वि० ( सं० ) अविरुद्ध का अभाव, लीनता, अनुरति, विषयासक्ति, अविपरीत, उलटा जो न हो। अशांति।
अविवाद-वि० ( सं० ) विवाद-विहीन, अविरथा-कि० वि० दे० व्यर्थ, वृथा। निर्विवाद । अविरद-संज्ञा, पु० ( सं० ) अयश, असं- अविधादी-वि० ( सं० ) विवाद न करने कल्प, अकीर्त।
वाला, शान्त, धीर, गंभीर, जो झगड़ालू वि. विरद-रहित, प्रण-हीन।
। न हो, मेली।
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