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सतक
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मिलना । सूत में सूत मिलना (बैठना ) - बात पर बात, मिलना, जैसे को तैसा मिलना संज्ञा, पु० (सं०) एक वर्ण संकर जाति, स्त्री० - सूती | रथ चलाने या रथ हाँकने वाला, सारथी, चारण, भाट, बंदीजन पौराणिक, पुराण- वक्ता, कथा वाचक बढ़ई, सूत्रधार, सूत्रकार, सूर्य । वि० (सं० ) - प्रसूत, उत्पन्न | संज्ञा, पु० दे० (सं० सूत्र )
शब्दi किन्तु अधिक अर्थ वाला वचन, पद या शब्द- समूह | संज्ञा, पु० दे० (सं० सूत्र = सूत ) श्रच्छा भला | संज्ञा, ५० दे० ( हि० सुत) लड़का, बेटा ।
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सूतक संज्ञा, पु० (दे०) जन्म, किसी के उत्पन्न होने या मरने से जो अशौच कुटुंबियों को होता है. सूदक (दे०) | सूनक- गेह - संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० सूतिकागृह) सूतिकागार, सूतिकालय, जच्चाखाना, प्रसूता स्त्री के रखने का स्थान । सूतकाघर - संज्ञा, पु० यौ० (दे०) सूतिका का स्थान सूतिकागृह |
सूतकी - वि० सं० सूतकिन् ) वह पुरुष जिसे सूतक लगा हो, जिसके घर या वंश में कोई उत्पन्न या मरा हो ।
सूतधार - संज्ञा, पु० दे० (सं० सूत्रधार ) सूत्रधार ( नाट्य० ) बढ़ई । सूतना- - अ० क्रि० (दे०) सोना, नींद लेना 1
स० रूप- सुताना । सूतपुत्र - संज्ञा, सारथी, कर्ण ।
सूतरी - संज्ञा, त्रो० दे० ( हि० सुतली ) सुतली, पतली रस्सी, सुतरी (दे० ) । सूता - संज्ञा, पु० दे० (सं० सूत्र ) डोरा, सूत, तंतु | संज्ञा, खो० (सं० ) प्रसूता । सृति -- संज्ञा, स्त्री० (सं०) प्रसूव, जन्म, पैदाइश, जनन, उत्पत्ति, उत्पति का स्थान या घर, उद्गम । सूतिका - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) ऐसी स्त्री जिसने हाल ही में बच्चा जना हो, जच्चा (फा० ) । भा० श० को ०
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पु यौ० (सं०) सारथि,
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सूद
सूतिकागार-सूतिकागृह - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) प्रसवभवन, सौरी, सोवर (दे०), सूतिकालय जच्चाखाना (फा० ) । सूती - वि० दे० ( हि० सूत) सूत से बुना या बना हुआ । संज्ञा स्त्री० दे० (सं० शुक्ति) सीपी, शुक्ति ।
सूतीघर - संज्ञा, पु० दे० (सं० सूतिकागृह ) सूतिकागार, सूतिकागृह, सौरी, जच्चाख़ाना । सूत्र - संज्ञा, पु० (सं०) सूत, तागा, धागा, डोरा, जनेऊ, यज्ञोपवीत, लकीर, रेखा, कटि-भूषण, कटि-सूत्र, करधनी, करगता ( प्रान्ती० ), व्यवस्था, नियम, थोड़े अक्षरों में कहा हुआ ऐसा शब्द या शब्द- समूह जो • अधिक अर्थ प्रकट करे, सुरारा, पता । यौ०सूत्रपात ।
सूत्रकार संज्ञा, पु० (दे०) सूत्र - रचियता, सूत्रों का रचने या बनाने वाला, जुलाहा, बढ़ई, कुविद | " पाणिनिः सूत्रकारंच "सि० कौ० ।
सूत्र ग्रंथ - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) वे पुस्तकें जो सूत्रों में हो। जैसे - योग सूत्र । सूत्रधर-सूत्रधार - संज्ञा, पु० (सं०) नाव्यशाला का प्रमुख नट या व्यवस्थापक, बढ़ई, एक वर्णसंकर जाति (पुरा० ) काष्ट - शिल्पी । सूत्रपात -- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) प्रारंभ । सूत्रपिटक - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) बौद्ध-सूत्रों का एक प्रसिद्ध संग्रह - ग्रंथ । सूत्रात्मा -- संज्ञा, पु० यौ० (सं० सूत्रात्मन् ) जीव, जीवात्मा ।
सूथन -सूथना -- संज्ञा, पु० (दे०) ढीला पायजामा, सुथना, सुत्थन (दे० ) । सुथनी - पंज्ञा, त्रो० (दे०) छोटा पायजामा, सुधनिया, सुथनी (दे०) ।
सूद - संज्ञा, पु० ( फ़ा० ) व्याज, लाभ, नफा, वृद्धि । मुहा०- सूद दर सूदचक्रवृद्धि व्याज, व्याज पर व्याज | संज्ञा, पु० दे० (सं० शूद्र ) नीच जाति ।
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