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सुलेमान
१८०२
सुवासिनी सुलेमान - संज्ञा, पु. (फ़ा०) एक प्रसिद्ध "सुवर्णस्य सुवर्णस्य सुवर्णस्यच मैथलि"बादशाह जो पैग़म्बर माना गया है (यहूदी। ह. ना० । पंजाब और बिल्यूचिस्तान के बीच का एक सुवर्ण करणी--संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० पहाड़।
सुवर्ण --- करणा) एक जड़ी या औपधि जो सुलेमानी--संज्ञा, पु० (फा०) सफेद आँखों शरीर के रंग को सुन्दर कर देती हैं। का घोड़ा, एक दो रंग का पत्थर । वि. सुवर्ण रेखा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) राँची सुलेमान-संबंधी, सुलेमान का।
(बिहार से निकल कर बंगाल की खाड़ी में सुलोचन-वि० (सं०) सुनयन, सुनेत्र, अच्छी गिरने वाली एक नदी भूगो०), सुबरुनः
आँखों वाला । स्त्री० - लुलोचना। रेखा (दे०), सुवर्ण की रेखा (कसौटी पर)। सुलोचना-संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक अप्सरा, सुवम-वि० दे० (सं० स्ववश) स्वतंत्र, मेघनाद की स्त्री, नरेश माधव की स्त्री।
स्वाधीन, भली भाँति जो वश में हो, अपने वि० (स्रो०) सुन्दर नेत्रों वाली।
वश में । "विश्व विमोहनि सुक्स-बिहारनि" सुलोचनी- वि० स्त्री० दे० (सं० सुलोचना) ---रामा० । सुन्दर नेत्रों वाली, सुनयनी।।
सुवाँग-सुआँगी--संज्ञा, पु० दे० (हि० स्वांग) सुल्तान-संज्ञा, पु. दे. (अ. सुलतान ) | दूसरे का रूप बनाना, भेप, रूप, हँसी का बादशाह, सुरतान (दे०)
खेल या तमाशा, अभिनय, नकल, छलने के सुव-संज्ञा, पु० दे० (सं० पुत) सुत, पुत्र, लिये बनाया हुआ कपट रूप । सुवन।
सुवा---संज्ञा, पु. ६० (सं० शुक) शुक, तोता, सुवक्ता-वि० (सं० सुवक्त) वाक पटु, वाग्मी, सुगा, सुश्रा। उत्तम व्याख्यान देने वाला, अच्छा कहने सुवाना* -- स० क्रि० दे० (हि. सुलाना) वाला ।
सुलाना, सोबाना (दे०)। सुवचन--वि० (सं०) मधुर भाषी, सुन्दर सुवार*-संज्ञा, पु० दे० (सं० सूपकार) बोलने वाला । स्त्री०-सुवचनी। रसोइया, पाक करी। संज्ञा, पु. अच्छा दिन । सुवटा-संज्ञा, पु० दे० (० शुक) शुक. सुवान -संज्ञा, पु० अ०) सवाल, प्रश्न, तोता, सुग्गा, सुश्रा, सुश्रया (ग्रा०)। मगना याचना ! सुवन-संज्ञा, पु०(सं०) चंद्रमा, सूर्य, अग्नि। सुवास-संज्ञा, पु. (सं०) सुगंधि, अच्छी संज्ञा, पु० दे० (सं० सुत) सुमन, पुत्र, बेटा । महक, सुरभि, खुशबू . सुदर घर, न, ज "राम, लखन, तुम, शत्रुधन, सरिस सुवन (गण) और एक लघु वर्ण वाला एक वर्णिक सुठि-जासु"-रामा०।
छंद (11, 151. I-पि०)। सुवनारा-संज्ञा, पु० दे० (सं० सुत) सुवन, सुवासिका--वि० स्त्री० दे० (सं० सुवासिक) सुत, पुत्र ।
सुवास देने वाली, सौरभीली । सुवरन-संज्ञा, पु० दे० (सं०सुवर्ण) सोना। सुवासित - वि० (सं०) सुरभित, सुगंधित, सुवर्ण-संज्ञा, पु. (सं०) स्वर्ण, सोना, धन, खुशबूदार । दश माशे की एक स्वर्ण-मुद्रा (प्राचीन), सुवासिनो--संज्ञा, स्त्री. (सं०) युवावस्था धतूरा, सुबरन (दे०)। एक छद (पि.), में भी पिता के घर पर रहने वाली स्त्री, १६ माशे की एक तौल । वि०-सुन्दर चरंटी (प्रान्तो०) सधवा स्त्री, सुवासिन वर्ण या रंग का, सोने के रंग का, पीला, (द०)। "करें सुवासिनि मंगल गाना"उज्वख, बड़ी या सुदर जाति का। स्फुट० ।
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