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अवगति
अवचेष्टा अषगति-संज्ञा, स्त्री. ( सं० ) बुद्धि, अवगुंठित-वि० (सं०) ढंकी, छिपी, धारणा, समझ, बुरी गति, विज्ञता, ज्ञान, घिरी हुई। बोध, गमन ।
वि० अवगंठनीय-छिपाने के लायक । अवगाढ़-वि० (सं० अव+गाह+क्त) अवगुण-संज्ञा, पु० (सं० ) दोष, ऐब, निमज्जित, कृत स्नान, प्रविष्ट, छिपा हुआ, | बुराई, खोटाई, दुर्गुण । गाढ़ा, घना, निबिड़।
औगुन (दे० ब्र०) अवगुन ( हिं० )। प्रवगारना*- स० क्रि० दे. ( सं० । वि० अवगुणो-- दुर्गुणी, सदोष, बुरा । अव-+-गृ) समझाना, बुझाना, जताना।। अवगुन - संज्ञा, पु० दे० ( सं० अवगुण) अवगाह-वि० दे० (सं० अवगाध ) दोष, कुल क्षण, अपराध, प्रौगुन ।। अथाह, बहुत, गहरा।
अवगृहन-संज्ञा, पु० ( सं० ) आलिंगन, " तिमि रघुपति, महिमा अवगाहा"- श्राश्लेष, सप्रेम परस्पर अंग-स्पर्शन, भेटना, रामा।
अँक भरना। अनहोना, कठिन ।
अवगृहित-वि. ( सं० ) प्रालिंगित, " तोरेहु धनुष व्याह अवगाहा"-रामा०। आश्लेषित। संज्ञा, पु०-गहरास्थान, संकट का स्थान, अषगृहनीय-वि० (सं० ) श्रालिंगन के कठिनाई, कठिनता, कष्ट, प्रवेश, जल-प्रवेश, योग्य, भेटने लायक। हिलना, जल में हल कर स्नान करना। अपग्रह - संज्ञा, पु० (सं) रुकावट, अड़चन, अवगाहन-संज्ञा, पु० (सं० ) स्नान करण, बाधा, वर्षा का अभाव, अनावृष्टि, बाँध, निमजन, जल-प्रवेश, जल में पैठ कर नहाना, बंद संधि-विच्छेद (ब्याक० ) अनुग्रह का मंथन, विलोडन, डुबकी, गोता, खोज, उलटा, स्वभाव, प्रकृति, कोसना, शाप, छान-बीन चित्त लगाना, लीन होकर ग्रहण, अपहरण, हाथी का मस्तक, हस्तिविचार करना।
वृन्द, प्रतिबन्धक। संज्ञा, पु०-अथाह जल, गहरा स्थान, अपघट-वि० दे० (सं० अव-+ घट्ट= घाट) अनन्त, जिसके तल का पता न हो। विकट दुर्गम, कठिन । अवगाहना*-अ० क्रि० दे० ( सं० ! “अवघट घाट बाट गिरि कंदर" - रामा० । अवगाहन ) हल कर या पैठ कर जल में वि० (दे०) अड़बड़, ऊँचा-नीचा, टूटा-फूटा । नहाना, निमजन करना, जल में पैठना, औघट-(दे० )। धंसना, मग्न होना, स्नान करना।
अपघात-संज्ञा, पु. ( सं० ) अव+ स० कि०-छानबीन करना, विचलित हन् । घञ् ) अपघात, अपमृत्यु । करना, हलचल मचाना, चलाना, हिलना, अवचट-संज्ञा, पु० दे० (सं० अव ---चट :: देखना, सोचना-विचारना, धारण करना, जल्दी-हि० ) अनजान, अचक्का, कठिनाई, ग्रहण करना।
अंउस, औचक, अचानक, संकट । " दिसि विदिसन अवगाहि कै, सुख ही । औचट-(दे० )। केसव दास" रा० चं।
कि० वि० अकस्मात, अनजान में। अवगीत-- संज्ञा, पु० ( सं० ) निंदा, दोष- अधचर --- वि० (सं० ) एक दृष्टि, औचक,
दुष्ट, अति निंदित, लांछित, सदोष। अचानक, एक बारगी-ौचर (दे०)। अवगंठन-संज्ञा, पु० (सं० ) ढंकना, अवचेष्टा-संज्ञा, स्त्री. ( सं० ) मंद चेष्टा, छिपाना, रेखा से घेरना, बूंघट, बुा । अनारीपन ।
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