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सिकुड़ना
A "SABETHANE LEWENS
सिकुड़ना - सिकुरना - अ० कि० दे० (सं० संकुचन ) संकुचित या आकुंचित होना, बटुरना, संकीर्ण होना, शिकन या बल
पड़ना ।
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सिकाइना-सिकोरना - स० क्रि० ( हि० सिकुड़ना ) संकुचित करना, समेटना, बटो
रना ।
सिकोरा - संज्ञा, पु० दे० (हि० कसोरा) सकारा, कसारा, प्याला, मिट्टी का
कटोरा | सिकोला-सिकोला - संज्ञा, पु० (दे०) काँस, मूज या बेंत यादि की डलिया । सिकाहो - वि० दे० ( फा० शिकोह ) वीर, बहादुर गर्वीला, प्रानवान वाला, अभिमानी गुमानी
सिक्कड़ - सिक्कर- संज्ञा, पु० दे० (सं० सीकर
)
पसीना ।
पानी की बूँद या छींट, जल-कण, * संज्ञा स्त्री० द० (सं० श्रृंखला, जंजीर । सिक्का संज्ञा, ५० दे० ( ० सिक्का) छाण, मुहर छाप ठप्पा मुद्रित चिह्न रुपया, अशर्फ़ी पैसा, मुद्रा, इन पर राजकीय छाप, निश्चित मूल्य का टकसाल में ढला धातु का टुकड़ा। मुहा०-सिक्का बैठना या जमना - अधिकार या प्रभुत्व होना रोब या श्रातक जमना धाक बैठना । पदक, तमग़ा, मुहर पर अंक बनाने का ठप्पा | सि+ख सज्ञा, पु० दे० (सं० शिष्य) शिष्य, चेला, गुरु नानक का अनुयायी, नानकपंथी सिख (दे० ) |
सिक्त - वि० (सं०) सींचा या भीगा हुआ, तर, गीला । सज्ञा, स्त्री० (सं०) (सक्तना । सिखंड -- पंज्ञा, पु० द० (सं० शिखंड) शिखंड,
चोटी शिखा । वालानाम् तु शिवा प्रोक्ता काकपत शिखंडकौ " अमर० { वि० (स० ) शिखंडी - लिखंड वाला, एक राजा (HETO) I
सिख सज्ञा, स्त्री० दे० (सं० शिक्षा) शिक्षा, सिखावन, उपदेश, सिखापन, सीख (दे० ) ।
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सिचान
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" सिख हमारि सुन परम पुनीता रामा० । सज्ञा, पु० दे० (सं० शिव्य) शिष्य, शागिर्द, चेला, गुरु नानक के अनुयायी, सिक्ख । पज्ञा, खो० दे० (सं० शिखा ) शिखा, चोटी। " नख लिख तें सब रूप अनूपा
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"
रामा० ।
सिखना - स० क्रि० दे० ( हि० सीखा ) सीखना सिखना । द्वि० रूप-सिखाना, सिखावना, मे० - रूप- सिखवाना | सिखर - ज्ञा, पु० दे० (सं० शिखर) शृंग, शिखर, पहाड़ की चोटी । सिवन सज्ञा स्त्री० दे० (सं० श्रीखंड) दही, दुध प्रौर चोनो मिला पदार्थ, सिकरन (दे० ) अरन (ग्रा० । सिखलाना - स० क्रि० दे० (हि० सिखाना )
सिखाना | सिखा-संवा, खो० दे० (सं० शिखा) शिखा, चोटी।
सिखाई - ज्ञा स्त्री० दे० (सं० शिक्षा ) शिक्षा उपदेश पढाई | सिवाना ० क्रि० दे० (सं० शिक्षणा ) शिक्षा या उपदेश देना पढ़ाना । यौ०सिखाना-पढाना - चालाकी मिखाना | सिखापन- सज्ञा, पु० दे० (सं० शिक्षा + पन- हि०, शिक्षा, उपदेश, सिखाने का काम । सिखान - सज्ञा, पु० दे० शिक्षण) सीख, शिक्षा, उपदेश, सिखापन । स्रो० - सिखाafal सिखावना सं० क्रि० ( हि० सिखाना ) सिखाना | सिखिर
पंज्ञा, पु० दे० ( सं० शखर ) पचत-श्रृंग, शिखर, चोटी । सिखा- सज्ञा, पु० दे० (सं० शिखी) मोर, मयूर, वह ।
सिगरा सिगरी सिगरौ - वि० दे० (सं०
समग्र) समस्त, सम्पूर्ण, सब का सब सारा । स्त्री० - सिगरी ।
सिचानज्ञा, पु० दे० (सं० संचान) बाज़