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साहसी
सिंकना, सेंकना साहसी, पराक्रमी, निश्शंक, निर्भीक, चोर, | स्वामी, मालिक, पति, नाथ, परमेश्वर, डाकू, निर्भय, निडर।
साई, साइयाँ। साहसी-वि० (सं० साहसिन् ) बहादुर, साही-- संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० शल्पका ) एक दिलेर, हिम्मती, हौसलेवाला । " साह के विख्यात जंगली जंतु जिपके शरीर पर बड़े सपूत महा साहसीसिवा जी तेरी, धाक सब बड़े पैने काँटे होते हैं । वि० दे० ( फा० देसन-विदेसन मैं छाई है' - फु० । शाही ) शाही, बादशाह का, शाह-सबंधी। साहस्त्र-साहस्त्रिक-वि० (सं.) सहस्र या संज्ञा, स्त्री० (दे०) स्याही ( फ़ा० )। हजार संबंधी, हज़ार का।। । साहु-संज्ञा, पु० दे० (फ़ा० शाह, सं० साधु) साहा-संज्ञा, पु० दे० (सं० साहित्य ): साहूकार, सेठ, महाजन, शाह, राजा, व्याहादि शुभ कार्यों के लिये शुभमुहूर्त या सज्जन । विलो०-चोर । शिवा जी के लग्न।
पिता साहि जी। " साहु को सराहों के साहाय्य-संज्ञा, पु० (सं.) सहायता। सराहौं सिवराज को"... भूष० ।। साहि*- संज्ञा, पु० दे० ( फा० शाह ) साहुल-संज्ञा, पु० दे० (फा० शाकूल ) साह, साहु, राजा, बादशाह, सेठ सहूकार, राजों का दीवाल की समता की जाँच करने शिवा जी के पिता, साहि जी। “तापर का एक यत्र, सहावल (दे०)। साहि-तनै सिवराज सुरेश की ऐसी सभा सुभ साहू ---संज्ञा, पु० दे० ( फ़ा० शाह ) सेठ, साजै"- भूष० ।
सहकार. साहु, सज्जन, महाजन, धनी, साहित्य-संज्ञा, पु. (सं०) उपहारण, सामान, शिवाजी के पौत्र। असबाब, सामग्री, वाक्यों में एक ही क्रिया साहूकार - संज्ञा, ५० दे० ( सं० साधुकार ) से अन्वय कराने वाला पदों का पारस्परिक बड़ा सेठ, बड़ा महाजन, कोठीवाल । संज्ञा, संबंध विशेष, विद्याविशेष, कवियों का पु० (६०)- सहकारी। सुलेख, सार्वजनिक हित-सम्बंधी स्थायी साहूकारा--संज्ञा, पु० दे० ( हि० साहूकार ) विचारों या भावों के गद्य-पद्य मय ग्रंथों का लेन देन का कार्य. महाजनी, महाजनों का सुरक्षित समूह, काव्य, वाड:मय, मिलन, बाज़ार । वि.-सेठों का, सेठ-सबंधी। प्रेम करना, एकत्रित होना, संचय । “साहित्य- साहूकारी--- संज्ञा, स्त्री० (हि. सहकार ) संगीत कला विहीन" - भ० ०
सेठ होने का भाव. सेठपन, सेठों का कार्य, साहित्यिक-वि० (सं०) साहित्य-संबंधी, साहकारपन । सहित्य का । संज्ञा, पु०-साहित्य-सेवी, जो साहेब - संज्ञा, पु० दे० (फा० साहिब ) साहित्य-सेवा करता हो।
साहिब, स्वामी, मालिक, प्रभु, नाथ पति, साहिब-संज्ञा, पु. (अ०) पाहब, साथी, परमेश्वर, संगी, दोस्त, मित्र । मित्र, मालिक. स्वामी, परमेश्वर । "साहिब सा*--सज्ञा, सी० दे० ( सं० वाहु) तुम ना बिसारियो, लाख लोग मिल जाहि" भुजा, हाथ, बाज । भव्य० दे० हि० सामुहें) --कवी।
सोहे (ब्र०) सम्मुख, सामने, समक्ष । साहिबी-वि. (अ. साहिब ) साहिब, सिउँ– अध्य दे. (सं० सह ) सहित, संबंधी, साहिब का । संज्ञा, स्त्री०. साहिब युक्त, समीप, पास, निकट, स्यों (द०)। का भाव, प्रभुता, स्वामित्व, बड़प्पन, सिकना, संकना--अ० कि० दे० (हि. बड़ाई।
सेकना ) भाग की आँच पर पकना या गरम साहियाँ-संज्ञा, पु० दे० ( स० स्वामी) होना, सेंका नाना ।
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