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शमन
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उपचार,
शांति.
तःकरण या मन और इन्द्रियों का निग्रह, क्षमा, काव्य में शांतरम का स्थायी भाव | संज्ञा, स्रो० - शमता । शमन - संज्ञा, पु० (सं०) दमन हिंसा, यम, यज्ञ में पशु वलिदान समन (दे०) । शमन सकल भवरुज परिवारू " - रामाण वि०मिन, शमनीय, शम्य । गमलोक - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शांतिलोक, स्वर्ग, वैकंठ ।
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में ऐ यारो शान्ति, क्षमा । कस्य न जायते । "
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शमशेर - संज्ञा, स्त्री० [फा०) खड्ग, तलवार । 'दस्तवगीरद परे शमशेर तेज़ " - सादी० । शमा - संज्ञा, स्रो० ( ० शमय ) मोमबत्ती | 66 शमा सा है 'यह रोशन तज़किरा दुनिया ६० । संज्ञा स्त्री० (सं०)
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- स्फु
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धातु
की मेणेषु शमा
शमादान संज्ञा पुं० ( फा० ) वह थाली जिपमें रखकर मोमबत्ती जलाई जाती है । शमित - वि० (सं० ) ठहरा हुआ, शांत, जिसका शमन किया गया हो ।
णमो -- संज्ञा, स्त्री० (सं०) विजया दशमी पर पूजा जाने वाला एक वृक्ष विशेष, अग्नि-गर्भ वृत, लोकर, श्वेत कीकर डिकुर (दे० ) । 'शमीमिवाभ्यन्तर लो न पावकम्" - रघु० शमीक संज्ञा, पु० (सं०) एक क्षमा-शील
ऋषि जिनके गले में राजा परीक्षित ने मरा साँप डाला था।
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शयन - संज्ञा, पु० (सं०) सोना, नींद लेना, पलंग, शय्या, विछौना, सयन (दे० ) | 66 रघुवर शयन कीन्ह तत्र जाई ' शयन प्रार ती -संज्ञा, स्रो० (सं०) सोने के समय से पहले की प्रारती ।
रामा० ।
शयनगृह - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शयनागार (सं०) सोने का घर. शय्यालय | शयनवोधिनी - संज्ञा, स्त्री० (सं०) अगहन
वदी एकादशी |
शयनागार - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शयनगृह, सोने का घर, शयन मंदिर, शयनालय |
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शरतिया, शतिया
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शय्या -- संज्ञा, स्त्री० (सं०) पलंग, खटिया, खाट, बिछौना, सज्जा (दे०) बिस्तर, बिकावन । "शय्योत्तरपद विमर्द कृशांगरागम् ' रघु० । ' शय्या पल्लव पद्म पत्र रचिता" लो० । शय्यादान - संज्ञा, पु० यौ० सं०) मृतक के निमित्त महापात्र को सब बिछावन और aarभरण सहित पलंग दान में देना, सजादान (दे० ) ।
शरपंज्ञा, पु० (सं० नाराच, तीर, वाण, शायक, सरई, परत सरकंडा रामशर, दूध-दही की मलाई पाँच की संख्या का सूचक शब्द, चिता, भाजा का फल, एक
असुर ।
शरत्र्य संज्ञा स्त्री० [अ०) कुरान की श्राज्ञा. मज़हब, दीन तरीका, मुसलमानों का धर्म शास्त्र दस्तूर | हि० शरई । शरजन्मा - संज्ञा, पु० यौ० ( सं० शरजन्मन् ) षडानन, कर्तिकेय ।
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शरद संज्ञा, पु० (सं०) गिर गिट. गिरदान.
कृकलाम ।
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रामा० ।
शर - संज्ञा, स्त्री० [सं० ) घाड, आश्रय, रक्षा, पनाह, बचाव का स्थान. मकान श्रधीन । सरन (दे०) तऊ शरण संमुख मोहिं देखी ' शरणागत. शरणापन्न संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शरण में छाया हुआ, शरणा को प्राप्त, शिष्य, दान । शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे १ - दुग: ० |
6.
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शरणी - वि० पु० स्त्रो० सं० सरण) शरण देने
वाला ।
शरण्य - वि० (सं०) शरणागत की रक्षा करने वाला । " तीर्थास्पदम् शिव विरचिनुतम् शरण्यम् स्फु० ।
शरत शर्त संज्ञा स्त्री० दे० ( अ० शर्त ) बाजी. दाँव, बदान, बदावदी । शरनिया, शतिया - क्रि० वि० दे० ( प्र० शर्तिया ) बाज़ी बदकर, शत लगाकर, निश्चय या दृढता पूर्वक कार्य करना वि० निश्चित ! बिलकुल ठीक,