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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शतरूपा १६२७ शपथ - शतरूपा-संज्ञा, स्त्री. (सं०) स्वायंभुव मनु शत्रता--संज्ञा, स्त्री० (सं०) बैर-भाव, दुश्मनी, की पत्नी । “ स्वायंभुव मनु अरु सतरूपा' रिपुता, वैमनस्य । ---रामा० । ब्रह्मा की माननी कन्या. तथा शत्रुताई* --संज्ञा, स्त्री० (दे०) शत्रुता (सं०)। पत्नी और स्वायंभुव की माता। शत्रुदमन-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शत्रुघ्न, शता-संज्ञा, स्त्री. (सं०) सौंफ। रिपूसूदन । शतानंद - संज्ञा, पु. (सं०) विष्णु, ब्रह्मा, शत्रमन--संज्ञा, पु. यौ० (सं०) शत्रुघ्न, कृष्ण, गोतम मुनि. राजा जनक के पुरोहित, रिपुसूदन । सतानंद । " शतानंद तब धायुप दीन्हा" शत्रसाल---वि० ( सं० शत्र + सालना-हि०) -रामा० । बैरी के हृदय को छेदने या शूल देने वाला। शतानीक -- संज्ञा, पु. (सं०) वृद्ध या बूढ़ा, सं० पु. एक राजा। चंद्र वंशीय द्वितीय राजा जिनके. पिता जन्मेजय और पुत्र सहस्रानीक थे (पुरा०), शत्रहंता--वि० (सं०) बैरियों को मारने सौ सैनिकों का नायक । “शतानीक __ वाला । संज्ञा, पु०-शत्रुघ्न । यौ०-शत्रुहंताशतानि च''--भा. द. योग (ज्यो०)। शताब्द, शताब्दी-संज्ञा, सी० (सं०) शत्रुहा - वि० (सं०)रिपुहा, अरिहा, वैरियों सौ वर्षों का समय किसी संवत् के एक से का मारने वाला । संज्ञा, पु०-शत्रुघ्न । सौ वर्षों तक का समय । शदीद--नि. (अ.) अत्यधिक, भारी, शतायु-संज्ञा, पु. यौ० (सं० शतायुस् । बहुत बड़ा, बहुत ज़्यादा, सख़्त । जैसेवह पुरुष जिसकी अवस्था मौ वर्षों की हो। दर्द शदीद. ज़रर-शदीद। शतायुध-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) सौ अस्त्रों शनि----संज्ञ', पु. (सं०) शनिश्चर ग्रह, वाला, जिसके सौ हथियार हों। अभाग्य, दुर्भाग्य, दुष्ट, अनिष्टकारी (व्यंग्य , शतावधान-संज्ञा, पु. (सं०) वह मनुष्य 4 शनी, सनि, सनी (दे०)।। जो एक ही समय में एक ही साथ सौ या शनिप्रिय-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) नीलम, बहुत सी बातें सुन कर क्रमानुसार स्मरण । नील-मणि, पाथर, रावटी। रख सके और कई कार्य एक साथ कर सके, श्रतिधर । शनिवार -संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शुक्रवार के शतावर, शतावरी--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० । पीछे और रविवार से पूर्व का एक दिन, शतवरी ) सतावर नामक औषधि. सफेद शनिश्चर। मूसली । “वचाभयो संठि शतावरो समा" शनिश्चर --संज्ञा, पु० (सं०) सौर संसार का - भा० प्र०। ७ वाँ ग्रह जो सूर्य से ८८३०००००० मील शती-संज्ञा, स्त्री० (सं० शतिन ) सैकड़ा. की दूरी पर है और २६ वर्ष तथा १६७ सौ का समुह, (यौगिक में) जैसे सप्तशती दिनों में सूर्य की परिक्रमा करता है, शत्रु-संज्ञा, पु० (सं.) बैरी, रिपु, अरि । शनिवार, शनीचर, सनीचर (दे०)। सत्रु, सत्र (दे०)। संज्ञा, स्त्री. शत्रना। वि० - शनिश्चरी। यौ० -शनिश्चरीशत्रुघ्न-संज्ञा, पु. (सं०) अयोध्या-नरेश दृष्ट्रि-कुष्टि।। श्रीदशरथ की रानी सुमित्रा से उत्पन्न शनैः- अव्य (सं०) धीरे धीरे । यौ० शनैः लचमण जी के छोटे भाई, रिसुसूदन सुमित्रानंद. शनैः ।। शत्रुघन,सत्रुधन, सत्रहन, शत्रहन (दे०)। शनैश्चर-सज्ञा, पु. (सं०) शनिश्चर ग्रह । " नाम शत्रुधन वेद-प्रकाश"- रामा०। शपथ-संना, स्त्री. (सं०) सौगंद, सौगंध, For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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