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रोना
रोचित
१५०४ कांति प्रभा, शोभा, किरण, मयूख, आभा रहने वाला, महिमान जो रोटी खा सकता या किरण वाला, रश्मि ।
__ हो । विलो.--पुरिहा । वि० (दे०) रोटी रोचित -वि० (सं० रोचना) सुशोभित, (दूसरे की) खाने वाला (बुरे अर्थ में)। सुन्दर, प्रिय ।
रोटी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) फुलका, गधे श्राटे रोचिष्णु वि० (सं०) प्रकाशमान, दीप्ति- की भाग में संकी टिकिया, चपाती, शील, रुचने योग्य ।
टिकिया, रसाई, भोजन, जीविका । यौ० रोज*--संज्ञा, पु० दे० ( सं० रोदन ) रोदन, रोटीपानी, रोटीदाल, दाल-रोटी)
रुदन, रोना, एक बनैलो पशु, बन-रोज । जीवन-निर्वाह । मुहा० --रोटी-कपड़ारोज-संज्ञा, पु. ( फा० ) दिन, दिवस । भोजन-वस्त्र की सामग्री (किसी बात की)
अव्य.--नित्य, प्रति दिन, रोज (दे०)। रोटी खाना--- (उसी से) जीवका कमाना। रोज़गार-संज्ञा, पु. ( फा० ) जीविका, (किसी के यहाँ ) रोटियाँ तोड़ना - व्यवसाय, व्यापार, उद्यम, धंधा, पेशा, कार- किसो के यहाँ पड़ा रह कर पेट पालना। बार, सौदागरी, तिजारत, जीविका या रोटी-दाल या रोटो चलना--गुज़र या धनार्थ काय।
निर्वाह होना। रोटी कमाना--रोज़ी या रोजगारी--संज्ञा, पु. ( फा०) सौदागर, जीविका पैदा करना। रोटियों का प्रश्न व्यापारी, रोज़गार करने वाला, उद्यमी, हाना- जीविका की चिन्ता या विचार होना। पेशेवर, व्यवसायी।
रोटोकल- संज्ञा, पु. (हि.) एक पेड़ का रोजनामचा - संज्ञा, पु. (फ़ा.) वह पुस्तक स्वादिष्ट फल। जिसमें प्रति दिन का कार्य लिखा जाता है, रोड़ा-सज्ञा, पु. दे० (सं० लोट ) पत्थर या दैनिक कार्य-लेख, दैनिक व्यय लेख । इंट का बड़ा ढेला, बड़ा कंकड़ । मुहा०रोजमर्रा-अव्य० ( फा० ) नित्य, प्रतिदिन, । राड़ा अटकाना या डालना (अड़ाना) हर रोज़ । संज्ञा, पु०-- प्रतिदिन की व्यवहार -विघ्न-बाधा डालना । लो०- "कहीं की की बोली या भाषा, खड़ी या चलती बोली, इंट कहीं का रोड़ा, भानमती ने कुनबा बोल चाल ।
जोड़ा।" रोज़ा-संज्ञा, पु. ( फा० ) उपवास, व्रत, रोड़ी-संज्ञा, स्त्री० (सं० रोड़ी) छोटा मुसलमानों में रमजान के महीने में रोडा । उपवास।
रोदन--संज्ञा, पु० (२०) रुदन, रोना, क्रंदन । रोजी-संज्ञा, स्त्री. ( फा० ) प्रतिदिन का रोदसी-सज्ञा, स्त्री० (सं०) स्वर्ग, श्राकाश, भोजन, जीविका, जीवन निर्वाह का सहारा। भूमि, पृथ्वी । रोझ-संज्ञा, पु० (दे०) नील गाय, राज, रोदा--संज्ञा, पु० दे० ( सं० रोध ) धनुष की बनरोज (दे०)।
प्रत्यंचा, कमान की ताँत या डोरी, चिल्ला रोट-संज्ञा, पु. ( हि० रोटी ) बहुत बड़ी (प्रान्ती. )। और मीठी मोटी रोटीया पूड़ी, मीठी, मीठी रोधन-संज्ञा, पु. (सं०) अवरोध, रोक, और बड़ी पूडी।
__ रुकावट, घेरवार, दमन । वि० राधनोय। रोटा-वि० दे० ( हि० रोटी) मोटी बड़ी रोधना--स० क्रि० ६० (सं० रोधन ) रोकना, रोटी।
घेरना, अवरोध करना। रोटिहा- संज्ञा, पु० दे० (हि० रोटी- राना- अ० क्रि० द. ( सं० रोदन ) रोदन हा-प्रत्य० ) केवल भोजन मात्र पर नौकर या रुदन करना, चिल्ला चिल्ला कर आँसू
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