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रिझाना १४६२
रिसाल पर प्रसन्न या मोहित होने वाला, अनुरागी, रिर*-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. रार ) हठ, गुणग्राहक ।
ज़िद। रिझाना-स. क्रि० दे० ( सं० रंजन ) किसी रिरना-अ० कि० (अनु० ) गिड़गिडाना,
को अपने उपर खुश कर लेना, अनुरक्त या ! प्रेमी बनाना।
रिरहा।---वि० (हि. रिरना ) अति दीनता रिझायल*-वि० दे० ( हि० रोझना ) से गिड़गिड़ा कर मांगने वाला। रीझने या प्रसन्न होने वाला।
रिलना* - ----अ० क्रि० ( हि० रेलना) घुपना, रिझाव-संज्ञा, पु. (हि. रीझना-पाव- मिल जाना, पैठना।
प्रत्य०) रीझने का भाव । ल० कि० (हि. रिवाज़-- संज्ञा, पु. ( ० ) रीति, रस्म, रिझाना) प्रसन्न करो। " रिझाव मोहिं राज- | प्रथा, प्रणाली।
पुत्र राम ले छुड़ाय के "-राम। रिश्ता ----संज्ञा, पु. ( फा० ) नाता, संबंध, रिझावना-स० कि० दे० (हि. रिझना) लगाव ।।
रिझाना, प्रसन्न करना। संज्ञा, स्त्री. रिझावनि। रिश्तेदार--संज्ञा, पु. ( फा० ) नातेदार, रित-रितु-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० ऋतु) संबंधी । संज्ञा, स्त्री० रिश्तेदारी । मौसिम, ऋतु । “बरसा बिगत सरद रितु रिश्वत--संज्ञा, स्त्री. ( अ० ) धूस, अकोर, आई"-रामा० ।
उत्कोच ( सं० ) वि० --रिश्वती। रितवना*-स. क्रि० दे० ( हि० रीता) रि* - वि० दे० (सं० हृष्ट ) मोटा-ताजा, खाली या रिक्त करना।
खुश, सज्ञा, पु. अ.) कलाई । रिध्दि -- संज्ञा, पु० दे० (सं० ऋद्धि ) ऋद्धि, रियमक....संज्ञा, पु० दे० (सं० ऋष्यमूक )
एक औषधि, ऐश्वर्य, बढ़ती, संपति । दक्षिण देश का एक पहाड़, रीपमूक, रिनिा -रिनियाँ-रिनी-टि० दे० (सं० रोखमूक (दे०)। "रिण्यमूक पर्वत नियराई" ऋण) ऋणी, कर्जदार । " लो-टूटे रिनियाँ -रामा। घरै मवास"।
रिस-रिसि-संज्ञा, स्रो० दे० (सं० रुष ) रिपु-संज्ञा, पु० (सं० ) बैरी, शत्रु । 'रिपुसन __ क्रोध, गुस्पा । “यस रिस होय दसौ मुख करेहु बतकही सोई"-रामा०।
तोरौं'-रामा०। रिपुता-संज्ञा, स्त्री० ( सं० ) शत्रुता, बैर। रिसना--- स० क्रि० दे० (हि. रसना ) छन रिपुंजय-संज्ञा, पु० यौ० ( सं०) शत्रु- छन कर बाहर निकलना, धीरे धीरे बहना । विजयी, अरिंदम।
रिसवाना--स० क्रि० (हि. रिसाना ) रिपुसूदन-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शत्रन, क्रोधित करना, कोध दिलाना। रिपुहा । वि०-शत्र का नाशक । “भवन | रिसहा—वि० दे० ( हि० रिस) क्रोधी।
भरत रिपुसूदन नाही'-रामा। रिसहाय-वि० ( हि० रिस ) कुद्ध, कुपित, रिपुहा-संज्ञा, पु. ( सं०; शत्रुघ्न, रिपुसूदन । नाराज़ । स्त्री० रिसहाई। वि०-वैरी का नाशक ।
रिसाना-अ० कि० ( हि० रिस ) कोधित रिमझिम-संज्ञा, स्त्री० (अनु.) छोटी छोटी या कुपित होना। स० कि. किसी पर
बूदें लगातार गिरना, रिमिक-मिमिक । कुपित होना या बिगड़ना। " टूट चाप रियासत-संज्ञा, स्त्री० ( अ० ) राज्य, नहिं जुरत रिसाने"-रामा०। हुकूमत, ऐश्वर्य, अमीरी, वैभव । वि.- रिसाला-संज्ञा, पु० दे० (अ. इरसाल) रियासती।
राज्य-कर।
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