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राह चौरंगी
रिझकवार-भिवार हि० चलता ) बटोही, पथिक, राही, रियायत-रियायत-संज्ञा, स्त्री. (अ.) अनजान ।
नरमी, नम्रता, दया पूर्ण व्यवहार, ध्यान, राह चौरंगी-संज्ञा, सो० दे० यौ० ( फ़ा० विचार, न्यूनता, कमी । वि०-रियायती। राह + चौरंगी हि० ) चारों ओर को जाने | रियाया रियाया-संज्ञा, स्त्री० (म०) प्रजा, वाला मार्ग या रास्ता।
रैय्यत (दे०) . राहजन-संज्ञा, पु० (फ़ा०) बटमार, डाकू। रिकवच-संज्ञा, स्त्री० (दे०) उर्द की पीठी संज्ञा, स्त्री०-राहजनी।
। और अरूई के पत्तों से बना सालन ।। राहत-संज्ञा, स्त्री० ( अ० ) सुख, आराम । रिकाब-संज्ञा, स्त्री० दे० (फा० रकाष ) राहदारी-संज्ञा, स्त्री० ( फ़ा० ) सड़क का घोड़े की जीन का पावदान, पैकड़ा, रकाब। कर या महसूल, रास्ता चलने का कर, | रिक्त-वि० ( सं० ) खाली, शून्य, रीता, चंगी, महसूल . यौ० परवाना-राहदारी कंगाल, निर्धन । किसी रास्ते से जाने या माल ले जाने का रिक्ता-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) चौथ, नवमी, आज्ञा-पत्र।
चतुर्दशी तिथियाँ। राहना *---अ० क्रि० दे० ( हि० रहना) रिक्थ-संज्ञा, पु० (सं० ) बरासत में मिली रहना ।
जायदाद। राहरीति--संज्ञा, स्त्री० दे० ( फा० राह+ रिकशा-संज्ञा, पु. ( प्रान्ती. ) पर्वतरोति हि. ) व्यवहार, संबंध, रीति-रस्म । प्रांतीय एक प्रकार की पालकी। राहिन-संज्ञा, पु. ( अ०) बंधक या रेहन रिक्ष-रिच्छ- संज्ञा, पु० दे० (सं० अक्ष) रखने वाला।
रीक, भालु, नक्षत्र, तारागण । राहो-संज्ञा, पु० (फा० ) यात्री, बटोही, रिक्षा-संज्ञा, सं० (दे०) जू का अंडा, लीख । पथिक । यौ० (फा० ) हमराहो-साथ रिखम -संज्ञा, पु० दे० (सं० ऋषभ ) चलने वाला।
सात स्वरों में से एक स्वर ( संगी०)। राहु-संज्ञा, पु. (सं०) ६ ग्रहों में से एक रिग*-संज्ञा, पु० दे० (सं० ऋग् ) एक ग्रह ( ज्यो०)। संज्ञा, पु० दे० (सं० राधव) वेद । रोहू मछली।
| रिचा-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) ऋग्वेद का मंत्र राहुग्रस्त-संज्ञा, पु० (सं०) सूर्य या चंद्र- । विशेष। ग्रहण।
रिच्छ -संज्ञा, पु० दे० (सं० ऋक्ष ) रीछ, गानास-संज्ञा, पु० (सं०) सूर्य या चंद्र- भालु । “ विग्रहानुकूल सब लच्छ लच्छ ग्रहण ।
रिच्छवल, रिच्छराज मुखी मुख केशवदास गहुल-संज्ञा, पु० ( सं०) महात्मा बुद्ध का गाई है "- राम । पुत्र।
रिजक-संज्ञा, पु० दे० ( अ० रिजक ) जीवनरिंगन-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० रिंगण) रेंगना, वृत्ति, जीविका, रोजी। "फ्रिके रोज़ी है
चलना । अ० क्रि० (दे०) रिंगना, प्रे० रूप. तो है रिक का रज्जाक कुफ़ील "-जौक० । रिंगाना।
रिजाली-संज्ञा, स्त्री० दे० ( फा० रज़ील = रिंद-संज्ञा, पु. ( फ़ा० ) धार्मिक बंधनों का नीच ) रजीलपन, निर्लजता ।
न मानने वाला व्यक्ति, मनमौजी, स्वच्छंद। रिजु-वि० (दे०) ऋजु (सं० ) सीधा। रिंदा-वि० ( फ़ा० रिंद) निरंकुश, मन रिझकवार-रिझवारा-संज्ञा, पु० दे० मौज़ी, उदंड, स्वच्छंद ।
(हि. रीझना+वार ) रूप या किसी बात
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