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राज्ञी
१४८६
राधावल्लभ राज्ञी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) रानी, राज-महिषी, रातना*-अ० क्रि० दे० (सं० रक्त) लाल । सूर्य की स्त्री, संज्ञा।
| रंग से रंग जाना, रंगा जाना, आसक्त राज्य-संज्ञा, पु. (सं.) राजा का कार्य, होना। शासन, एक राजा से शासित देश । राता-*वि० दे० (सं० रक्त ) लाल, सुर्ख, राज्यतंत्र--संज्ञा, पु० यौ० (सं०) राज्य की | रंगीन, रँगा हुश्रा, अनुरक्त, श्रासक्त । "राम शासन रोति । ( विलो० प्रजातंत्र )। रंग राता पुरुष, रंग राती है नारि ।' स्त्री० राज्य व्यवस्था-संज्ञा, स्त्री. यौ० (सं.) राती-स्फु०। राज्य-नियम, कानून, राजनीति, राज्य- रातिचर* -- संज्ञा, पु० दे० (सं० रातिचर ) विधान।
निशाचर, राक्षस । राज्याभिषेक-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) राजसूय राति--संज्ञा, पु. ( श्र०) पशुओं का यज्ञ में या राज सिंहासन पर बैठते समय । भोजन ।। राजा का अभिषेक या तिलक, राज-गद्दी पर रातुल्ल-वि० दे० (सं० रक्तालु) लाल, सुर्ख । बैठने की रीति, राज्य-प्राप्ति, राज्यारोहण । | रात्रि--संज्ञा, पु. ( सं० ) रात, निशा, राट---संज्ञा, पु. (सं०) राजा, सरदार, श्रेष्ठ । यामिनी, रजनी। पुरुष।
रात्रिचारी संज्ञा, पु. (सं० ) निशाचर, राटुल-संज्ञा, पु. ( देश० ) सबसे बड़ा निश्चर, राक्षस । वि. रात में चलने या तराजू जो लट्ठों में टॉगा जाता है, तख खाने वाला। स्त्री० गत्रिचारिणी। ( प्रान्ती० )।
राद्ध - वि० ( सं० ) सिद्ध किया या पकाया राठ-संज्ञा, पु० दे० (संग) राज्य, राजा। हुआ। राठौर -- संज्ञा, पु० इ० (सं० राष्ट्रकूट) दक्षिणी | राध-संज्ञा, स्त्री० (सं०) सिद्धि, साधन । भारत का एक राज वंश, शत्रियों को एक संज्ञा, स्त्री० (देश) मवाद, कान की पीव । जाति।
संज्ञा, पु० (सं०) धन । गड-वि० दे० (हि. राढ़ ) नीच, निकम्मा, राधन-संज्ञा, पु० (सं०) साधना, मिलना, भगोड़ा, डरपोक, कायर ।
सन्तोप, प्राप्ति, साधन, तुष्टि। राद-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० राटि ) रार, राधना*----स० कि० दे० ( सं० आराधना )
लड़ाई, झगड़ा, कादर, कायर, निकम्मा ! पूजा या आराधना करना, सिद्ध या पूर्ण रादि-संज्ञा, पु. (सं०) उत्तरीय बंगाल | करना, काम निकालना। देश का भाग।
राधा-संज्ञा, स्त्री. (सं०) राधिका, वृषभानुराढ़ी-संज्ञा, पु० ( देश० ) राढ़ देशीय पुत्री और कृष्ण प्रिया, धनियाँ. बैसाख की ब्राह्मण ।
पूर्णमासी, बिजली, प्रेम, प्रीति, वर्णिक राणा---संज्ञा, पु० दे० ( सं० राट् ) राजा, । वृत्त (पिं० ) । “मेरी भव बाधा हरौ, राना ( देश. )।
राधा नागर सोय" वि० । राणी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० राशी ) रानी। राधारमण-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) राधारात-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० रात्रि ) दोषा, पति, राधाप्रिया, श्री कृष्ण जी । त्रियामा, निशा, यामिनी, रात्रि, रजनी, राधावल्लभ-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) राधाराति, संध्या से प्रभात तक का समय ।। कान्त, श्री कृष्ण जी, राधावर । "राधारातडी-रातरी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० वल्लभ राधिका, नाम लेन को दोय"-कं० रात्रि) रात, रात्रि।
, वि.।
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