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युगति, युगुति
युवा युगति-युगुति-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० युधिष्ठिर-संज्ञा, पु० (सं०) धर्मराज पाँच युक्ति ) युक्ति, तदबीर, जुगुति (दे०)। पांडवों में सब से बड़े और धर्मात्मा । उपाय, तर्क, ढंग । “ योगः युगति की “दान में करण और धर्म में युधिष्ठिर अग्नि मैं "-स्फु०।
लौं"-स्फु०। युगपत - अव्य. (सं०) साथ साथ, एक युगु-संज्ञा, पु० (सं०) घोड़ा. अश्व : बारगी। " अथ रिरि सुरम्म युगपनिरौ". युयुत ---संज्ञा, पु. (सं०) योद्धा सिपाही.
-माघ० । “युगपद् ज्ञानानुत्पतिर्मनसो धृतराष्ट्र का दूसरा नाम ( महा० ) लिंगम "-न्या. शा.
युयुत्मा संज्ञा, स्त्रो. ( सं०) युद्ध करने युगम---संज्ञा, पु० दे० ( सं० युग्म ) दो या लड़ने की इच्छा, विरोध, बैर. शाता । जोड़ा, जुग्म (दे०)।
युयुत --- वि० (स०) युद्ध करने या लड़ने युगल --- संज्ञा, पु० (सं०) युग्म, जोड़ा, को इच्छा रखने वाला, जो युद्ध चाहता हो
युगुल, जुगुल (दे०) । विहँसत युगल " समवेतायुयुत्सवः ''-भ० गी० । किशोर"- सूर० ।
युयुधान--संज्ञा, पु० सं० ) इन्द्र, क्षत्रिय, युगांत - संज्ञा, पु० (सं० ) युग का अंत. योद्धा । " युयुधानी विराटश्च द्रुप,श्च खीर, युग का प्रलय :
महारथ "-- भ० गो। युगांतर-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) दूसरा युवक - संज्ञा, पु० (स.) जवान, युवा, सोलह समय या युग और ज़माना, दूसरा युग। से पैंतीस वर्ष तक की आयु का मनुष्य । मुहा०-युगांतर उपस्थित करना-- युवति-युक्ती-संज्ञा, स्त्री० (सं०) मुग्धा, पुरानी रीति मिटाकर नयी चलाना। तरुणी, नबोढ़ा, जवान स्त्री, 'तुवती (दे०)। युगाद्या- संज्ञा, स्त्रो० (सं०) युगारंभ की। " नोझितु युवति नाननिरासे ...- काद्य. तिथि या तारीख, युगारम्भ-समय । " युवती भवन झरो बन लागी''-रामा० युग्म--- संज्ञा, पु० (सं०) दो जोड़ा, युग, युवनाश्व - संज्ञा, पु. (सं० ) सूर्यवंशीय
जुग्म (दे०) द्वंड, मिथुनराशि ( ज्यो०)। राजा प्रसेनजित् का पुन ( पुरा० )। युजान -- संज्ञा, पु. ( स०) सारथी गाड़ी- युवराई ----संज्ञा, पु. द० ( सं० युराज ) वान।
राजा का सब से बड़ा लड़का जिसे आगे युज्यमान-वि० (सं०) मिलने योग्य, युक्त राज्य मिले । संज्ञा, सी० युराज की पदवी : होने के उपलक्त ।
युवराज- संज्ञा, पु० (सं०) राजा का सब से युज्जान--संज्ञा, पु. ( सं०) सूत, सारथी, जेठा पुत्र जिसे धारे राज्य मिले, जुवराज विज्ञ, ध्यान-द्वारा सर्वज्ञाता यांगी।
(दे०); स्त्री० युवराज्ञी । मुदिन सुमंगल युत-वि० (सं० ) युक्त, सहित, मिलित । तब हि जब राम हेहिं युवराज-रामा ! जुत (दे०)।
; युवराजी-सज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० युवराज :युति-संज्ञा, स्त्री० ( सं० ) मिताप, योग। ई-प्रत्य० ) युवराज का पद, युवराज्य, युद्ध -- संज्ञा, पु. (सं०) सग्राम, रण, लड़ाई, युवराज का कर्म जुद्ध (दे०)। " राम-रावणयोयुद्धम् ” युवराज्ञी-- संज्ञा, मो. ( सं० ) युवराज की -भट्टी।
पत्नी युधाजित-संज्ञा, पु० (सं० ) भरत के ! युवा-वि० सं० युरन् ) जवान, सिपाही मामा ।
। युवक । जुवा (दे०)। स्त्री० युवती । युधान --संज्ञा, पु० (सं०) जात्रय जाति । “युवा युगव्यायत बाहुरंसलाः - रघु० :
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