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Assam
महारथी
१३८८
महाविद्या रथो, योद्धा। “सर्व एव महारथाः "- महारोग-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) बहुत बड़ा भ० गी०।
रोग, क्षय, यमा, दमा श्रादि (वैद्य.)। महारथी--संज्ञा, पु. यौ० (सं०) महारथ । वि० --महारोगी। महागज-सज्ञा, पु. यौ० (सं०) बहुत बड़ा महारौरव-संज्ञा, पु० यौ० (सं.) एक बड़े राजा, सम्राट, राजाधिराज, ब्राह्मण, गुरु नरक का नाम । धादि के लिये संबोधन शब्द । स्त्री०- महाघ-वि० यौ० (सं० महा-अर्घ ) बहु. महारानी, महाराज्ञी।
मूल्य, महर्घ (दे०), बड़े मूल्य का, कीमती. महाराजाधिराज-एंज्ञा, पु. यौ० (सं.)। मैंहगा । संज्ञा, स्त्री. --- महार्घता ।
बहुत बड़ा चक्रवर्ती राजा, सम्राट । महाल- संज्ञा, पु० (१० महल का बहु०) महाराणा-पंज्ञा, पु० यौ० (सं० महा + टोला, पाड़ा, मुहल्ला, पट्टी, हिस्सा, भाग, राणा-हि.) उदयपुर, मेवाड़ और चित्तौड़ मुहाल, वह भू-भाग जिसमें कई गाँव या के राजपूत राजाओं की उपाधि । स्त्री० - जमींदार हों । बन्दो०)। महाराणो।
महालक्ष्मी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) लक्ष्मी महारात्रि-संज्ञा, स्त्री० (सं०) महारात जी की एक मूर्ति, एक वर्णिक छंद (पिं०)। (दे०), महाप्रलय की रात्रि, सब ब्रह्मा का महालय-ज्ञा, पु. यो० (मं०) पितृपत, लय होकर दूसरा महाकल्प होता है (पुरा०, महाप्रलय । ज्यो०)।
महालया--संज्ञा, स्त्री. (मं०) पितृ-विपर्जनी महारानी-संज्ञा, स्त्री० देः यौ० (सं० अमावस्या ( पाश्विन कृष्णा ) । महाराज्ञी ) सब से बड़ी रानी, महाराज्ञी, महावट-सज्ञा, स्त्री. द. यो. ह. माहै - महाराणी, महाराज की स्त्री।
माघ । वट ) माव-ए की वपा, जाई की महारावण - संज्ञा, पु. यो० (सं०) बड़ा वी या झड़ी। संज्ञा, पु. (यौ०)अक्षयवट। रावण जिसके एक हजार तो मुख और दो महावत-संज्ञा, पु० दे० (सं० महामात्र ) हज़ार हाथ थे (पुरा.)।
हथवाल, फीलवान, हाथी हाँकने वाला, महाराव-संज्ञा, पु० दे० (८० महाराज )
हाथीवान। बड़ा रईस या राजा।
महावतारी--संज्ञा, पु. यो. (सं० महाव. महारावल-संज्ञा, पु. यौ० (सं० महा+
1 तारिन ) २५ मात्राों के छंदों की संज्ञा रावल हि० ) जैसलमेर और डूंगरपुर श्रादि के राजाओं की उपाधि । महाराष्ट्र-ज्ञा, पु. यौ० (सं.) दक्षिणीय महावर - संज्ञा, पु. । सं० महावर्ण ) यावक, भारत का एक प्रदेश, वहाँ के निवासी,
सौभाग्यवती स्त्रियों के पैर रंगने का लाल
सा बहुत बड़ा राष्ट्र या राज्य, दक्षिणीय ब्राह्मणों रंग, लात्तारस । संज्ञा, पु. यौ० (मं०) महा की एक उपाधि या जाति।
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बरदान । महाराष्ट्री-संज्ञा, स्त्री. (सं०) मराठी या महावरी-संज्ञा, पु. (हि. महावर) महावर मरहठी भाषा या बोली, महाराष्ट्र की एक की गोली या टिकिया, लाल रंग। प्रकार की प्राकृतिक भाषा (प्राचीन)। महावारणी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) गंगामहाराष्ट्रीय-वि० सं०) महाराष्ट्र-संबंधी। स्नान का एक योग। महारुद्र-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) महादेव या महाविद्या-संज्ञा, मो. यौ० (सं०) दश शिवजी।
। देवियाँ, तारा, काली, भुवनेश्वरी. पोदशी,
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