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महावीर
महिसुर, महीसुर भैरवी, छिन्नमस्ता. बगलामुखी, धूमावती, माहात्म्य, गौरव, महत्व, प्रताप, बड़ाई, मातंगी, कमलारिमका, दुर्गादेवी (तंत्र)। महत्ता। "महिमा अगम अपार''- स्फु०। महावीर-संज्ञा, पु० (सं०) हनुमान जो। पाठ सिद्वियों में से एक ५वी सिद्धि जिल्लसे
" महावीर विक्रम बजरंगी"-हनु० । सिद्ध योगी अपने को बहुत बड़ा बना गौतम बुद्ध, जैनियों के चौबीसवें जिन या सकता है। तीर्थकर । वि०-बहुत ही बड़ा बहादुर। महिमान--संज्ञा, पु० दे० ( फा० मेहमान ) महाव्याहृति--संज्ञा, स्त्री. (सं०) भूः, भुवः, मेहमान, पाहुना। स्त्री० --महिमा । यौ०स्वः, ये ऊपर के तीन लोक, परमेश्वर के पृथ्वी की माप। गौणिक नाम।
महिन्न--संज्ञा, पु. ( सं०) शिवस्तोत्र । महाशंख--संज्ञा, पु० यौ० (सं०) सौ शंख की “महिन पारते ......" संख्या (गणि.)।
महियाँ *-अध्य० दे० ( सं० मध्य ) में । महाशक्ति--संज्ञा, पु. यौ० (सं०) शिवजी, "प्रगटे भूतल महियाँ"-सूर० । महादेव जी। स्त्रो०-दुर्गादेवी।
महियाउरा--संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि. महाशय-संज्ञा, पु० (सं०) उच्च श्राशय मही + चाउर ) मह में पके चावल, खट्टी वाला पुरुष, महात्मा. सज्जन, महानुभाव, महापुरुष
महिरावण-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) रावणमहाश्वेता-संज्ञा, बी० यौ० (०) सरस्वती, कुमार, राक्षस । कादम्बरी ग्रंथ में एक नायिका
महिला-संज्ञा, स्त्री. (सं०) सज्जन स्त्री, महासाहम- संज्ञा, पु. यो० सं०) निधड़क, नेक औरत'। निर्भय, निी ।
महिष-संज्ञा, पु. (सं०) भैंसा । स्त्री० -- महिं *--अव्य० दे० ( हि० महँ ) में, महँ। महिषी । " कहुँ महिष मानुष धेनु खर महि-संज्ञा, स्त्री० (०) भूमि, पृथ्वी, माही अजया नेशाचर भक्षहीं "--रामा० । (दे०)। " उलटौं महि जहँ लग तव राजू" शास्त्रानुकूल अभिषिक्त राजा, एक दैत्य जिसे -रामा ।
दुर्गा जी ने मारा था। महिका-संज्ञा, स्त्री (सं०) कर्ज, ऋण। महिप-प्रदिनी-संज्ञा. स्त्री० यौ० (सं०) महिख* -- संज्ञा, पु. द० (सं० महिष ) मैंसा । " महिख खाय करि मदिरा पाना"
दुर्गाजी। -रामा । यो० ---महिखामुर।
महिषासुर--संज्ञा, पु० यौ० (सं०) रंभ
दैत्यात्मज मैंसे के आकार का एक दैत्य जिसे महिजा-संज्ञा, स्नो० (सं०) सीता।
दुर्गाजी ने मारा था । महिजात-संज्ञा, पु० (सं०) भौम । महिदेव-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) महिसर. महिषी----संज्ञा, स्त्री० (सं०) भैंस, रानी या भूसुर । वाहाण । “जो अनुकूल होहिं पटरानी, मैरिधी । “जनक-पाट-महिपी महिदेवा'-रामा।
जग जाना''--रामा० । महितल-संज्ञा, पु० यौ० (सं.) भूतल । महिषेश--संज्ञा, पु. यौ० (सं०) यमराज, महिपाल -संज्ञा, पु. (सं०) राजा, माहि-: महिषासुर ! पति, महीश। “बोले बंदी बचन वर महिसुर, महीलर-संज्ञा, पु. यौ० (सं.) सुबहु सकल महिपाल"-रामा०। महिदेव, ब्राह्मण । “सुर महिसुर हरिजन महिमा-संज्ञा, स्रो० (सं० महिमन् ) प्रभाव, अरु गायी-रामा० ।
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