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मनमोहन
मनमोहन वि० यौ० ( हिं० मन + मोहन ) मन को मोहने वाला, प्रिय, चित्ताकर्षक, प्यारा । स्त्री० मनमोहनी | सज्ञा, पु० - श्रीकृष्ण जी एक मात्रिक छंद (पिं० ) मनमौजी - वि० ० ( हि० मन + मौज + ई - प्रत्य० ) इच्छानुसार या मन की मौज से कार्य करने वाला |
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मनरंज - वि० दे० (सं० मना रंजक ) मन को प्रसन्न करने वाला ।
मनरंजक - वि० दे० (सं० मनोरंजक ) मन को प्रसन्न करने वाला |
मनरंजन -- वि० यौ० दे० ( सं० मनोरंजक ) चित्त को प्रपन्न करने वाला, मनोविनोद | मनरोचन - वि० सौ० (हि० मन । रोचन ) मनभावन, सुन्दर, रोचक, रुचिर । मनल, मनलाडू - संज्ञा, ५० दे० यौ० ( हि० मनमोदक ) मन मोदक |
मनशा, मंशा - संत्रा, खो० (०) इरादा, इच्छा. तात्पर्य, मतलब, विचार मनसा मंसा (दे० ) |
मनसना* - स० कि० दे० ( हि० मानस ) इरादा या इच्छा करना हद विचार या निश्चय करना, हाथ में पानी ले संकल्पमंत्र के साथ कुछ दान करना । मनसत्र - संज्ञा, पु० ( ० ) पद, थोहदा, स्थान. अधिकार, कार्य, काम । का जिसके रुतबा हो फीलोनिशाँ तलक - सौदा !
मनसब
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मनसबदार - संज्ञा, पु० ( फ़ा० ) श्रहदेदार पदाधिकारी | संज्ञा, स्त्री० मनसबदारी | मनसा मंसा - संज्ञा, खो० (सं०) एक देवी का नाम | संज्ञा, स्त्री० दे० ( अ० मनशा ) मनोरथ, अभिलाषा इच्छा. कामना, अभिप्राय, इरादा, संकल्प, विचार, तात्पर्य, बुद्धि मन । वि० (सं०) मन से उत्पन्न, मन का संज्ञा, पु० (सं०) क्रि० वि० (सं०) मन से, मन के द्वारा इरादा, इच्छा 'जो व्रज में आनंद तो सो मुनि शक्ति मानसन गहै।
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मनहर
सूर० । " मनसावाचा कर्मणा, जो मेरे मन राम :- रामा० । मनसा भयो किसान- तु० । मनसाकर - वि० ( हि० मनसा + कर ) मनोरथ पूरा करने वाला | मनसान 1- अ० क्रि० दे० ( हि० मनसा ) उमंग या तरंग में थाना । स० क्रि० दे० ( हि० मनसना का प्रे० रूप) मनसवाना | मनसायनां वि० द० ( हि० मानुस ) मनोविनोद का मनोरम स्थान या जगह,
गुलज़ार |
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मनसिज - संज्ञा ५० (सं०) कामदेव | • खेलत मनसिज-मीन जुग 15 रामा० । मनसुख - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) मन को प्रसन्न करने वाला मन का सुख ।
मनसुख - वि० (०) परिव्यक्त, श्रप्रमाणिक, त्यागा हुआ, प्रतिवर्तित | संज्ञा, त्रो०मनसुखी ।
मनसूबा - - संज्ञा, पु० (०) विचार, ढंग, युक्ति, इरादा | मुहा०-- मनसूबा बाँधना --- युक्ति सोचना, इच्छा करना । मनस्क - संज्ञा, पु० (स० ) छोटा मन, मन का अत्पार्थक रूप | जैसे - अन्यमनस्क । मनस्ताप संज्ञा, पु० यौ० (सं०) मन का दुख, मन पीड़ा, पछतावा, यांतरिक दुख,
पश्चात्ताप |
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मनस्विता - संज्ञा स्त्री० (सं०) स्वेच्छानुकूलता, बुद्धिमत्ता, शूरता । मनस्वी - वि० (सं० मनस्विन् ) बहादुर, बुद्धिमान त्रो० मनस्विनी । " श्रभिमानतो मनस्विनः प्रियमुच्चैः पदमारुरुत्ततः किरात० । " मनस्वी कार्यार्थी न गणयति दुखं न च सुखम् " भर्तृ । मनहंस - ज्ञा ० ( हि०) मानसहं, १५ वर्णों का एक वर्णिक वृत्त (पिं० ) । संज्ञा, यौ० (सं०) हंस रूपी मन या मन रूपी
पु० हंस | मनहर - वि० दे० (सं० मनोहर ) मनोहर । संज्ञा, पु० -- घनाक्षरी छंद (पिं० ) ।
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