________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भूख
भूतभर्ता भूख-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० बुभुक्षा ) क्षुधा, भूटान का निवासी भूटान का घोड़ा । संज्ञा, खाने की इच्छा, बुभुक्षा, कामना, इच्छा, स्त्री० - भूटान की भाषा। आवश्यकता (व्यापारी)।
भूटिया बादाम -संज्ञा, पु. यौ० (हि. भूखन*-संज्ञा, पु० दे० (सं० भूषण ) भूटान + बादाम-फ़ा० ) एक पहाड़ी पेड़
गहना, भूषण, जेवर, अलंकार, भषन (दे०)। जिपका फल खाया जाता है, कपासी भूखना -स० क्रि० दे० (सं० भूषण ) (प्रान्ती.)। सजना, अलंकृत करना।
भूडोल-संज्ञा, पु. यौ० (हि.) भूकंप, भूखा-वि. पु. दे० ( हि० भूख ) बुभुक्षित, भूचाल । क्षुधित. जिसे भूख लगी हो, दरिद, इच्छुक । भू-संज्ञा, पु. (सं०) पाँच वे मूल तत्व या नी. भूची : संज्ञा, स्त्री० (दे०)- क्षुधा खाने | पदार्थ जिनसे सब सृष्टि बनी है, पाँच तत्व, की इच्छा । ' सुनहु मातु मोहिं अतिशय पाँच महाभूत, द्रव्य, जीवधारी, चराचर, भूवा"-रामा०1
जड़ या चेतन पदार्थ या प्राणी । मुहा०भूगर्भ-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) विष्णु, पृथ्वी
भू-दया जड़ चेतन या चराचर पर होने का भीतरी भाग, एक विद्या, पृथ्वी विद्या
वाली कृपा। जीव, प्राणी, बीता हुश्रा समय, या विज्ञान ।
सत्य रुद्रानुचर प्रमथगण, या एक प्रकार
के पिशाच ( पुरा० ) एक देव-योनि । भूगर्भशास्त्र-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) पृथ्वी
"भूतोऽयी देवयोनयः"-अमर० । मृतक, विद्या, पृथ्वी-विज्ञान जिससे पृथ्वी के उपरी
पिशाच, प्रेत, शव. शैतान, जिन, मृत देह, और भीतरी भाग की बनावट या रूपादि
मृत प्राणी की पारमा । मुहा०-भूत का ज्ञान होता है।
चढ़ना या सवार होना बहुत ही हठ भूगोल-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) पृथ्वी का
या आग्रह होना, अधिक क्रोध हाना। क्रिया गोला, वह शास्त्र जिसके द्वारा पृथ्वी के
के व्यापार की समाप्ति-सूचक क्रिया का रूप धरातल, प्राकृतिक भागों और उनकी
(व्या०), बीता हुआ समय । भून की दशाओं श्रादि का ज्ञान होता है, वह पुस्तक
मिठाई या पकवान-वह वस्तु जो भ्रम जिसमें पृथ्वी के स्वाभाविक भागों आदि
से दिखाई दे, वस्तुतः कुछ भी न हो, का वर्णन हो।
आसानी से मिला धन जो शीघ्र नष्ट हो भूचर-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) भूमि पर।
जावे । वि.---बिगत या बीता हुआ, गत चलने वाले जीवधारी, एक सिद्धि (तंत्र०) काल, मिला हुआ, युक्त, समान, तुल्य, शिवजी ।
जो हो गया हो। भूचरी- संज्ञा, स्त्री० (सं०) योग में समाधि भूतत्व- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) भूत होना, की एक मुद्रा (योग०)।
भूत का धर्म या स्वभाव । यौ०--पृथ्वी तत्व । भूचाल-सज्ञा, पु० यौ० (सं०) भूकंप, भूतत्वविद्या- संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) भूगर्भ भूडोल।
विद्या, भूगर्भशास्त्र, प्रेत-विद्या ।। भूटान-संज्ञा, पु. (दे०) भारत से उत्तर | भूतनाथ-सज्ञा, पु. यौ० (सं०) शिवजी । तथा नेपाल से पूर्व में हिमालय का एक भूनपति-संज्ञा, पु. (सं०) शिवजी । प्रदेश ।
भूनपूर्व-वि० यौ० (सं०) वर्तमान से पूर्व भूरानी-वि० (हि. भूटान+ई-प्रत्य.) का, बीते हुये समय का। भूटान का, भूटान सम्बन्धी। संज्ञा, पु०- भूतभर्ती-सज्ञा, पु० यौ० (सं०, शिवजी।
For Private and Personal Use Only