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भुंइ, भुंइया
भुजंगप्रयात भुंइ, भैइया - संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० भूमि ) | पुनः भाग कर्ता, अति अनुभवी, भोगे हुए भूमि, पृथ्वी, अवनि ।
का भोग करने वाला। भँडफोर-संज्ञा, पु. यौ० (दि. भइ + फोरना) भूक्ति-संज्ञा, स्त्री. (सं०) श्राहार, खाद्य,
गरजुश्रा (प्रान्ती०) एक बरसाती भी। । भोजन, लोकिक सुख, कब्ज़ा। भैइहग, भैइधारा-संज्ञा, पु. यौ० दे० भूखमरा-वि० दे० यौ० (हि० भूख + मरना) (हि. भइ+घर ) भूमि खोद कर नीचे जो भूखों मर रहा हो, पेटू, भुक्खड़, बनाया गया स्थान या घर, तर-घर,
मरभुखा। तहख़ाना (फ्रा०)।
भुखाना-अ० क्रि० दे० ( हि० भूख ) भूग्वा भँजना-अ० क्रि० दे० (हि. भुनना )
होना. भूग्व से दुखी होना । “भोर ही भुनना, मुलसना।
भुखात ढहैं '--1 भभंग भुअंगम*-संज्ञा, पु० दे० (सं० भुखालू-वि० दे० (हि० भूखा) भूखा । भुजंग भुजगम ) साँप, सर्प ।
भुगत -संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० भुक्ति) भुअन -संज्ञा, पु० दे० (सं० भुवन ) भुवन,
आहार, खाद्य, भोजन, लौकिक सुख । लोक।
भुगतना-स० क्रि० दे० (सं० भुक्ति ) भुधार, भुपाल* - संज्ञा, पु० दे० (सं०
भोगना, सहना, झेलना । अ० क्रि० (दे०) भूपाल ) भूपाल, राजा, भुपालू (दे०) ।
बं तना, पूरा होना, निबटना, चुकना । "भरत भुपाल होहिं यह साँची"--
स० रूप-भुगताना, प्रे० रूप भुगतवाना। रामा० ।
भुगतान-संज्ञा, पु० दे० (हि. भुगतना ) भुइ*- संज्ञा, स्त्री० द० ( स० भूमि ) भूमि फैसला, निबटारा, देन, दाम चुकाना,
"भुइँ नापत प्रभु बाढेऊ, सोभा कही न माना । जाय"-रामा०।
भुगताना-स० क्रि० दे० ( हि० भुगतना का भुइँआँवला-संज्ञा, पु० दे० (स० भूम्यामलक)
स. रूप) पूरा करना, बिताना, संपादन एक प्रकार की घास जो औषधि के काम
करना, चुकाना, चुकता करना, बेबाक में पाती है।
करना, लगाना, झेलाना, भोग कराना, भुइँडोल - संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० भूकंप )
दुख देना । प्रे० रूप-भुगतवाना । भूडोल, भूकंप। भईपाल-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (सं० भुगुति-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० भुक्ति ) भूमिपाल ) राजा, भूपाल ।
भोजन, आहार, खाद्य । भुइँहार-संज्ञा, पु० दे० (सं० भूमिहार ) भुग्गा-वि० (दे०) भोला, सीधा, भोंदू ।
एक प्रकार के क्षत्रियोचित निम्न श्रेण। के भुग्न-वि० (स.) कुटिल, वक्र, टेढ़ा, ब्राह्मण ।
तिरछा । भुक* - संज्ञा, पु० दे० ( सं० भुज् ) भोजन, भुच्च, भुच्चड़-वि० दे० (हि. भूत+चढ़ना)
बेसमझ, मूर्ख, अपढ़। आहार, खाद्य, अग्नि । भुक्खड-वि० दे० (हि. भूख +अड-प्रत्य०) भुजंग, भुजंगम - संज्ञा, पु० (सं०) साँप ।
भूखा, पेटू कंगाल, दरिद्र, बहुत खाने वाला। भुजंगपाश-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) नागपाश भुक्त-वि. (सं०) भक्षित, खादित, खा | नामक एक प्राचीन अस्त्र । चुका, भोगा गया । यौ०-भुक्तभोगी- भुजंगप्रयात-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) ४ यगण
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