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बातचीत
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बादहवाई गूढ़ (रहस्य) या मर्म-वाक्य, उपयुक्त या ठीक बादना --स० क्रि० दे० सं० बाद + नाकथन, विचारणीय या स्मरणीय वचन। प्रत्य०) वेदना, तर्क-वितर्क या वकवाद हलकी या शोड़ बान-छोटी बात, साधा- करना तकरार करना. शर्त लगाना, अलग रण या स्वल्प कार्य । विलो० भारी बात)। करना, ललकारना, हुजत करना। फबती बात-व्यंग्य या ताने का कथन, ! बादघान--संज्ञा, पु० (फा०) पाल । खटकनेवाला वचन । साते कहना--क्रोध बादर, बदरा*-संज्ञा,पु० दे० (सं० वारिद) से बकना, बुरा-भला कहना । संज्ञा, पु. बद्दल (ग्रा० बादल, मेघ । स्त्री०-वादरी (दे०) वायु, देह के ३ गुणों (वायु, पित्त, (बदरी)। वि० (दे०) प्रपन्न. हर्षित, कफ में से एक ) यौ० वात रोग-वायु- आनन्दित । " कादर करत मोहिं बादर नये रोग। ज़हरबात - वायु-विकार जन्य एक रोग (वैद्य०) । ला०--" बातै हाथी पाइये, बादरायगा --संज्ञा, पु. (सं०) वेदव्यास । बातै हाथी पाँव"। महा---यात वनी बादरिया -- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. घदली) होना साख, प्रतिष्ठा या मर्यादा का स्थिर | बदली, बदरी, बदग्यिा ग्रा० ।। रहना, अच्छी दशा होना।।
बादल-संज्ञा, पु० दे० (सं० वारिद ) मेघ, बातचीत-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( हि० बात-1- बादर ...थाकाश में शीत से धनी होकर चिंतन ) वर्त्तालाप, परस्पर कथोपकथन । छा जाने तथा गर्मी से बूंदों के रूप में बाति, बाता संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० वत्ती ) गिरनेवाली पृथ्वी के सागरों की भाफ । वत्ती, दिया की बत्ती. वर्ती सं०) । “दीप
मुहा० ---बादल उठना या चढ़नाबाति नहि टारन कहहूँ"--रामा० । यौ०
बादलों का किसी ओर से घिर आना। बानी-मिनाई-ब्याह में दीपक की दो
बादल गरजना-बादलों का टकरा के बत्तियों को मिलाने की रस्म । बाती रना
शब्द करना । बादल घिरना-मेघों का (बत्तो लगाना)-- विस्फोटक पदार्थो में | चारों ओर से भली भाँति छा जाना। बत्ती से अग्नि-संचार करना । — भरी भराई बादल करना-पाकाश साफ हो जाना। सुरंग माँहि दोन्ही जनु बातो'. रत्ना० .बादला- संज्ञा, पु० दे० ( हि० पतला) सोने, बातुल वि० दे० ( सं० बातुल ) सनकी, चाँदी का चिपटा तार, कामदानी का तार, सिड़ी, पागल ।
एक रेशमी कपड़ा । 'आँखें मल करके जो बानियाँ-नातूना-वि० दे० ( हि० बात ---
देख तोहै इक बादला पोश"--सौदा० । ऊनी-प्रत्य०) बकवादी, बही, गप्पी, वाचाल, वाचाट ।
बादशाह-संज्ञा, पु. ( फ़ा०) पादशाह बाथ-सज्ञा, पु० (दे०) गोद, अंक, गोदी (फ़ा०) बड़ा राजा, स्वतंत्र शासक, मनमानी बाद-संज्ञा, पु० दे० (सं० वाद) तर्क, विवाद, करनेवाला, शतरंज का एक मुहरा, ताश बहस, झगड़ा, शर्त, बाज़ी, पृथक विलग ।
का एक पत्ता। मुहा० -- बाद मेनना-बाज़ी लगाना। बादशाहत-- संज्ञा, स्त्री० (फा० ) राज्य, भव्य. (अ०) पश्चात, पीछे, अनंतर ।
शासन, हुकूमत । अव्य. द० (सं० बाद। निष्प्रयोजन, व्यर्थ, बादशाही-संज्ञा, स्त्री० (फा०) राज्य. वृथा । वि०-अलग किया गया, छोड़ा हुकूमत, शासन, स्वतंत्रता, मनमाना, हया, दस्तूरी कमीशन. सिवाय अतिरिक्त। व्यवहाराचार । वि०-बादशाह सम्बन्धी। संज्ञा, पु० (फ़ा०) वायु, बात, हवा, पवन ।। बादहवाई-क्रि० वि० यौ० ( फा० बाद + यो०-बाद-सबा --प्रभात-वायु । हवा--- अ०) फ़ज़ल, व्यर्थ, निरर्थक, यों ही।
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