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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बात बात बबंडर बनाना-व्यर्थ बात को विस्तार बात सोना-प्रतीति या सम्मान गँवाना। देना, बातों की उलझन बढ़ानः । बात न वत न रहना--साख या विश्वास न प्रछना-दशा पर कुछ विचार न करना, रहना । (किसी की) बात जाना-प्रतिष्ठा ध्यान न देना, प्रादर न करना। बात या विश्वास जाना। वात खोना-साख बढ़ना (बढ़ाना)--किसी बात का भयंकर बिगाड़ना. वचन का निष्फल कराना। बात रूप में (विस्तृत) प्रगट होना (करना), बनन! ---- कार्य सिद्ध होना, विश्वास रहना, झगड़ा होना। बात बनना-काम पूर्ण प्रतिष्ठा पाना । चिता, परवाह, प्रतिष्ठा, रूप से बनना या ठीक हो जाना यथेष्ट रूप इजत । "मुहा०-काई बात नहीं--- से सफलता होना. अच्छ। परिस्थिति या कुछ चिंता या परव ह नहीं। बात जाना-- स्थिति होना, मतलब पूरा होना । बात इजत जाना । बात बनाना (सँघारना --- बनाना या सँवारना-कार्य बनाना या | कार्य सिद्ध करना । बान बनना-अभीष्ठ सिद्ध करना । रात बात पर या (भात | प्राप्त होना, काम बनना, इज्जत मिलना, बात में ) --हर एक कार्य में । बात बोल बाला होना, अच्छी दशा होना, त्रिगड़ना-विफलता होना. कुछ बुराई श्रादेश. गुण योग्यतादि का कथन, उपदेश । होना कार्य नष्ट होना । वर्तालाप, गपशप, रहस्य प्रशंसा की बात, उक्ति, तात्पर्य, घटित होनेवाली दशा वाग्विलास संदेवा, गूदार्थ, चमत्कृत या वैचित्र पूर्ण वचन । प्राप्त संयाग, परिस्थिति । महा-नाता मुहा० .. बात माना- गूढार्थ जान जाना। बातों में--पाधारण बात में, बातें करते प्रश्न. समस्या इच्छा. ढंग, विशेषता, समय : "बातों बातों में बिगड़ जाता था अभिप्राय, कथन का सार मर्म कर्म व्यवहार, वह। बार ठहरना की हमा-विवाह श्रा चरण, लगाव, कार्य, सम्बन्ध, गुण, या सम्बन्ध स्थिर होना. कुछ तय करने चिता. परवाह. प्रवृत्ति पदार्थ, लक्षण, को उसकी चर्चा होना। बाता में श्राला स्वभाव, मामला, घटना, विषय, उपाय, या जाना - कथन से धोखा खाना, व्यवहार कर्तव्य, मूल्य । सज्ञा, पु० (दे०) बात । से ठग जाना । धोखा या भुलावा देने या कि० वि० (हि०) क्या बात है (अच्छी फँसाने को कहे हुए शब्द या किये हुये बार है)। यौ०-लम्बी चोड़ी बातेंव्यवहार, बहाना, प्रतिज्ञा, मिस, झूठ या झूठी शान या गर्व की बातें । बड़ी बातबनावटी कथन, प्रतिज्ञा, वादा, बहाना, कठिन कार्य, सराहनीय, महान या श्रादर्श वचन, हठ । मुहा०-बान का धनी या काम, प्रशंसा, महिमा, महत्ता । छोटी पक्का या पूरा- दृढ़ प्रतिज्ञ, प्रणपालक । बाल - तुच्छ या नीच कार्य, निंदित या यौ० की-(विलो. कच्ची बात) बात- अनुचित कथन, अपमान-जनक श्राचारठीक निश्चित या सत्य बात । मुहा०-वात व्यवहार । साधारण बात -सरल या पकी करना-सम्बन्ध व्यवहारादि स्थिर मामूली काम ! गुहा कोई बात करना, दृढ़ निश्चय करना, तय करना प्रतिज्ञा नहीं कोई चिंता या परवाह नहीं, कोई (संकल्प) पुष्ट करना । (अग्नी ) बात कठिन काय नहीं। बात पड़ने पर- प्रसंग ना-वचन या प्रतिज्ञा पूर्ण करना। या अवसर थाने पर। बहत बडी बात अपना हा बात रखना-अपना ही हठ कहना-लज्जा या अपमान-जनक वाक्य रखना । बान हारना-घचन देना मामला, कहना, गूढ़ या गंभीर भावपूर्ण विचारणीय हाल, प्रतीति, विश्वास, लाख । मुहा०- वाक्य कहना । पते मार्के की बात For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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