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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रमाण, प्रमान ११७८ प्रमेय प्रमाण, प्रमान ( दे०)--संज्ञा, पु. (सं०) प्रमाथी-संज्ञा,पु. (सं० प्रमाथिन् ) पीड़नकिसी बात को सिद्ध करने वाली बात, कर्ता, मारने या मथने वाला देह और सबूत, एक अलंकार जिसमें पाठ प्रमाणों इन्द्रियों को दुख पहुँचाने वाला। में से किसी का चमत्कृत कथन हो, सत्यता | प्रमाद .... संज्ञा, पु. ( सं० ) भ्रम, भूल, धोखा, का साधन, सम्मान, निश्चय का हेतु, प्रतीति, बेहोशी, असावधानी, समाधि के साधनों मानने योग्य बातें, माननीय बात या वस्तु, को ठीक न जान उनकी भावना न करना मान, मयोंदा, प्रमाणिक बात, इयत्ता, सीमा, (योग) । राजन! प्रमादेन निजेन लंकाम्"वि० यौ० प्रमाण-पुष्ट । वि०---ठीक, सत्य, ! भट्टी । सिद्ध, बड़ाई आदि में समान, चरितार्थ, प्रमादिक--वि० (सं०) श्रमात्मक भूलचूक, प्रमाणित । यौ० प्रमाण-पत्र । अव्य--तक, करने वाला, श्रमीभूत । सी०-प्रमादिका। पर्यंत । "सत जोजन प्रमान लै धाऊँ''--- | प्रमादी- वि० सं० प्रमादिन् ) प्रमाद-युक्त, रामा०। भूल करने वाला असावधान, नशेबाज । स्रो०प्रमाण कोटि-~- संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) उन | प्रमादिनी । बातों या पदार्थो का घेरा जो प्रमाण हों। प्रमान-संज्ञा, पु० दे० (सं० प्रवाण) प्रमाण । प्रमाणना--स० क्रि० दे० (सं० प्रमाण + ना- प्रमाना * --- स० क्रि० दे० (सं० प्रमाण+ प्रत्य०), प्रमानना (दे०) प्रमाण मानना, ना--प्रत्य०) प्रमाण मानना, साबित या ठीक समझना। निश्चित करना, स्थिर करना । “सरस बखानै प्रमाण-पत्र--संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) किसी हम वचन प्रमानै अाज' अ० व०। बात के प्रमाण का लेख-पत्र, मनद, सार्टी प्रमानी-वि० दे० सं० प्रामाणिक) मानने फिकेट (अं०)। या प्रमाण के योग्य माननीय । प्रमाणिक--वि० दे० (सं० प्रामाणिक ) मानगे । प्रमित-वि० (सं०) ज्ञात विदित, निश्चित, योग्य, प्रमाणों-द्वारा सिद्ध, सत्य, ठीक। थोड़ा, परिमित । प्रमाणिका-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) नगस्वरू- प्रपितातग-संज्ञा, स्त्रो० सं०) द्वादशाक्षरा पिणी या एक वर्णवृत्त । 'जरा लगौ प्रमा- एक वर्णिक वृत्त (पि०)। णिका"-(पिं०)। प्रनिति --- संज्ञा, स्त्री० (सं०) सत्यबोध या ज्ञान । प्रमाणित-वि० (सं०) साबित, निश्चित, । प्रमोला- संज्ञा, स्त्री० ( स०) शिथिलता, ठीक, प्रमाणों से सिद्ध, प्रमाणपुष। ग्लानि, तंद्रा, थकावट । प्रमाता-संज्ञा, पु० (सं० प्रमात ) प्रमाणों प्रमुख--वि० (सं०) प्रधान, श्रेष्ठ, प्रथम, प्रतिद्वारा सिद्ध करने वाला, साबित करने वाला, टित, अगुना, माननीय अत्र्य० ---इत्यादि । प्रमा का ज्ञानी, ज्ञानकर्ता, श्रात्मा या चेतन प्रदिन---वि० ( सं० ) प्रसन्न , हर्षित । जीव, साक्षी, दृष्टा, प्रमायुक्त । संज्ञा, स्त्री० प्रमुदितवदना--संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) (सं०) पिता की माता, दादी। एक द्वादशाक्षर छंद, मंदाकिनी (पि.)। प्रमातामह - संज्ञा, पु. (सं०) मातामह या वि० स्त्री. प्रसन्न मुखी। नाना के पिता, परनाना । (स्रो०-प्रदाता- प्रमेय-वि० (सं०) प्रमाण का विषय या साध्य, प्रतिपादन करने योग्य, जो प्रमाण · प्रमाथ-संज्ञा, पु० (सं०) प्रमथन, बलपूर्वक | द्वारा सिद्धि हो सके, निर्धारणीय, जिसका हरण, विलोड़न, निकालना। क्रि० स० (दे०)। मान कहा जा सके। संज्ञा, पु०-प्रमाणप्रमाथना। द्वारा बोधनीय । मही)! For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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