________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पदमक २०६७
पद्मद पदमक-संज्ञा, पु० (दे०) पद्माक (सं०) | का अर्थ, तात्पर्य या प्रयोजन, नौ या सात पदमाख औषधि ।
पदार्थ ५ तत्व, काल, दिक्, श्रारमा, मन, पदमैत्री-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) अनुप्रास, "पृथ्व्यप् तेजो वाय्वाकाश कालदिगारममनां( काव्य )।
सिनवैच-(वैशे०), वस्तु, चीज़, चारि पदयोजना-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) कविता पदार्थ, अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष।
के हेतु पदों को जोड़ना, पद-व्यवस्था। पदाथेवाद-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) वह मत परिपु- संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) काँटा। जिसमें प्रात्मा को छोड़ कर केवल भौतिक पदवी- संज्ञा, स्त्री. (सं.) उपाधि, अल्ल, पदार्थो ही को सृष्टि-कर्ता माना है।
मार्ग, रास्ता। ‘पदवीलहत श्रतोल"-वृ० प्रकृतिवाद, तत्ववाद, वि० पदार्थवादी। पदवृत्त--संज्ञा, पु. यौ० (सं०) मिलित या पदार्थ-विज्ञान--संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) युक्त शब्द ।
विज्ञान शास्त्र, चीज़ों की विद्या, तत्व-विद्या। पद-विग्रह-- संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) समा- पदार्थविद्या-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) विज्ञानसिक पदों का पृथकरण (च्या०)।
शास्त्र. तत्वज्ञान । पद-व्याख्या-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) पदों पदार्पण-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) किसी जगह
शब्दों) का व्याकरणानुकूल परिचय। जाना या पाना। पद-सेवा- संज्ञा, खी० यौ० सं०) पैर दाबना। पदावली--संज्ञा, स्त्री. (सं०) वाक्य-श्रेणी, पदस्थ-वि० (सं०) पदारूढ़, पदपर वर्त्तमान, भजन-संग्रह, पदों की पंक्ति, पद-माला। पदस्थित।
पदासन-वि० यौ० (सं०) पादपीठ, पीढ़ा, पदांक-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) पाँव का चिन्ह काष्टासन, पैर रखने की चौकी। पद-लांछन ।
पदिक- संज्ञा, पु० (सं०) पैदल फौज । पदानुसरण (करना)----संज्ञा, पु० यौ० (सं०) *-संज्ञा, पु० दे० (सं० पदक ) जुगुनू पीछे पीछे चलना, अनुयायी बनना, अनु- नामक गहना, हार की चौकी, हीरा । करण करना।
यो०-पदिकहार-रत्नहार, मणिमाला। पदाघात-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) पाँव से | पदी* --संज्ञा, पु० दे० ( सं० पद ) पियादामारना।
पैदल । वि० (सं०) पदवाली,जैसे षटपदी । पदाति-पदातिक-संज्ञा, पु० (सं०) प्यादा, पद्धटिका-संज्ञा, स्त्री० (सं०) १६ मात्राओं पियादा, पयादा, पैदल. दास, सेवक । यौ० का एक छन्द, पज्झटिका, पद्धरि (पिं०)। पदाति-सैन्य-पैदली-सेना।
पद्धति-संज्ञा, स्त्री० (सं०) मार्ग, परिपाटी, पदाधिकारी-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) रीति, रस्म, कर्मकाण्ड की पुस्तक, विधि, उहदेदार।
विधान, प्रणाली। पदाना-स० क्रि० दे० (हि. पादना का | पद्धरी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) १६ मात्राओं का
प्रे० रूप) बहुत तंग या दिक करना, दौड़ाना। एक छन्द, पद्धटिका (पिं० )। पदाम्भोज-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) पदाम्बुज पद्म-संज्ञा, पु० (सं०) कमल, जलज, पङ्कज, चरण-कमल।
विष्णु का एक अस्त्र, एक निधि, देह पर के पदारबिंद-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) चरण- सफेद दाग़, पद्माख पेड़, एक नरक, एक कमल । “राम-पदारविन्द अनुरागी" पुराण, एक छन्द (पिं०) एक संख्या । ---रामा० ।
पद्मकंद--संज्ञा, पु. (सं०) कमल की जड़, पदार्थ---संज्ञा, पु० (सं०) पदारथ (दे०) पद भसीडा, भिस्सा. मुरार ।
For Private and Personal Use Only