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निपुण १००६
निबाह निपुण-वि० (सं०) चतुर, दक्ष, कुशल, निबकौरी-संज्ञा,स्त्री० दे० (हि.+नीम+ प्रवीण, निपुन (दे०)। "नीति-निपुण नप कौड़ी) नीम का फल, निबौरी, नीम का की जस करनी "-रामा०।
बीज, निमकौरी (ग्रा०)। निपुणता--संज्ञा, स्त्री० (सं०) चतुरता, कुश- निबटना--अ० कि० दे० (सं० निर्वतन ) लता, दक्षता।
फुरसत या छुट्टी पाना, निवृत या पूर्ण होना, निपुणाई* --संज्ञा, स्त्री० (सं० निपुणता ) तै होना, चुकना। संज्ञा, पु. निबटेरा,
चतुरता, कुशलता, निपुनाई (दे०)। निबटाव । निपुत्री-वि० (हि. नि+पुत्री ) जिसके पुत्र निबटाना - स० कि० दे० (हि. निबटना) न हो, निःसन्ताना।
चुकाना, तै करना, पूर्ण करना । निपुन -वि० दे० (सं० निपुण ) चतुर. निबटाव--संज्ञा, पु० दे० (हि. निवटना)
कुशल, निपुण । संज्ञा, स्त्री० निपुनता। निबटेरा, निबटाने का भाव । निपुनई -- संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० निपुणता ) | निबटेरा--संज्ञा, पु० दे० (हि. निवटना ) चतुरता, निपुनता (दे०) निपुणता। "करत निबटने का भाव या काम, फैसला, निश्चय, निपुनई गुननि बिन"-रही।
छुट्टी, पूर्ण। निपूत-निप्रता*-- वि० दे० ( ह. नि+- | निबड़ना*. अ. क्रि० दे० (हि. निबटना )
पूत) पुत्रहीन, निःसन्तान । खी० निपुत।।। निबटना, पूरा या तै करना, फैसला करना । निपाड़ना-निपारना-अ. क्रि० (दे०) दाँत निबद्ध वि० (सं०) बँधा, रुका, गुथा हुश्रा, दिखाना, निकोसना, निर्लज्जता की एक निरुद्ध ग्रथित, बैठाया या जकड़ा हुआ। मुद्रा । मुहा०-खीस (दांत) निपोरना। निबर - वि० दे० (सं० निर्बल ) निवल निफन-वि० दे० (सं० निष्फन ) पूरा, (दे०) निर्बल, दुर्बल, निपस (ग्रा०)। पूर्ण । क्रि० वि० (दे०) भली भाँति, पूर्ण | निवरना-अ० क्रि० दे० (सं० निवृत) अलग रूप से।
या मुक्त होना, छूटना, फुरसत पाना, पूर्ण निफरना-अ० कि० दे० (हि. निफारना ) या निर्णय होना, सुलझना, दूर होना।
आर-पार हो जाना । अ०क्रि० दे० (सं० नि निबल - वि० दे० (सं० निबल) निर्बल, +स्फुट) खुलना, निकलना, स्वच्छ या उद- दुर्बल, कमज़ोर । “निबल जानि कीजै घाटित होना।
नहीं' ~ । निफल:---वि० दे० (सं० निष्फल ) व्यर्थ, निबह-संज्ञा, पु० (दे०) समूह, मुड, जमाव । निरर्थक, निष्फल । संज्ञा, स्त्री० (दे०) निक- निबहना-प्र० कि० दे० (हि. निषाहना) लता, निष्फलता।
छुट्टी, पार या फुरसत पाना, सपरना निफ़ाक-संज्ञा, पु० दे० (अ०) विरोध, बैर, (प्रान्ती.) पालन या निर्वाह होना । "सखा
फूट, अनबन, बिगाड़। संज्ञा, स्त्री. निफाको। धर्म निबहै केहि भाँती"-रामा० । निफोट-वि० दे० (नि+ स्फुट ) स्पष्ट, निबहुर-संज्ञा, पु. दे. (हि. नि+बहुरना) साफ साफ।
वह स्थान जहाँ से कोई न लौटे, यमलोक । निबंध-संज्ञा, पु. (सं०। बन्धन, प्रबन्ध, “सो दिल्ली प्रस निबहर देसू"-१०। लेख, गीत । "भाषा निबन्ध मति मंजुल- निबहुरा-संज्ञा, स्त्री० (सं०४० नि+बहुरना) मातनोति"-रामा०।
जो जाकर न लौटे (गाली)। निबन्धन-संज्ञा, पु० (सं०) बन्धन, नियम, निबाह-संज्ञा, पु० दे० (सं० निबाह ) निवा
व्यवस्था, कारण । वि० निबद्ध, निबंधनीया हने का भाव, गुज़ारा, परम्परा या सम्बन्ध भा० श. को०-१२७
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