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भारतीय शिल्पसंहिता
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रामाय
जिन परिकर कभी-कभी छोटी-छोटी सुंदर, अलंकृत अप्सराएं भी शिल्पित की जाती हैं। उदाहरणतः गणेश की मूर्ति के दोनों भोर, सेवक की जगह, अपेक्षाकृत छोटे कद की उनकी पत्नी रिद्धि तथा सिद्धि उत्कीर्ण की जाती हैं।
स्तंभ के ऊपर के भाग में व्याघ्र या ग्रास शिल्पित किये जाते हैं। कई बार मगर के मुख भी प्राँके जाते हैं। देवी-देवताओं की मूर्तियों के बाद उनके पार्श्वचर वाहन, प्रायुध को परिकर की कला में स्थान प्राप्त हुआ है।
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