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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir षोडशाभरण (अलंकार) तंजौर, बृहदीश्वर के मंदिरों में अलंकारों का वर्णन भलीभांति अंकित किया गया है। मुकुट ___ 'द्रविड-शिल्प रत्नम्' अ. १६ में भी १६अलंकार स्पष्टता से वर्णित है । उदा. मुकुट के तीन मुख्य प्रकार कहे गये हैं। किरीट, करंड पोर जटामुकुट । जटामुकुट के भी केशों की रचना के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार कहे गये हैं। उदा. कुंतल, शिरस्राण, धम्मिला और और अलकचूड़क आदि केशमुकुट के प्रकार है। शिव, ब्रह्मा, पार्वती और सरस्वती जटामुकुट धारण करते हैं। लेकिन इसमें विभिन्न ग्रंथो में मत-मतांतर है। विष्णु के मुकुट को किरीट मुकुट, और शक्ति देवियों तथा चक्रवर्ती राजामों के मुकुट को करंड मुकुट कहते हैं। 'अपराजित सूत्र' में मुकुट के तीन प्रकार सहज भिन्नता से वर्णित है। १. शेखर-(शिखर के आकार का) : शिव और नरेंद्र का । २. किरीट-शृंगोदर, शृंग, इसे विष्णु और अन्य देवता धारण करते हैं। ३. आमलक-(मामलसार) मुक्ताफल के पांच अंडक जैसा यह मुकुट देवताओं तथा राजामों के लिए है। द्रविड आगम ग्रंथ, 'मानसार' और 'शिल्प रत्नम्' में ऐसे विशेष प्रकार के मुकुटों के स्वरूप वर्णित है। विविध प्रकार के मुकुट और उनको धारण करनेवाले देवी-देवताओं के नाम इस प्रकार है :१. जटा-मुकुट ब्रह्मा और शिव ४. शिरस्राण यक्ष नाग, विद्याधर ७. धम्मिला मुकुट विविध देवियां २. किरीट मुकुट विष्णु और वासुदेव ५. कुंतल मुकुट सरस्वती, सावित्री ८. अलक चूडक राजा रानियां ३. करंड मुकुट अन्य देवी-देवताएं ६. केशबंध मुकुट बालकृष्ण ९. मुकुट पट्ट राजा, महाराजा, रानियां SIDHAN TODONOW MO 00000 ER/BGAAN TOUUUUU F चित्र में बताये हुए मुकुट के क्रमशः नाम : ललित रहस्य और उत्तर कामिकला शिरस्त्राण के पांच भेद १. धम्मिला: Dhammila ७. किरीट मुकुट : Kirit Mukut (मथुरा) २. जटा मुकुट : Jata Mukut पल्लव ८. किरीट मुकुट : Kirit Mukut (होयसल) ९. करंड मकूट : Karand Mukut (गुजरात, राजस्थान) ४. करंड मुकुट : Karand Mukut (चोला) १०. करंड मुकुट : Karand Mukut (गुजरात, राजस्थान) Karand Mukut (होयसल) ११. जावासुमाला मुकुट : Javasumala Mukut (शेखर) Karand Mukut १२. केशबंध : Keshbandh (चालुक्य) (गुप्त, चालुक्य, पल्लव) १३. धम्मिला: Dhammila (दक्षिण भारत) For Private And Personal Use Only
SR No.020123
Book TitleBharatiya Shilpsamhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhashankar Oghadbhai Sompura
PublisherSomaiya Publications
Publication Year1975
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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