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भारतीय शिल्पतंहिता
जाता है। उसकी चार भुजायों में वरद, अक्षमाला, कमंडल, पाश है।
ATLOD
SION
या
BUDK
GURU
गुरु
बुध
७. शनिः (SATURN)
विवस्वान आदित्य के पुत्र शनि की मूर्तियां द्रविड़ प्रदेशों में प्राप्त होती है। उसका भैसे का या अन्य मत से गिद्ध का वाहन होता है। उसका वर्ण श्याम (अन्य मत से हरा या भूरा) माना जाता है। कद में छोटे और लंगड़े शनि की चार भुजाओं में बाण, धनुष, कलश मोर अभय है।
८. राहुः (RAHU)
काश्यप ऋषि का वह पुत्र है। देवमंडल में कपट से समुद्रमंथन का अमृत पीने का उसने प्रयत्न किया था, तब विष्णु के चक्र से उसका शिरच्छेदन हुआ था ! उसका वह मस्तक राहु नाम से पहचाना जाता है। उसका वणं श्याम है और वाहन सिंह है। अन्य मत से उसे अग्निकुंड में बिठाया हुआ बताया गया है। उसका मुख भयंकर है। अपनी चार भुजाओं में वह वरद, तलवार, ढाल और शूल धारण किये होता है। राहु का मस्तक सिंह पर पूजा जाता है । दो भूजा भी होती है।
९. केतुः (KETU)
वह काश्यप ऋषि का पुत्र है । ऊपर कही गई कथा के अनुसार बिना मस्तक का जो धड़ (शरीर) पूजा जाता है, वह है केतु। धड का नाभि के नीचे का भाग सर्पपुच्छाकार है और ऊपर का भाग पुरुषाकार (मस्तक के सिवा)है। उसका वर्ण धूम्र है। अन्य मत से वह श्याम वर्ण का भी माना जाता है। उसका वाहन सर्पपुच्छ या गिद्ध माना जाता है। दो भुजाओं में वरद और गदा है। वह वैडूर्यमणि के अलंकार, और मस्तक पर मुकुट धारण किये है।
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