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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४६ भारतीय शिल्पसंहिता ५. वरुण: वरुण पश्चिम दिशा का अधिपति है । वेदों में उससे सम्बंधित कई सूक्त हैं । वह सारे विश्व को जलयुक्त करता है, इस लिये उसे वरुण कहा गया है। जगत का वह प्राणाधार माना जाता है। कर्मकांड आदि विधियों में उसका पूजन किया जाता है। जलाशयों में उसकी प्रतिमाएं रखी जाती हैं। चार भुजाओं में पाश का प्रायुध मुख्य है। उसके प्रायुध वरद, पाश, कमल और कमंडल माने जाते हैं। उसका वाहन मकर है। अन्य मत से हंस, मृग और मीन भी उसके वाहन माने गये है। उसका वर्ण श्वेत या मेघवर्ण है। उसके दायीं ओर मकरवाहिनी गंगा और बायों ओर कूर्मवाहिनी यमुना चामर ढालती बनाई गई है। कई जगह बायीं ओर पत्नी वरुणी का स्वरूप भी मिलता है। ६. वायु: वायव्य कोण का यह अधिपति है । वेद की ऋचाओं में इसे देवों का वास कहा गया है। महाभारत में भीम का और रामायण में उसे हनुमंत का पिता माना है। वायु-पुराण में उसके अनेक कथानक हैं। वायुदेव का मंदिर गुजरात में पाटन के पास है। 'वायडा ब्राह्मण' और 'वायडा वैश्य' का वह इष्टदेव माना जाता है। शामलाजी में वायुदेव की गुप्तोत्तर काल की मूर्ति है। उसका वाहन हरिण है। उसका वर्ण शीत-श्वेत या धूम्र है। उसकी चार भुजाओं के आयुधों में, ऊपर के दो हाथों में, दो ध्वज और नीचे दाये हाथ में वरद और बायें हाथ में कमंडल दिया जाता है। अन्य मत से पाश, पद्म, अंकुश और दंड भी उसके आयुध माने जाते हैं। उसकी पत्नी शिला है। ७. सोम (कुबेर): उत्तर दिशा का वह नवनिधि अधिपति है। यक्षों का अधिपति और देवों का वह कोषाध्यक्ष है। बौद्ध संप्रदाय में उसे 'धनाध्यक्ष' या जमल के नाम से पहचाना जाता है। उसकी पत्नी का नाम हरिती है, और उसका वाहन हाथी है। नरयुक्त । पश्चिमे-वरुण विमान या बकरी से जुड़ी गाडी भी उसका वाहन है। उसका वर्ण श्वेत है। और कई उसे अनेक वर्ण का भी मानते हैं। उसका पेट बड़ा है। उसके चार भुजाएं हैं। ऊपर के दो हाथों में निधि-द्रव्य की थैली होती है। शिल्पियों के मत से वह फल, गदा, कुंभ और For Private And Personal Use Only
SR No.020123
Book TitleBharatiya Shilpsamhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhashankar Oghadbhai Sompura
PublisherSomaiya Publications
Publication Year1975
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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